Lucknow : यूपीसीडा का हरित औद्योगिक मॉडल बना मिसाल, जल संरक्षण और ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में योगी सरकार की ठोस पहल

यूपीसीडा द्वारा जल शोधन संयंत्रों और औद्योगिक क्षेत्रों को सोलर एनर्जी से सुसज्जित किया जा रहा है। संयंत्र परिसरों में रूफटॉप सोलर पैनलों की स्थापना की जा रही है, जि

Jul 27, 2025 - 22:02
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Lucknow : यूपीसीडा का हरित औद्योगिक मॉडल बना मिसाल, जल संरक्षण और ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में योगी सरकार की ठोस पहल
यूपीसीडा का हरित औद्योगिक मॉडल बना मिसाल

सार-

  • योगी सरकार के “साफ जल, स्वच्छ उद्योग” विज़न को साकार कर रहा यूपीसीडा
  • औद्योगिक विकास के साथ पर्यावरण सुरक्षा को दी जा रही प्राथमिकता
  • आधुनिक जल शोधन संयंत्रों की स्थापना एवं उन्नयन से सपना हो रहा साकार

लखनऊ/कानपुर : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (UPSIDA) “पर्यावरण समर्थ और उद्योग समर्थ उत्तर प्रदेश” की परिकल्पना को साकार करने में जुटा है। राज्य के प्रमुख औद्योगिक क्षेत्रों में प्राधिकरण द्वारा सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (STP), वेस्ट वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट (WWTP) एवं कॉमन एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट (CETP) के माध्यम से अपशिष्ट जल को शोधित कर पुनः उपयोग किया जा रहा है।

  • अत्याधुनिक परियोजनाएं क्रियान्वित

यूपीसीडा के सीईओ मयूर महेश्वरी के नेतृत्व में जल शोधन और पुनः उपयोग की अत्याधुनिक परियोजनाएं क्रियान्वित की जा रही हैं। इसके तहत, सूरजपुर WWTP (गौतमबुद्ध नगर में 6 एमएलडी क्षमता वाले संयंत्र को एसबीआर तकनीक में अपग्रेड किया जा रहा है। इसमें 899 लाख रुपए की लागत आ रही है। इसे    जून 2026 तक पूरा किए जाने का लक्ष्य है। इसी तरह, 3.6 MLD क्षमता वाले EPIP कसना WWTP का SBR तकनीक में उन्नयन जारी है जिसकी लागत ₹678.59 लाख है। लोनी STP (गाज़ियाबाद) में 5 MLD क्षमता वाला MBBR तकनीक पर आधारित संयंत्र 100% क्षमता पर कार्यरत है। दूसरी तरफ, CETP, लोनी में डाइंग एवं टेक्सटाइल अपशिष्ट के लिए समर्पित संयंत्र की क्षमता 6 MLD से बढ़ाकर 16 MLD की जा रही है, डीपीआर तैयार है। इसकी लागत ₹42 करोड़ है। 

  • शोधित जल का पुनः उपयोग सुनिश्चित करने की दिशा में ठोस कदम

यूपीसीडा द्वारा जल शोधन संयंत्रों से निकलने वाले शोधित जल को औद्योगिक इकाइयों में कूलिंग, फ्लशिंग, बागवानी और सड़क धुलाई जैसे कार्यों में उपयोग हेतु तैयार किया जा रहा है।

  • री-यूज़ नेटवर्क का निर्माण: रिसाइकल जल के लिए अलग इंफ्रास्ट्रक्चर
  • भविष्य की योजना: सभी औद्योगिक क्षेत्रों में री-यूज़ नेटवर्क की स्थापना
  • यूपीसीडा की सर्कुलर इकोनॉमी पहल: अपशिष्ट कम, पुनर्चक्रण अधिक

“जीरो वेस्ट – मैक्सिमम रीयूज” की सोच के तहत यूपीसीडा औद्योगिक जल एवं संसाधनों के अधिकतम उपयोग की दिशा में काम कर रहा है। इसके तहत, जल शोधन संयंत्रों से निकलने वाले जल का पुनः उपयोग किया जा रहा है। साथ ही, पाइपलाइन इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण और औद्योगिक इकाइयों में रिसाइकल जल की आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है। 

  • ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में सौर ऊर्जा का उपयोग

यूपीसीडा द्वारा जल शोधन संयंत्रों और औद्योगिक क्षेत्रों को सोलर एनर्जी से सुसज्जित किया जा रहा है। संयंत्र परिसरों में रूफटॉप सोलर पैनलों की स्थापना की जा रही है, जिससे ऊर्जा लागत में कमी और कार्बन फुटप्रिंट में गिरावट आई है। इसके माध्यम से यूपीसीडा को ऊर्जा आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में बड़ी पहल की गई है। 

  • उत्तर प्रदेश बन रहा हरित और स्मार्ट इंडस्ट्रियल स्टेट

यूपीसीडा का समग्र दृष्टिकोण मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के “साफ जल, स्वच्छ उद्योग” और “ऊर्जा आत्मनिर्भरता” के विज़न को साकार करता है। इसके तहत सतत औद्योगिक विकास, पर्यावरणीय उत्तरदायित्व और प्रदूषण नियंत्रण और संसाधन संरक्षण सुनिश्चित हो रहा है।

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