Lucknow : उत्तर प्रदेश प्रमोट फार्मा काउंसिल ने किए दो संस्थानों से एमओयू, THSTI और IIT-BHU के साथ अनुसंधान, नवाचार व स्टार्टअप में सहयोग का संकल्प
समारोह में सबसे पहले उत्तर प्रदेश प्रमोट फार्मा काउंसिल और THSTI फरीदाबाद के बीच एमओयू हस्ताक्षरित किया गया। इसके पश्चात IIT-BHU, वाराणसी के साथ भी सम
सार-
- फार्मा, बायोटेक व हेल्थ-टेक में उत्तर प्रदेश को राष्ट्रीय केंद्र बनाने की पहल
- $1 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था, बल्क ड्रग पार्क व मेडिकल डिवाइस पार्क से होगा सीधा लाभ
- प्रशासनिक, अकादमिक और औद्योगिक नेतृत्व ने साझा की राज्य की भावी रणनीति
- समझौता ज्ञापन से खुलेगा निवेश और नीति सहयोग का नया मार्ग
लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा फार्मास्यूटिकल्स, बायोटेक्नोलॉजी और मेडिकल डिवाइस सेक्टर को समेकित रूप से विकसित करने की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल की गई। लखनऊ के लाल बहादुर शास्त्री भवन में शुक्रवार को आयोजित एक समारोह में उत्तर प्रदेश प्रमोट फार्मा काउंसिल ने ट्रांसलेशनल हेल्थ साइंस एंड टेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट (THSTI), फरीदाबाद और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT-BHU), वाराणसी के साथ दो महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापनों (MoU) पर हस्ताक्षर किए।
समारोह की अध्यक्षता प्रमुख सचिव, चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण, पार्थ सारथी सेन शर्मा, आईएएस ने की। उन्होंने अपने उद्घाटन वक्तव्य में कहा कि उत्तर प्रदेश अब फार्मा और हेल्थ-टेक क्षेत्र में देश का नेतृत्व करने को तैयार है और यह समझौते इसी दिशा में मील का पत्थर सिद्ध होंगे। उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य अनुसंधान, विकास, उत्पाद निर्माण, तकनीकी हस्तांतरण, स्टार्टअप संवर्धन, कौशल विकास और नीति निर्माण के सभी पहलुओं को एकीकृत करना है।
समारोह में सबसे पहले उत्तर प्रदेश प्रमोट फार्मा काउंसिल और THSTI फरीदाबाद के बीच एमओयू हस्ताक्षरित किया गया। इसके पश्चात IIT-BHU, वाराणसी के साथ भी समझौता ज्ञापन संपन्न हुआ। दोनों संस्थानों के प्रतिनिधियों ने अपने वक्तव्यों में प्रदेश सरकार के साथ दीर्घकालिक और प्रभावी साझेदारी के प्रति प्रतिबद्धता जताई। उन्होंने बताया कि यह सहयोग फार्मा, बायोटेक और हेल्थकेयर प्रौद्योगिकी में अनुसंधान, नवाचार, स्केलेबल उत्पाद निर्माण, प्रशिक्षण कार्यक्रम, और उभरते हुए स्टार्टअप्स को समर्थन देने की दिशा में होगा।
इस अवसर पर फार्मा क्षेत्र के जाने-माने विशेषज्ञ डॉ. जी.एन. सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश में इन संस्थानों के सहयोग से अनुसंधान और नवाचार की नई दिशा तय होगी। उन्होंने प्राथमिकता वाले क्षेत्रों को चिन्हित करते हुए उनके शीघ्र क्रियान्वयन पर बल दिया। मुख्यमंत्री के सलाहकार अवनीश कुमार अवस्थी ने कहा कि यह समझौते राज्य सरकार की $1 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था की रणनीति, बल्क ड्रग पार्क, मेडिकल डिवाइस पार्क तथा आत्मनिर्भर भारत की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान देंगे। उन्होंने कहा कि यह पहल निवेश संवर्धन, नीति निर्माण और अंतरराष्ट्रीय साझेदारी को भी गति प्रदान करेगी। यह रिसर्च को प्रमोट करेगी। यमुना एक्सप्रेस वे में नया मेडिकल डिवाइस बनने की की कार्यवाही चल रही है। इसके अलावा ललितपुर में भी ड्रग्स निर्माण के लिए कार्यवाही की जा रही है।
समारोह के अंत में प्रमोट फार्मा की प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी, कृतिका शर्मा, आईएएस ने सभी प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया और आगामी कार्ययोजना प्रस्तुत की। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि उत्तर प्रदेश को फार्मा, बायोटेक और हेल्थ टेक क्षेत्र में देश का इनोवेशन हब बनाया जाए और इन समझौतों के माध्यम से हम इस दिशा में संगठित और सशक्त कदम बढ़ा रहे हैं। विशेष रूप से उपस्थित अतिथिगणों में अपर्णा यू (सचिव, चिकित्सा शिक्षा), डॉ. नित्या वाधवा (THSTI), सुशांत कुमार श्रीवास्तव (IIT-BHU) एवं प्रो. राजेश कुमार (IIT-BHU) शामिल रहे।
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