IPL का सबसे बड़ा विवाद- हरभजन-श्रीसंत थप्पड़ कांड, श्रीसंत की बेटी ने कहा- मैं आपसे बात नहीं करना चाहती, आपने मेरे पापा को मारा था।

Controversy of IPL: इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) ने अपनी शुरुआत से ही क्रिकेट प्रशंसकों के बीच उत्साह और रोमांच पैदा किया है, लेकिन इसके साथ कुछ विवाद ...

Jul 22, 2025 - 12:42
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IPL का सबसे बड़ा विवाद- हरभजन-श्रीसंत थप्पड़ कांड, श्रीसंत की बेटी ने कहा- मैं आपसे बात नहीं करना चाहती, आपने मेरे पापा को मारा था।
IPL का सबसे बड़ा विवाद- हरभजन-श्रीसंत थप्पड़ कांड, श्रीसंत की बेटी ने कहा- मैं आपसे बात नहीं करना चाहती, आपने मेरे पापा को मारा था।

इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) ने अपनी शुरुआत से ही क्रिकेट प्रशंसकों के बीच उत्साह और रोमांच पैदा किया है, लेकिन इसके साथ कुछ विवाद भी जुड़े हैं। इनमें से सबसे चर्चित और विवादास्पद घटनाओं में से एक है 2008 का हरभजन सिंह और श्रीसंत का थप्पड़ कांड। यह घटना न केवल मैदान पर हुई एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना थी, बल्कि इसने दोनों खिलाड़ियों, उनके प्रशंसकों और क्रिकेट जगत पर गहरा प्रभाव डाला। हरभजन सिंह ने कई बार सार्वजनिक मंचों पर अपनी गलती स्वीकार की है, लेकिन श्रीसंत की बेटी की एक मासूम टिप्पणी ने इस घटना को उनके लिए और भी भावनात्मक बना दिया। श्रीसंत की बेटी ने हरभजन से कहा, "मैं आपसे बात नहीं करना चाहती, आपने मेरे पापा को मारा था।" यह बात हरभजन को आज भी परेशान करती है।

  • थप्पड़ कांड: क्या हुआ था?

25 अप्रैल 2008 को मोहाली के पंजाब क्रिकेट एसोसिएशन स्टेडियम में किंग्स इलेवन पंजाब (अब पंजाब किंग्स) और मुंबई इंडियन्स के बीच एक रोमांचक मुकाबला हुआ। किंग्स इलेवन पंजाब ने यह मैच 66 रनों से जीता था। मैच के बाद, जब दोनों टीमें एक-दूसरे से हाथ मिलाने के लिए मैदान पर थीं, तब हरभजन सिंह (मुंबई इंडियन्स) और श्रीसंत (किंग्स इलेवन पंजाब) के बीच कुछ तीखी बातचीत हुई। गवाहों के अनुसार, श्रीसंत ने हरभजन को कुछ तंज भरे शब्द कहे, जिससे हरभजन गुस्सा हो गए। गुस्से में हरभजन ने श्रीसंत को थप्पड़ मार दिया। यह घटना इतनी तेजी से हुई कि आसपास के खिलाड़ियों को समझने में भी समय लगा।

श्रीसंत इस घटना के बाद मैदान पर ही रोने लगे, और उनके आंसुओं का वीडियो टेलीविजन पर प्रसारित हुआ, जिसने पूरे क्रिकेट जगत में हलचल मचा दी। यह IPL के पहले सीजन की बात थी, और उस समय लीग की लोकप्रियता अपने चरम पर थी। इस घटना ने न केवल दोनों खिलाड़ियों की छवि को प्रभावित किया, बल्कि IPL की खेल भावना पर भी सवाल उठाए।

