महाकुम्भ (Maha Kumbh) में श्रद्धालुओं को महाशगुन : सौंपे गए 51 हजार तुलसी के पौधे
CM योगी (Yogi) द्वारा सम्मानित सबसे कम उम्र के गंगा सेवक एवं पर्यावरणविद् मानस चिरविजय सांकृत्त्यायन ने कहा कि पहली बार महाकुम्भ (Maha Kumbh) में श्रद्धालुओं को अनोखा महाशगुन मि...

सार-
- महाकुम्भ (Maha Kumbh) में पहली बार नवसृजित परम्परा के अनुसार कल्पवासियों, श्रद्धालुओं को भेंट किए तुलसी, केला और जौ के पौधे
- भारत समेत रूस, जर्मनी, फ्रांस, इजरायल, इटली की पीढ़ियों के सामने हमेशा रहेगा महाकुम्भ (Maha Kumbh) का महाप्रसाद
- प्रयागराज का मशहूर लाल अमरूद, नीम, बेल, तुलसी, आम के पौधे ले गए विदेशी श्रद्धालु
- CM योगी (Yogi) के निर्देश पर वन एवं पर्यावरण विभाग के सहयोग से बड़े हनुमान मंदिर-बाघंबरी मठ से श्रद्धालुओं को दी गई अमिट निशानी
- देश के कोने कोने से आए हजारों साधु, संतों और कल्पवासियों ने की प्रशंसा
By INA News Lucknow- Prayagraj.
लखनऊ / प्रयागराज: महाकुम्भ (Maha Kumbh) में ऐतिहासिक पहल के तहत देश-विदेश से आए संतों और श्रद्धालुओं को शगुन के रूप में 51 हजार तुलसी के पौधे भेंट किए गए। पहली बार आयोजित इस नवसृजित परंपरा के तहत कल्पवासियों और श्रद्धालुओं को तुलसी, केला और जौ भेंट किया गया। CM योगी (Yogi) आदित्यनाथ के निर्देश पर वन एवं पर्यावरण विभाग के सहयोग से बड़े हनुमान मंदिर-बाघंबरी मठ की तरफ से श्रद्धालुओं को यह अमिट निशानी सौंपी गई।
इसमें प्रयागराज का मशहूर लाल अमरूद, नीम, बेल, तुलसी, आम के पौधे भी संतों और श्रद्धालुओं को दिए गए। जिसे विदेशी श्रद्धालु अपने साथ ले गए। अब भारत समेत रूस, जर्मनी, फ्रांस, इजरायल, इटली की पीढ़ियों के सामने महाकुम्भ (Maha Kumbh) का महाप्रसाद यादगार निशानी के तौर पर हमेशा मौजूद रहेगा।
- विदेशी श्रद्धालुओं के लिए अमूल्य भेंट
डीएफओ प्रयागराज अरविंद कुमार यादव ने बताया कि रूस, जर्मनी, फ्रांस, इजरायल और इटली से आए श्रद्धालु यहां के अमरूद, बेल, आम और तुलसी के पौधों को अपने देश ले गए।
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जिससे यह महाकुम्भ (Maha Kumbh) पीढ़ियों तक याद रखा जाएगा। CM योगी (Yogi) के विजन के तहत इस परंपरा को शुरू किया गया। जिसे अखाड़ों, महामंडलेश्वरों और संत समाज ने खूब सराहा।
- पहली बार महाकुम्भ (Maha Kumbh) में श्रद्धालुओं को मिला अनोखा महाशगुन
CM योगी (Yogi) द्वारा सम्मानित सबसे कम उम्र के गंगा सेवक एवं पर्यावरणविद् मानस चिरविजय सांकृत्त्यायन ने कहा कि पहली बार महाकुम्भ (Maha Kumbh) में श्रद्धालुओं को अनोखा महाशगुन मिला है। इस नई परंपरा के तहत श्रद्धालुओं को तुलसी, केला और जौ का संगम भेंट किया गया। जिसे वे हमेशा यादगार के तौर पर सुरक्षित रख सकेंगे। साथ ही आने वाली पीढ़ियां भी हमेशा इसका आनंद लेती रहेंगी।
- बड़े हनुमान मंदिर और बाघंबरी मठ से श्रद्धालुओं को विशेष प्रसाद
बड़े हनुमान मंदिर और बाघंबरी मठ से श्रद्धालुओं को विशेष प्रसाद दिया गया। श्रद्धालुओं को तुलसी, बेल, आम और लाल अमरूद के पौधे देकर एक अनोखी निशानी भेंट की गई।
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वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की इस मुहिम से न केवल धार्मिक बल्कि पारिस्थितिक संतुलन को भी बल मिलेगा।
- आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचेगा प्रयागराज का अमरूद और बेल का स्वाद
महाकुम्भ (Maha Kumbh) से मिली यह अनोखी भेंट आने वाले वर्षों तक भारत और विदेशों में श्रद्धालुओं की यादों में ताजा रहेगी। आने वाली पीढ़ियों तक प्रयागराज के अमरूद और बेल का स्वाद हमेशा पहुंचता रहेगा।
कल्पवासियों और संत समाज ने इस पहल की जमकर सराहना की है।
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