Operation Sindoor: 'Team India' is ready- शशि थरूर, सुप्रिया सुले, रविशंकर प्रसाद सहित सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल पूरी दुनिया में करेंगे पाकिस्तान के आतंकवाद को एक्सपोज।
भारत ने आतंकवाद के खिलाफ अपनी जीरो टॉलरेंस नीति को और मजबूत करते हुए वैश्विक मंच पर पाकिस्तान के आतंकवादी ....

Operation Sindoor; भारत ने आतंकवाद के खिलाफ अपनी जीरो टॉलरेंस नीति को और मजबूत करते हुए वैश्विक मंच पर पाकिस्तान के आतंकवादी नेटवर्क को बेनकाब करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत हाल ही में पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकी ठिकानों पर की गई सटीक सैन्य कार्रवाई के बाद अब भारत ने सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों का गठन किया है। इनमें शशि थरूर, सुप्रिया सुले, रविशंकर प्रसाद, संजय कुमार झा, बैजयंत पांडा, कनिमोझी और श्रीकांत शिंदे जैसे दिग्गज नेता शामिल हैं। ये प्रतिनिधिमंडल वैश्विक मंचों पर जाकर पाकिस्तान के आतंकवाद प्रायोजित तंत्र को उजागर करेंगे। इसकी जानकारी केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए दी।
किरेन रिजिजू का बयान: भारत एकजुट, दुनिया को दिखाएंगे सचकिरेन रिजिजू ने एक्स पर अपनी पोस्ट में लिखा, "सबसे अहम पलों में भारत एकजुट खड़ा होता है। सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल जल्द ही वैश्विक समुदाय के सामने ऑपरेशन सिंदूर की सच्चाई और आतंकवाद के खिलाफ भारत की दृढ़ नीति को प्रस्तुत करेंगे।" उन्होंने इस पोस्ट में ऑपरेशन सिंदूर को भारत की राष्ट्रीय एकता और शक्ति का प्रतीक बताते हुए कहा कि यह अभियान न केवल आतंकवाद के खिलाफ एक सैन्य कार्रवाई है, बल्कि यह देश की एकजुटता और संकल्प का भी परिचायक है।
- ऑपरेशन सिंदूर:
आतंकवाद के खिलाफ भारत की निर्णायक कार्रवाई
ऑपरेशन सिंदूर को 6-7 मई 2025 की रात को अंजाम दिया गया था, जब भारतीय सशस्त्र बलों ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जवाब देते हुए पाकिस्तान और PoK में नौ आतंकी ठिकानों पर सटीक मिसाइल हमले किए। इन हमलों में लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों के कम से कम 100 आतंकवादी मारे गए, जिनमें कई शीर्ष कमांडर शामिल थे। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सर्वदलीय बैठक में बताया कि यह ऑपरेशन अभी भी जारी है, और तकनीकी जानकारी साझा नहीं की जा सकती। इस ऑपरेशन में भारतीय वायुसेना ने स्वदेशी तकनीक और ब्रह्मोस मिसाइलों का उपयोग कर पाकिस्तान के नूर खान, रहीम यार खान, सुक्कुर, रावलपिंडी और सरगोधा जैसे प्रमुख एयरबेस और आतंकी ठिकानों को ध्वस्त किया। अमेरिकी कंपनी मैक्सार की सैटेलाइट तस्वीरों ने भी इन हमलों में हुए नुकसान की पुष्टि की, जिसने पाकिस्तान के दुष्प्रचार को बेनकाब किया।
सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल: 'टीम इंडिया' की वैश्विक यात्राकेंद्र सरकार ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद वैश्विक समुदाय को भारत की स्थिति से अवगत कराने के लिए सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों का गठन किया है। इनमें शामिल प्रमुख नेता हैं:
शशि थरूर (कांग्रेस): अपनी कूटनीतिक विशेषज्ञता और वैश्विक मंचों पर प्रभावशाली उपस्थिति के लिए जाने जाते हैं।
