मनरेगा में चकमार्ग निर्माण की आड़ में घोटाला, प्रधान-रोजगार सेवक की मिलीभगत से घास छिलाई का फर्जीवाड़ा।
Sitapur: महमूदाबाद सीतापुर सरकार की महत्वाकांक्षी मनरेगा योजना कागजों पर भले ही मजदूरों के लिए वरदान कही जाने वाली योजना बताई जा रही हो लेकिन धरातल पर मजदूरों को लाभ
रिपोर्ट- संदीप चौरसिया
महमूदाबाद/सीतापुर: सरकार की महत्वाकांक्षी मनरेगा योजना कागजों पर भले ही मजदूरों के लिए वरदान कही जाने वाली योजना बताई जा रही हो लेकिन धरातल पर मजदूरों को लाभ नहीं मिल रहा है। ताजा मामला विकास खण्ड पहला की ग्राम पंचायत तुरसेना भ्रष्टाचारियों के द्वारा मनरेगा कार्यों में जमकर खेल खेला जा रहा है। गांव के मुखिया और रोजगार सेवक को विकास कार्यों के दुश्मन कहना कुछ ग़लत नहीं होगा क्योंकि सरकार के द्वारा सरकारी योजनाओं को लेकर धनराशि तो दी जा रही है लेकिन भ्रष्टाचार के चलते धरातल पर कम और भ्रष्टाचारियों के तिजोरियों में अधिक मात्रा में जा रही है।
इस ग्राम पंचायत में मनरेगा योजना के अंतर्गत विक्रम के घर से प्रेम की बोरिंग तक चक मार्ग निर्माण कार्य करवाया जा रहा है। जिसमें सूत्रों की मानें तो दो दर्जन से अधिक श्रमिकों को दर्शाया जा रहा है। लेकिन धरातल पर चक मार्ग निर्माण के नाम पर सिर्फ घास छीलने का काम किया जा रहा है और धरातल पर कागजों के विपरीत श्रमिकों को कार्य करते हुए पाया जाता है। तो वहीं दूसरे कार्य में कूप से पंचायत भवन तक सोलिंग पटरी निर्माण कार्य में भी फर्जी तरीके से श्रमिकों की हाजिरी लगाई जा रही है। चक मार्ग निर्माण कार्य के नाम घास छीलने को लेकर जब पंचायत में तैनात सचिव आशीष कुमार रावत को फोन किया गया तो उनका फोन बंद मिला।
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