इस घटना के बाद, IPL की गवर्निंग काउंसिल और बीसीसीआई ने तुरंत कार्रवाई की। हरभजन सिंह पर IPL की आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगा, और उन्हें 11 मैचों के लिए निलंबित कर दिया गया। इसके साथ ही, उनकी उस सीजन की 50% मैच फीस भी जब्त कर ली गई। हरभजन, जो उस समय मुंबई इंडियन्स के कप्तान भी थे, को बाकी सीजन के लिए कप्तानी से हटा दिया गया। श्रीसंत को भी उनकी आक्रामक टिप्पणियों के लिए चेतावनी दी गई, लेकिन उन पर कोई बड़ा दंड नहीं लगाया गया।

इस घटना ने दोनों खिलाड़ियों के बीच तनाव को बढ़ा दिया। हरभजन ने बाद में दावा किया कि उन्होंने श्रीसंत को थप्पड़ नहीं मारा, बल्कि केवल कंधे पर हल्का धक्का दिया था। हालांकि, वीडियो फुटेज और गवाहों के बयानों ने उनकी बात को गलत साबित किया। इस घटना ने दोनों खिलाड़ियों के प्रशंसकों के बीच भी तीखी बहस छेड़ दी, और सोशल मीडिया (जो उस समय उतना विकसित नहीं था) पर भी इसकी खूब चर्चा हुई।

  • हरभजन का माफी मांगना

हरभजन सिंह ने इस घटना के बाद कई बार अपनी गलती स्वीकारी। 2018 में, एक टीवी शो में, हरभजन ने कहा, "मैं अपनी गलती मानता हूं। वह एक गलत पल था, और मुझे उसका बहुत पछतावा है। श्रीसंत मेरे छोटे भाई की तरह हैं, और मैं नहीं चाहता था कि ऐसा कुछ हो।" उन्होंने यह भी बताया कि इस घटना ने उन्हें मानसिक रूप से बहुत प्रभावित किया, क्योंकि वह नहीं चाहते थे कि उनकी छवि एक आक्रामक खिलाड़ी की बने।

हरभजन ने श्रीसंत से व्यक्तिगत रूप से माफी मांगी थी, और दोनों ने बाद में कई मौकों पर एक-दूसरे के साथ मैत्रीपूर्ण व्यवहार दिखाया। 2010 में, जब दोनों भारतीय टीम के लिए एक साथ खेले, तो उन्होंने मैदान पर और बाहर अच्छा तालमेल दिखाया। हालांकि, इस घटना का एक पहलू ऐसा है जो हरभजन को आज भी परेशान करता है—श्रीसंत की बेटी की टिप्पणी।

  • श्रीसंत की बेटी की टिप्पणी

2023 में, एक रियलिटी शो के दौरान, हरभजन ने एक भावनात्मक किस्सा साझा किया। उन्होंने बताया कि कुछ साल पहले, जब वह श्रीसंत के घर गए थे, तो श्रीसंत की बेटी ने उनसे बात करने से इनकार कर दिया। उसने मासूमियत में कहा, "मैं आपसे बात नहीं करना चाहती, आपने मेरे पापा को मारा था।" यह सुनकर हरभजन को गहरा दुख हुआ। उन्होंने कहा, "उस बच्ची की बात मेरे दिल में चुभ गई। मैंने श्रीसंत से माफी मांग ली थी, लेकिन उस बच्ची की बात ने मुझे और पछतावे में डाल दिया।" यह किस्सा दर्शाता है कि इस घटना का प्रभाव केवल मैदान तक सीमित नहीं रहा, बल्कि यह व्यक्तिगत और भावनात्मक स्तर पर भी दोनों खिलाड़ियों को प्रभावित करता रहा।

श्रीसंत ने इस घटना को अपने करियर का एक कठिन दौर बताया। 2008 में, वह भारतीय क्रिकेट में एक उभरता सितारा थे, लेकिन यह घटना और बाद में 2013 का स्पॉट फिक्सिंग कांड उनके करियर के लिए घातक साबित हुआ। थप्पड़ कांड के बाद, श्रीसंत ने कई साक्षात्कारों में कहा कि वह इस घटना को भूलना चाहते हैं, क्योंकि इससे उनकी छवि पर बुरा असर पड़ा। उन्होंने यह भी कहा कि हरभजन उनके सीनियर थे, और वह उनकी इज्जत करते हैं।

