Lucknow : यूपी विधानसभा में विधायक अभय सिंह ने 'AI' और 'Chat GPT' पर उठाए सवाल, हंगामे से भरा रहा विशेष प्रशिक्षण सत्र

उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष सतीश महाना ने इस सत्र की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि तकनीक समय के साथ बदलती रहती है और विधायकों के लिए नई तकनीकों को अपना

Aug 11, 2025 - 23:32
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Lucknow : यूपी विधानसभा में विधायक अभय सिंह ने 'AI' और 'Chat GPT' पर उठाए सवाल, हंगामे से भरा रहा विशेष प्रशिक्षण सत्र
यूपी विधानसभा में विधायक अभय सिंह ने 'AI' और 'Chat GPT' पर उठाए सवाल

लखनऊ : उत्तर प्रदेश विधानसभा में विधायकों के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और इसके उपयोग को समझने के लिए एक विशेष प्रशिक्षण सत्र आयोजित किया गया। इस सत्र का उद्देश्य विधायकों को तकनीकी रूप से सशक्त बनाना और AI के माध्यम से उनके कार्यों को अधिक प्रभावी बनाना था। सत्र का संचालन आईआईटी कानपुर के विशेषज्ञों डॉ. हर्षित और आशुतोष तिवारी ने किया। इस दौरान अयोध्या की गोसाईगंज सीट से विधायक अभय सिंह ने AI और चैट जीपीटी को लेकर अपने अनुभव और सवाल साझा किए, जिसने पूरे सदन को हंसी से भर दिया और उनकी बातें सोशल मीडिया पर वायरल हो गईं।

उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष सतीश महाना ने इस सत्र की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि तकनीक समय के साथ बदलती रहती है और विधायकों के लिए नई तकनीकों को अपनाना जरूरी है। AI के उपयोग से विधायकों के कार्यों में पारदर्शिता और गति लाई जा सकती है। सत्र में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडे, संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना और विभिन्न दलों के विधायकों ने हिस्सा लिया। इस प्रशिक्षण का मकसद विधायकों को AI टूल्स, उनके उपयोग और नैतिकता से जुड़े पहलुओं की जानकारी देना था। सतीश महाना ने बताया कि AI का उपयोग विधायकों को कानूनी शोध, दस्तावेज जांच और नीतियों के अध्ययन में मदद कर सकता है। यह नई तकनीक विधायकों को कानून निर्माण, जनता की राय समझने और नीतियों की तुलना करने में भी सहायक होगी।

अभय सिंह के सवालों ने मचाया हंगामा

सत्र के दौरान गोसाईगंज से विधायक अभय सिंह ने AI और चैट जीपीटी को लेकर अपने अनुभव साझा किए, जो पूरे सदन के लिए मनोरंजन का विषय बन गए। समाजवादी पार्टी से निष्कासित विधायक अभय सिंह ने चैट जीपीटी को "ठग" करार देते हुए कहा कि यह कोई मूल जानकारी नहीं देता, बल्कि यह सोशल मीडिया और अन्य स्रोतों से जानकारी इकट्ठा कर इधर-उधर करता है। उन्होंने कहा, "यह हमसे लेता है और दूसरों को देता है, फिर उनसे लेता है और हमें देता है। इसका डेटा भरोसेमंद नहीं है।"

अभय सिंह ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि उन्होंने चैट जीपीटी से नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडे के बारे में जानकारी मांगी थी, लेकिन AI ने गलत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि चैट जीपीटी ने माता प्रसाद पांडे के बारे में गलत तारीखें दीं, जबकि उनकी जानकारी सही थी। अभय सिंह ने मजाकिया अंदाज में कहा, "हम तो आपकी बात मानेंगे, चैट जीपीटी को नहीं।"

AI बना ज्योतिषी, फिर मानी गलती

अभय सिंह ने अपने एक और अनुभव को साझा करते हुए बताया कि उन्होंने चैट जीपीटी में अपनी कुंडली डाली और पूछा कि उनका राजयोग कब तक चलेगा। AI ने जवाब दिया कि उनका राजयोग खत्म हो चुका है। लेकिन जब उन्होंने अपने पंडित द्वारा दी गई जानकारी AI को बताई, तो चैट जीपीटी ने अपनी गलती स्वीकार की और कहा कि उसने उनके मूल नक्षत्र नहीं देखे थे, इसलिए गलत जानकारी दी। इसके बाद AI ने नई जानकारी दी, जो पंडित की बात से मिलती-जुलती थी। इस घटना ने सदन में ठहाके लगवाए।

AI और गूगल मैप की तुलना

अभय सिंह ने AI की तुलना गूगल मैप से करते हुए कहा कि जैसे गूगल मैप कई बार गलत दिशा दिखाकर गाड़ियों को गड्ढे में गिरा देता है, वैसे ही AI पर पूरी तरह निर्भर रहने से गलत परिणाम मिल सकते हैं। उन्होंने कहा, "अगर हम AI पर पूरी तरह निर्भर हो गए, तो हमारा बेड़ा गर्क हो जाएगा। हम ऊपर गिरेंगे या नीचे, यह भी नहीं पता।" उन्होंने यह भी पूछा कि AI कब तक इतना उन्नत होगा कि वह यह बता सके कि उनके क्षेत्र में कौन सी सड़क बनवाने से ज्यादा वोट मिलेंगे। इस सवाल पर सदन में मौजूद सभी विधायक हंसने लगे।

तीसरे विश्व युद्ध पर AI का जवाब

अभय सिंह ने एक और रोचक किस्सा साझा किया। उन्होंने बताया कि उन्होंने चैट जीपीटी से पूछा कि अगर तीसरा विश्व युद्ध हुआ, तो भारत की स्थिति क्या होगी। AI ने पहले भारत को अमेरिका के साथ दिखाया, लेकिन जब उन्होंने बताया कि अमेरिका तो पाकिस्तान का सहयोगी है, तो AI ने जवाब दिया कि भारत रूस के साथ जा सकता है। इस जवाब ने भी सदन में हंसी की लहर दौड़ा दी।

सदन में हंसी-ठहाकों का माहौल

अभय सिंह के सवालों और उनके मजाकिया अंदाज ने पूरे सदन को हंसी से भर दिया। उनकी बातों ने न केवल AI की सीमाओं को उजागर किया, बल्कि यह भी दिखाया कि तकनीक को समझने और उसका उपयोग करने से पहले उसकी कमियों को जानना जरूरी है। सत्र के दौरान विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने कहा कि इस तरह की ट्रेनिंग का मकसद ही विधायकों को AI की ताकत और कमियों से अवगत कराना है। इस सत्र में यह भी बताया गया कि AI का उपयोग विधायकों के लिए कई तरह से फायदेमंद हो सकता है। यह कानून निर्माण, नीतियों की तुलना, जनता की राय जानने और नैतिक समस्याओं की पहचान करने में मदद कर सकता है। विधानसभा में AI आधारित ऐप भी लॉन्च करने की योजना है, जो विधायकों की उपस्थिति दर्ज करने, उनके भाषणों का रिकॉर्ड रखने और महत्वपूर्ण बहसों को आसानी से खोजने में मदद करेगा।

सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो

अभय सिंह के इन बयानों का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। लोग उनके मजाकिया अंदाज और AI पर उनके सवालों की तारीफ कर रहे हैं। कई लोगों ने इसे तकनीक के प्रति जागरूकता और हास्य का बेहतरीन मिश्रण बताया।

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