Fatehpur : फतेहपुर में एमएसएमई की समस्याओं पर हड़ताल का ऐलान, 10 दिसंबर से मलवाँ क्षेत्र में अनिश्चितकालीन धरना
वीरेंद्र सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एमएसएमई के विकास के लिए कई कदम उठा रहे हैं, लेकिन जिले में यह प्रयास जमीन पर उतर नहीं पा रहे। जिले के अधिकांश औद्योगिक क्षेत्रों में
फतेहपुर। उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) क्षेत्र की हालत चिंताजनक बनी हुई है। जिले के आठ औद्योगिक क्षेत्रों में अवैध कब्जे की शिकायतें आम हैं, जिससे नए उद्यमियों को जमीन मिलना मुश्किल हो गया है। इस मुद्दे को उठाने के लिए समाजसेवी वीरेंद्र सिंह ने पहल की है। उन्होंने 10 दिसंबर से मलवाँ औद्योगिक क्षेत्र में अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू करने का फैसला लिया है। सोमवार को वीरेंद्र सिंह ने हड़ताल स्थल का दौरा किया और पांडाल लगाने जैसे कार्यों के लिए दिशा-निर्देश दिए।
वीरेंद्र सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एमएसएमई के विकास के लिए कई कदम उठा रहे हैं, लेकिन जिले में यह प्रयास जमीन पर उतर नहीं पा रहे। जिले के अधिकांश औद्योगिक क्षेत्रों में सरकारी जमीन पर अनधिकृत उपयोग हो रहा है। उदाहरण के तौर पर, बिंदकी के चकहाता क्षेत्र को छोड़ दें तो अन्य जगहों पर पशु बाड़े और अन्य अनधिकृत संरचनाएं मौजूद हैं। जिला उद्योग केंद्र की रिपोर्ट के अनुसार, फतेहपुर में कुल पांच मुख्य औद्योगिक क्षेत्र हैं, जिनमें मलवाँ, हथगांव, खजुहा, तेलियानी और विजयपुर शामिल हैं। इन क्षेत्रों में औद्योगिक विकास दर सालाना मात्र 3.1 प्रतिशत है, जो राज्य के औसत से कम है।
हाल के वर्षों में जिले में सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जे के कई मामले सामने आए हैं। फरवरी 2025 में खागा तहसील में नगर पंचायत की जमीन पर अनधिकृत निर्माण की शिकायतें दर्ज हुईं। मार्च 2025 में राधा नगर थाना क्षेत्र के बक्सरपुर गांव में पशुचार की सरकारी जमीन से 38 बीघा क्षेत्र मुक्त कराया गया, जहां सात मकानों पर बुलडोजर चला। इसी तरह, फरवरी 2025 में जिले के करीब 1100 तालाबों पर कब्जे की समस्या उठी, जो भूजल स्तर गिरने का कारण बनी। ये मामले जागरण, दैनिक भास्कर और अन्य स्थानीय समाचार स्रोतों में रिपोर्ट किए गए हैं।
हड़ताल के पीछे मुख्य कारण नए उद्यमियों को जमीन न मिलना है। भावी महिला उद्यमी और युवा उद्यमी इकाई स्थापित करने के लिए जमीन की तलाश कर रहे हैं, लेकिन उपलब्ध क्षेत्र अनधिकृत उपयोग में हैं। वीरेंद्र सिंह ने कहा कि इन कब्जों को हटाकर युवाओं को जमीन आवंटित की जाए, ताकि जिले में एमएसएमई मजबूत हो सकें। हड़ताल में भावी महिला उद्यमी, बेरोजगार युवा, वर्तमान उद्यमी और वे सभी लोग शामिल होंगे जो जिले को पिछड़ेपन से बाहर निकालना चाहते हैं।
उत्तर प्रदेश में एमएसएमई की कुल संख्या 90 लाख से अधिक है, जो राष्ट्रीय स्तर पर 14 प्रतिशत है। राज्य सरकार ने हाल ही में औद्योगिक भूमि को पट्टे से स्वामित्व में बदलने की मांग पर विचार किया है, जैसा कि इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ने नवंबर 2023 में उठाया था। फतेहपुर जैसे जिलों में यह सुधार जरूरी है, जहां उद्योगों की विकास दर धीमी है। जिला प्रशासन से संपर्क करने पर बताया गया कि शिकायतों पर जांच चल रही है और उचित कदम उठाए जाएंगे। हड़ताल के माध्यम से उद्यमी अपनी मांगें मजबूती से रखेंगे।
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