हालांकि, श्रीसंत ने यह स्वीकार किया कि इस घटना ने उनके आत्मविश्वास को प्रभावित किया। 2013 में स्पॉट फिक्सिंग के आरोपों ने उनके क्रिकेट करियर को लगभग खत्म कर दिया, और वह कभी उस स्तर पर वापसी नहीं कर पाए। आज श्रीसंत कमेंट्री, रियलिटी शोज, और मलयालम फिल्मों में सक्रिय हैं, लेकिन क्रिकेट प्रशंसक उन्हें हमेशा उस तेज गेंदबाज के रूप में याद करते हैं, जो मैदान पर अपनी भावनाओं को खुलकर दिखाता था।

यह घटना भले ही 2008 की हो, लेकिन आज भी सोशल मीडिया पर इसकी चर्चा होती रहती है। हाल ही में, 2025 में, जब IPL के पुराने वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए, तो प्रशंसकों ने इस घटना को फिर से याद किया। एक यूजर (@CricketFanatic09) ने लिखा, "हरभजन और श्रीसंत का थप्पड़ कांड IPL का सबसे यादगार विवाद है। भज्जी ने माफी मांग ली, लेकिन यह किस्सा क्रिकेट फैंस कभी नहीं भूलेंगे।" वहीं, कुछ प्रशंसकों ने श्रीसंत के आक्रामक व्यवहार को भी इस घटना का कारण बताया।

2025 में, जब हरभजन ने एक पॉडकास्ट में फिर से इस घटना का जिक्र किया और श्रीसंत की बेटी की टिप्पणी का उल्लेख किया, तो प्रशंसकों ने उनकी ईमानदारी की तारीफ की। एक यूजर (@SportsLoverIND) ने लिखा, "हरभजन ने बार-बार अपनी गलती मानी, यह उनकी महानता दिखाता है। श्रीसंत की बेटी का बयान सुनकर दुख हुआ, लेकिन यह भी दिखाता है कि बच्चे कितने मासूम होते हैं।"

यह घटना IPL के इतिहास में एक काले धब्बे के रूप में दर्ज है। इसने बीसीसीआई और IPL गवर्निंग काउंसिल को आचार संहिता को और सख्त करने के लिए मजबूर किया। आज IPL में खिलाड़ियों के व्यवहार पर कड़ी नजर रखी जाती है, और किसी भी तरह की अनुशासनहीनता पर सख्त कार्रवाई की जाती है। इस घटना ने यह भी सिखाया कि मैदान पर भावनाओं को नियंत्रित करना कितना जरूरी है, खासकर जब खिलाड़ी युवाओं के लिए रोल मॉडल होते हैं।

हरभजन सिंह और श्रीसंत का थप्पड़ कांड 2008 का एक ऐसा किस्सा है, जो आज भी क्रिकेट प्रशंसकों के जेहन में ताजा है। हरभजन की माफी और श्रीसंत की बेटी की मासूम टिप्पणी ने इस घटना को और भी भावनात्मक बना दिया। यह घटना हमें यह सिखाती है कि गुस्से में लिए गए एक पल के फैसले का प्रभाव लंबे समय तक रहता है। हरभजन और श्रीसंत दोनों ने इस घटना से सबक लिया और अपने करियर में आगे बढ़े, लेकिन यह किस्सा IPL के इतिहास का एक अहम हिस्सा बना रहेगा। यह घटना न केवल खेल भावना की अहमियत को दर्शाती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि माफी और समझदारी से रिश्तों को सुधारा जा सकता है। क्रिकेट प्रशंसकों के लिए यह एक ऐसा पल है, जो विवाद और भावनाओं का अनोखा संगम बन गया।

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