रविशंकर प्रसाद (बीजेपी): कानून और विदेश नीति के दिग्गज, जो भारत की बात को दमदार तरीके से रखेंगे।
सुप्रिया सुले (एनसीपी): शरद पवार की करीबी सहयोगी, जो क्षेत्रीय और राष्ट्रीय मुद्दों पर मुखर रही हैं।
संजय कुमार झा (जेडीयू): बिहार के प्रमुख नेता, जो सर्वदलीय एकता को मजबूत करेंगे।
बैजयंत पांडा (बीजेपी): ओडिशा से सांसद, जो अपनी कूटनीतिक समझ के लिए जाने जाते हैं।
कनिमोझी (डीएमके): तमिलनाडु की प्रभावशाली नेता, जो दक्षिण भारत का प्रतिनिधित्व करेंगी।
श्रीकांत शिंदे (शिवसेना): महाराष्ट्र से युवा और ऊर्जावान नेता।ये प्रतिनिधिमंडल दुनिया भर के देशों, विशेष रूप से संयुक्त राष्ट्र, FATF, और अन्य अंतरराष्ट्रीय मंचों पर जाकर ऑपरेशन सिंदूर की आवश्यकता और इसके परिणामों को समझाएंगे। साथ ही, पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंकवादी संगठनों जैसे द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF), लश्कर-ए-तैयबा, और जैश-ए-मोहम्मद के खिलाफ कार्रवाई की मांग करेंगे।
- वैश्विक मंच पर पाकिस्तान को बेनकाब करने की रणनीति
भारत की यह रणनीति न केवल सैन्य, बल्कि कूटनीतिक मोर्चे पर भी आक्रामक है। रक्षा खुफिया एजेंसी के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल डीएस राणा ने हाल ही में 70 देशों के राजनयिकों को ऑपरेशन सिंदूर की विस्तृत जानकारी दी, जिसमें आतंकी ठिकानों को नष्ट करने की प्रक्रिया और सबूत शामिल थे। भारत ने यह स्पष्ट किया कि अब कोई भी आतंकी हमला 'युद्ध की कार्रवाई' माना जाएगा।AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी सुझाव दिया था कि भारत को TRF के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय अभियान चलाना चाहिए और पाकिस्तान को FATF की ग्रे-लिस्ट में डालने के लिए दबाव बनाना चाहिए। यह प्रतिनिधिमंडल इन सुझावों को वैश्विक मंचों पर उठाने की तैयारी में है।
- पाकिस्तान की बौखलाहट और भारत की एकजुटता
ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान ने कई बार भारत के खिलाफ दुष्प्रचार करने की कोशिश की, लेकिन भारत ने हर बार तथ्यों के साथ उसका जवाब दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा था, "आतंक और बातचीत एक साथ नहीं हो सकते। पाकिस्तान को अगर बचना है, तो उसे अपने आतंकी ढांचे को खत्म करना होगा।"सर्वदलीय बैठक में विपक्षी नेताओं, जैसे राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे, ने भी सरकार का पूरा समर्थन किया। खरगे ने कहा, "संकट की घड़ी में हम सरकार के साथ हैं।" इस एकजुटता ने भारत की वैश्विक छवि को और मजबूत किया है।
ऑपरेशन सिंदूर और इसके बाद गठित सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भारत की नई वैश्विक भूमिका को रेखांकित करते हैं। यह न केवल आतंकवाद के खिलाफ भारत की सैन्य और काला टेक्नोलॉजी क्षमता को दर्शाता है, बल्कि कूटनीतिक मोर्चे पर भी भारत की बढ़ती ताकत को उजागर करता है। किरेन रिजिजू ने अपनी एक अन्य पोस्ट में लिखा, "ऑपरेशन सिंदूर भारत के जिम्मेदार और शक्तिशाली राष्ट्र के रूप में उभरने का प्रतीक है।"आने वाले दिनों में ये प्रतिनिधिमंडल वैश्विक समुदाय को यह समझाने में अहम भूमिका निभाएंगे कि आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई न केवल अपने देश की सुरक्षा के लिए, बल्कि वैश्विक शांति और स्थिरता के लिए भी है।
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