Kanpur News: चुन्नीगंज से कानपुर सेंट्रल तक अंडरग्राउंड स्टेशनों पर संकेतक और इंफॉर्मेशन डिस्प्ले सिस्टम किए गए इंस्टॉल।
स्टेशनों पर लगे पब्लिक इंफॉर्मेशन डिस्प्ले सिस्टम से यात्रियों को मिलेगी आने वाले ट्रेन की जानकारी ...

कानपुर मेट्रो रेल परियोजना के कॉरिडोर-1 (आईआईटी - नौबस्ता) के अंतर्गत मोतीझील से कानपुर सेंट्रल स्टेशन तक यात्री सेवाओं के विस्तार की तैयारियां अपने अंतिम चरण में हैं। शुरू होने जा रहे पांचों नए अंडरग्राउंड स्टेशन; चुन्नीगंज, नवीन मार्केट, बड़ा चौराहा, नयागंज और कानपुर सेंट्रल को यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा के मद्देनजर अंतिम रूप दिया जा रहा है। इस कड़ी में इन सभी स्टेशनों पर यात्रियों के मार्गदर्शन के लिए संकेतक या साइनेज लगा दिए गए हैं। इसके साथ ही इन स्टेशनों पर पब्लिक इनफॉरमेशन डिस्प्ले सिस्टम यानी सार्वजनिक सूचना प्रदर्शन प्रणाली की व्यवस्था भी इंस्टॉल कर दी गई है।
मेट्रो रेल संरक्षा आयुक्त (सीएमआरएस) के आगामी निरीक्षण के बाद शीघ्र ही मेट्रो यात्री सेवाओं का कानपुर सेंट्रल तक विस्तार संभव हो सकता है। ऐसे में यात्रियों की सुविधा से जुड़े सभी जरूरी इंतजामों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। मेट्रो स्टेशनों पर यात्रियों के मार्गदर्शन के लिए जरूरी सभी संकेतक या साइनेज लगा दिए गए हैं। ये संकेतक यात्रियों को प्रवेश-निकास द्वार, टिकट काउंटर, प्लैटफॉर्म आदि का रास्ता दिखाएंगे। मेट्रो स्टेशन पर लगाए गए ये संकेतक या साइनेज एलईडी आधारित हैं और दूर से भी स्पष्ट दिखाई देते हैं। प्रत्येक स्टेशन पर इंस्टॉल किए गए इन संकेतकों की संख्या औसतन 275 से अधिक है, जिन्हें स्टेशन के तीनों लेवल (ग्राउंड, कॉनकोर्स और प्लैटफॉर्म) पर लगाया गया है।
स्टेशनों पर यात्रियों के मार्गदर्शन के लिए इन संकेतकों की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है। प्रवेश, निकास, गेट संख्या, टिकट काउंटर, स्टेशन कंट्रोल रूम, पेयजल, शौचालय, लिफ्ट, फायरमैन सीढ़ी, प्लैटफॉर्म संख्या, व्हीलचेयर असिस्टेंस आदि अनेक आवश्यक सूचनाओं के लिए यात्री इन संकेतकों का सहारा लेते हैं। स्टेशनों पर स्थित तकनीकी कक्ष जहां जाने की अनुमति संबंधित विभागों के मेट्रो कर्मचारियों को ही होती है, उनमें भी ये संकेतक या साइनेज लगा दिए गए हैं। इसके अलावा वैधानिक संकेतक जैसे अग्निशमन से जुड़े संकेतक, आपातकालीन द्वार और दूसरे संकेतक जो किसी प्रकार की चेतावनी या खतरे की सूचना देते हैं, उन्हें भी यथास्थान पर लगा दिया गया है।
संकेतकों के साथ-साथ यात्री सुविधा के लिए स्टेशनों पर पब्ल्कि इंफॉर्मेशन डिस्प्ले सिस्टम यानी सार्वजनिक सूचना प्रदर्शन प्रणाली भी इंस्टॉल कर दी गई है। कॉनकोर्स और प्लैटफॉर्म लेवल पर लगी इस प्रणाली की मदद से लोगों को स्क्रीन पर आने वाली ट्रेन के प्लैटफॉर्म और समय से जुड़ी जानकारी आसानी से उपलब्ध हो जाती है। ट्रेन के आने में कितना समय शेष है, यह भी पता चलता है। एक नजर में मिलने वाली यह जानकारी अनाउंसमेंट सुनने में अक्षम मूक-बधिर दिव्यांग यात्रियों के लिए विशेष रूप से सहायक होती है।
उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (यूपीएमआरसी) के प्रबंध निदेशक सुशील कुमार ने कहा कि, ‘‘मेट्रो स्टेशनों के निर्माण में यात्रियों की सुरक्षा और सहूलियत को प्राथमिकता दी गई है। सभी स्टेशनों पर यात्रियों के मार्गदर्शन के लिए आवश्यक संकेतक और पब्लिक इनफॉरमेशन डिस्प्ले सिस्टम के इंस्टॉलेशन का काम पूरा कर लिया गया है। यात्री सेवा आरंभ करने के पूर्व की प्रक्रिया के तहत मेट्रो रेल संरक्षा आयुक्त (सीएमआरएस) से अनापत्ति प्रमाण पत्र एनओसी मिलना आवश्यक होता है। सीएमआरएस टीम द्वारा निरीक्षण के बाद जल्द ही स्वयं सीएमआरएस द्वारा निरीक्षण भी संभाव्य है।एनओसी मिलने के बाद शीघ्र ही मोतीझील से कानपुर सेंट्रल तक यात्री सेवाओं के विस्तार का शुभारंभ कर दिया जाएगा ”।
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