संभल गंगा एक्सप्रेसवे पर भयंकर टक्कर: कार-पिकअप की आमने-सामने भिड़ंत में 6 की दर्दनाक मौत, 4 घायल; निर्माणाधीन सड़क पर सुरक्षा चिंता बढ़ी।
उत्तर प्रदेश के संभल जिले में गंगा एक्सप्रेसवे के निर्माणाधीन हिस्से पर गुरुवार शाम को एक भयावह सड़क हादसा हो गया। सब्जी से
संभल। उत्तर प्रदेश के संभल जिले में गंगा एक्सप्रेसवे के निर्माणाधीन हिस्से पर गुरुवार शाम को एक भयावह सड़क हादसा हो गया। सब्जी से लदी बोलेरो पिकअप और एक मारुति कार की आमने-सामने जोरदार टक्कर इतनी तेज थी कि दोनों वाहन बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए। इस दुर्घटना में छह लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जिनमें तीन मासूम बच्चे भी शामिल हैं। चार अन्य गंभीर रूप से घायल बताए जा रहे हैं, जिन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हादसा हयातनगर थाना क्षेत्र के रसूलपुर धतरा गांव के पास हुआ, जहां एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य चल रहा था। ग्रामीणों ने शवों को बाहर निकालने में घंटों की मशक्कत की। पुलिस ने ओवरस्पीडिंग को हादसे का मुख्य कारण बताया है, लेकिन निर्माणाधीन सड़क पर वाहनों की आवाजाही पर सवाल उठने लगे हैं।
गंगा एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश का महत्वाकांक्षी इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट है, जो मेरठ से प्रयागराज तक 594 किलोमीटर लंबा होगा। इसका निर्माण 2021 में शुरू हुआ था और चरण-1 का काम नवंबर 2025 तक पूरा होने की उम्मीद है। लेकिन कई हिस्सों में अभी भी निर्माण चल रहा है, जहां वाहन वैकल्पिक मार्गों का उपयोग कर रहे हैं। हादसा शाम करीब छह बजे हुआ, जब पिकअप मेरठ की ओर जा रही थी और मारुति कार अमरोहा से आ रही थी। दोनों वाहन एक ही लेन पर चल रहे थे, जिससे टक्कर अवश्यम्भावी हो गई। टक्कर के बाद पिकअप के परखच्चे उड़ गए और कार का आगे का हिस्सा पूरी तरह चूर-चूर हो गया। वाहनों में फंसे लोग चीखते रहे, लेकिन तेज रफ्तार ने सब कुछ तबाह कर दिया।
मौके पर पहुंचे ग्रामीणों ने बताया कि हादसे की आवाज सुनकर वे दौड़े। रसूलपुर धतरा गांव के निवासी रामू ने कहा, "धमाके जैसी आवाज आई, हमने देखा तो दोनों गाड़ियां आपस में चिपक गई थीं। हमने लोहे की रॉड और हाथों से शव निकाले, लेकिन बच्चे पहले ही दम तोड़ चुके थे।" ग्रामीणों ने करीब 45 मिनट की मशक्कत के बाद शव बाहर निकाले। पुलिस और एसएसआरटीएफ की टीम भी मौके पर पहुंची। एडीशनल एसपी कुलदीप कुमार ने बताया कि मृतकों में रेनू, सत्यवती, रिया, भास्कर, कपिल और गीता शामिल हैं। ये सभी अमरोहा जिले के आदमपुर इलाके के रहने वाले थे। एक परिवार के छह सदस्य इस हादसे का शिकार हुए। घायलों को संभल जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी हालत गंभीर है। पोस्टमॉर्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिए गए।
पुलिस जांच में सामने आया कि दोनों वाहन तेज रफ्तार में थे। एक्सप्रेसवे का यह हिस्सा निर्माणाधीन होने के कारण साइनबोर्ड और बैरिकेडिंग अपर्याप्त थी। एसपी संभल ने कहा कि वाहनों को इस रूट से गुजरने की अनुमति नहीं थी, लेकिन ड्राइवरों ने शॉर्टकट ले लिया। हादसे के बाद साइट पर वाहनों को क्रेन से हटाया गया। ट्रैफिक को डायवर्ट किया गया और जांच टीम ने सैंपल लिए। यह घटना एक्सप्रेसवे पर सुरक्षा मानकों पर सवाल खड़ी कर रही है। पिछले महीने ही हरदोई में एक इसी तरह के हादसे में चार लोग मारे गए थे। विशेषज्ञों का कहना है कि निर्माणाधीन सड़कों पर स्पीड लिमिट और चेकपॉइंट जरूरी हैं।
मृतकों के परिवारों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। अमरोहा के आदमपुर से रेनू का परिवार बता रहा है कि वे सब्जी बेचने जा रहे थे। भास्कर और कपिल दो भाई थे, जबकि रिया, सत्यवती और गीता उनके परिजन। तीन बच्चे रिया और दो अन्य की मौत ने पूरे इलाके को स्तब्ध कर दिया। एक परिजन ने कहा, "वे खुशी से लौट रहे थे, लेकिन किस्मत ने साथ छोड़ दिया।" सरकार ने मृतकों के परिवारों को दो-दो लाख रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हादसे पर शोक व्यक्त किया और एसएसपी को कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए। विपक्षी दलों ने निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर सवाल उठाए। समाजवादी पार्टी के नेता ने कहा कि एक्सप्रेसवे पर जल्दबाजी से हादसे बढ़ रहे हैं।
गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण यूपीडा द्वारा हो रहा है, जिसकी लागत 36,000 करोड़ रुपये है। यह 12 जिलों मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ और प्रयागराज से गुजरेगा। चरण-1 दिसंबर 2024 तक पूरा होने वाला था, लेकिन अब नवंबर 2025 तक विलंबित है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2021 में इसका शिलान्यास किया था। यह एक्सप्रेसवे दिल्ली-एनसीआर को पूर्वांचल से जोड़ेगा, यात्रा समय को 12 घंटे से घटाकर 5 घंटे कर देगा। लेकिन निर्माण के दौरान कई हादसे हो चुके हैं। संभल एसपी ने कहा कि अब साइट पर अतिरिक्त साइनेज लगाए जाएंगे। स्थानीय लोग चिंतित हैं, क्योंकि एक्सप्रेसवे पर वाहनों की संख्या बढ़ रही है। एक ग्रामीण ने कहा, "निर्माण पूरा होने से पहले ही इतने हादसे, पूरा होने पर क्या होगा?"
What's Your Reaction?