गुरुग्राम में सात साल के बच्चे की चाकू मारकर हत्या- 16 वर्षीय किशोर पर आरोप, मोबाइल चोरी की रंजिश बनी वजह। 

Haryana Crime News: हरियाणा के गुरुग्राम जिले में 20 जुलाई 2025 को एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई, जिसने पूरे क्षेत्र में सनसनी....

Jul 22, 2025 - 12:35
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गुरुग्राम में सात साल के बच्चे की चाकू मारकर हत्या- 16 वर्षीय किशोर पर आरोप, मोबाइल चोरी की रंजिश बनी वजह। 
गुरुग्राम में सात साल के बच्चे की चाकू मारकर हत्या- 16 वर्षीय किशोर पर आरोप, मोबाइल चोरी की रंजिश बनी वजह। 

Haryana Crime News: हरियाणा के गुरुग्राम जिले में 20 जुलाई 2025 को एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई, जिसने पूरे क्षेत्र में सनसनी मचा दी। कुंडली-मानेसर-पलवल (KMP) एक्सप्रेसवे के पास सात साल के मासूम बच्चे आशीष की 18 बार चाकू घोंपकर निर्मम हत्या कर दी गई। इस घटना का मुख्य आरोपी पड़ोस में रहने वाला 16 वर्षीय नाबालिग किशोर है, जिसे पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। पूछताछ में किशोर ने खुलासा किया कि उसने यह हत्या मोबाइल चोरी के एक पुराने मामले में आशीष के पिता से माफी मांगने की रंजिश में की। इस घटना ने न केवल आशीष के परिवार को सदमे में डाल दिया, बल्कि समाज में बच्चों की सुरक्षा और किशोरों में बढ़ती हिंसक प्रवृत्ति को लेकर गंभीर सवाल खड़े किए हैं।

20 जुलाई 2025 को, गुरुग्राम के बिलासपुर थाना क्षेत्र के अंतर्गत कलवाड़ी गांव के पास KMP एक्सप्रेसवे की ग्रीन बेल्ट में राहगीरों को एक सात साल के बच्चे का खून से लथपथ शव मिला। शव की पहचान आशीष के रूप में हुई, जो राजस्थान के अलवर जिले के पलवारी गांव का मूल निवासी था। उसका परिवार गुरुग्राम के फतेहपुर गांव में किराए के मकान में रहता था। आशीष के पिता कमल और मां एक निजी कंपनी में नौकरी करते हैं, जहां कमल नाइट शिफ्ट और उनकी पत्नी डे शिफ्ट में काम करती हैं।

पुलिस को सूचना मिलने पर बिलासपुर थाना की टीम और फॉरेंसिक विशेषज्ञ मौके पर पहुंचे। शव के पास एक कैंची मिली, जिसे हत्या में इस्तेमाल किया गया माना जा रहा है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में पुष्टि हुई कि आशीष के शरीर पर 18 से 20 बार कैंची से वार किए गए, जो मुख्य रूप से उसकी छाती और माथे पर थे। यह क्रूरता इतनी भयावह थी कि क्षेत्र में दहशत फैल गई।

आशीष के पिता कमल ने पुलिस को बताया कि 19 जुलाई को आशीष घर के बाहर खेलने गया था, लेकिन वह रात तक वापस नहीं लौटा। परिवार ने उसकी तलाश शुरू की और गुमशुदगी की शिकायत दर्ज की। अगले दिन, 20 जुलाई को, KMP एक्सप्रेसवे के पास उसका शव मिला। कमल ने अपने बयान में पड़ोस के 16 वर्षीय किशोर पर शक जताया, जिसके बाद पुलिस ने तुरंत कार्रवाई शुरू की।

पुलिस पूछताछ में 16 वर्षीय नाबालिग आरोपी ने अपना गुनाह कबूल कर लिया। उसने बताया कि करीब दो महीने पहले उसने आशीष के पिता कमल का मोबाइल फोन चुराया था। आशीष ने उसे चोरी करते देख लिया और अपने पिता को इसकी जानकारी दी। कमल ने किशोर से फोन वापस लिया और उसे अपने और अपने पिता के सामने माफी मांगने के लिए मजबूर किया। इस अपमान से किशोर के मन में आशीष और उसके परिवार के प्रति गहरी रंजिश पैदा हो गई। उसने पुलिस को बताया, "आशीष की वजह से मेरे पिता को सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी पड़ी। मुझे बहुत गुस्सा आया, और मैंने उसी समय ठान लिया था कि मैं आशीष को नहीं छोडूंगा।"

आरोपी ने यह भी खुलासा किया कि उसने करीब एक महीने तक आशीष की हत्या की योजना बनाई। 19 जुलाई को उसे मौका मिला, जब आशीष घर के बाहर खेल रहा था। उसने आशीष को चॉकलेट का लालच देकर घर से दूर KMP एक्सप्रेसवे के पास सुनसान जगह पर ले गया। वहां कैंची से 18 से 20 बार वार करके उसने आशीष की हत्या कर दी और शव को झाड़ियों में छोड़कर भाग गया। हत्या के बाद, उसने लोगों के साथ मिलकर आशीष की तलाश में शामिल होने का नाटक भी किया ताकि उस पर शक न जाए।

