Deoband News: एमओएम का उद्देश्य इस्लामी शिक्षा को सभी के लिए सुलभ बनाना: मौलाना बदरुद्दीन
दो दिवसीय मरकजुल मआरिफ के सेमिनार का समापन, दारुल उलूम के उस्ताद बोले: मरकज ने अंग्रेजी को बनाया दीनदार....
देवबंद। मरकज़ुल मआरिफ एजुकेशन एंड रिसर्च सेंटर (एमएमईआरसी) के संस्थापक व दारुल उलूम की मजलिस-ए-शूरा के सदस्य मौलाना बदरुद्दीन अजमल ने कहा कि मरकज ऑनलाइन मदरसा (एमओएम) का उद्देश्य आधुनिक संचार प्रौद्योगिकी और प्रत्यक्ष शिक्षण पद्धति का उपयोग करके इस्लामी शिक्षा को अधिकतम आसानी से सभी के लिए सुलभ बनाना है।
दो दिवसीय सेमिनार के समापन अवसर पर पूर्व सांसद मौलाना बदरुद्दीन अजमल ने कहा कि संस्था का उद्देश्य मदरसों के स्नातकों को समकालीन संचार तकनीकों के साथ अंग्रेजी भाषा और साहित्य में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना है। उन्होंने कहा कि पूर्व में लिया गया मरकज ऑनलाइन मदरसा की अनूठी परियोजना को शुरु करने का संकल्प आज पूरा हुआ है। दारुल उलूम के नायब मोहतमिम मौलाना मुफ्ती राशिद आजमी ने ऑनलाइन मदरसा की प्रशंसा करते हुए कहा कि आधुनिक युग में ऑनलाइन मुदर्रिस देखे अब ऑनलाइन मदरसा भी देखेंगे। उम्मीद है कि इससे कौम के बच्चे लाभांवित होंगे, और इस्लामी तालीम को दुनिया के कोने कोने तक पहुंचाने का काम करेंगे।
दारुल उलूम के वरिष्ठ उस्ताद मौलाना सलमान बिजनौरी ने कहा कि यह ऐतिहासिक पल हैं जब मौलाना बदरुद्दीन के प्रयासों से संचालित मरकज ऑनलाइन मदरसा ने अंग्रेजी को भी दीनदार बना दिया। मदरसा जामिया तुश शेख हुसैन अहमद अल मदनी के मोहतमिम मौलाना मुजम्मिल अली ने कहा कि आज के दौर में अंग्रेजी भाषा का ज्ञान होना बेहद जरुरी हो गया है। इसलिए एमओएम ने अंग्रेजी भाषा में इस्लामी तालीम देने के लिए ऑनलाइन मदरसे की शुरुआत की है।अध्यक्षता मौलाना अबुल कासिम नोमानी व संचालन मौलाना तौकीर ने किया। इस मौके पर मौलाना मुनीरुद्दीन, मौलाना मुफ्ती मोहम्मदउल्लाह, शम्स तबरेज, डॉ. नवाज देवबंदी, मौलाना शौकत बस्तवी, अब्दुल खालिक मद्रासी आदि मौजूद रहे।
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