बिलासपुर थाना के SHO दिलबाग सिंह ने बताया कि पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए 20 जुलाई की देर रात को नाबालिग आरोपी को गांव कलवाड़ी, नूंह से हिरासत में लिया। हत्या में इस्तेमाल की गई कैंची भी बरामद कर ली गई, जिसे फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है। पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता की धारा 103(1) (हत्या) और अन्य संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। चूंकि आरोपी नाबालिग है, उसे किशोर न्याय बोर्ड के समक्ष 21 जुलाई को पेश किया गया।

तावडू के डीएसपी अभिमन्यु ने पुष्टि की कि प्रारंभिक जांच में हत्या की वजह रंजिश सामने आई है, और पूछताछ में आरोपी ने अपना अपराध स्वीकार किया है। पुलिस अब यह भी जांच कर रही है कि क्या किशोर का कोई आपराधिक इतिहास है या उसने पहले भी इस तरह की हिंसक गतिविधियों में हिस्सा लिया था।

आशीष के माता-पिता इस घटना से गहरे सदमे में हैं। कमल ने कहा, "मैंने कभी नहीं सोचा था कि एक छोटी सी बात इतनी भयावह हत्या में बदल जाएगी। आशीष ने मुझे बताया था कि उसने पड़ोस के लड़के को मेरा फोन चुराते देखा। मैंने बस अपना फोन वापस लिया और उसे माफी मांगने को कहा। मुझे क्या पता था कि यह मेरे बेटे की जान ले लेगा।" आशीष की मां का रो-रोकर बुरा हाल है, और परिवार ने इस घटना के बाद फतेहपुर गांव छोड़ने का फैसला किया है।

इस घटना ने स्थानीय समुदाय में दहशत और आक्रोश पैदा कर दिया है। ग्रामीणों का कहना है कि इतने छोटे बच्चे की इतनी क्रूरता से हत्या किसी के लिए भी समझ से परे है। कुछ लोगों ने बच्चों की सुरक्षा को लेकर सवाल उठाए और मांग की कि स्कूलों और कॉलोनियों में बच्चों की निगरानी बढ़ाई जाए।

इस घटना का जिक्र सोशल मीडिया पर भी खूब हुआ। कई यूजर्स ने इस क्रूर हत्या की निंदा की और किशोरों में बढ़ती हिंसक प्रवृत्ति पर चिंता जताई। एक यूजर (@SachBedhadakD) ने लिखा, "7 साल के मासूम की 18 बार चाकू मारकर हत्या! यह कितना भयावह है कि एक छोटी सी रंजिश इतना बड़ा अपराध बन गई।" एक अन्य यूजर (@APillania) ने कहा, "KMP के पास हुई इस हत्या ने बच्चों की सुरक्षा पर सवाल खड़े किए हैं। सरकार को किशोर अपराध पर सख्त कानून बनाने चाहिए।"

कुछ यूजर्स ने यह भी सवाल उठाया कि क्या माता-पिता और समाज को बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य और व्यवहार पर अधिक ध्यान देना चाहिए। इस घटना ने किशोर अपराध और सामाजिक मूल्यों में कमी जैसे मुद्दों पर बहस छेड़ दी है।

यह घटना किशोरों में बढ़ती हिंसक प्रवृत्ति को उजागर करती है। हाल के वर्षों में, देश के विभिन्न हिस्सों में नाबालिगों द्वारा गंभीर अपराधों की खबरें सामने आई हैं। उदाहरण के लिए, मेरठ में जुलाई 2025 में एक नाबालिग ने दो बच्चों की हत्या की थी, जिसके पीछे उसकी मानसिक स्थिति और नशे की लत को कारण बताया गया। मनोवैज्ञानिकों का कहना है कि किशोरावस्था में गुस्सा, अपमान, और सामाजिक दबाव हिंसक व्यवहार को जन्म दे सकते हैं। इस मामले में, आरोपी किशोर ने एक छोटी सी बात को इतना बड़ा अपमान मान लिया कि उसने हत्या जैसा संगीन अपराध कर डाला।

इस घटना ने कई गंभीर सवाल खड़े किए हैं। पहला, बच्चों की सुरक्षा को लेकर माता-पिता और समाज को अधिक सतर्क रहने की जरूरत है। दूसरा, किशोरों के मानसिक स्वास्थ्य और व्यवहार पर ध्यान देना जरूरी है। स्कूलों और समुदायों में काउंसलिंग और जागरूकता कार्यक्रम शुरू किए जाने चाहिए ताकि किशोरों में गुस्से और हिंसा की प्रवृत्ति को नियंत्रित किया जा सके। तीसरा, पुलिस और प्रशासन को ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए स्थानीय स्तर पर निगरानी बढ़ानी होगी।

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