Shahjahanpur News: शाहजहाँपुर में मासूम की निर्मम हत्या की कोशिश, दो दिन की बच्ची को गड्ढे में दफनाने की साजिश, मजदूरों ने बचाई जान
नजदीक काम कर रहे मजदूरों ने इस घटना को देख लिया और कुछ ही देर बाद बच्ची की रोने की आवाज सुनी। गड्ढे में मासूम को दबा हुआ...

By INA News Shahjahanpur.
शाहजहाँपुर: उत्तर प्रदेश से एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है, जो मानवता को शर्मसार करने वाला है। एक माँ ने अपनी नवजात बेटी, जो महज दो दिन की थी, को सुनसान इलाके में गड्ढे में दफनाने की कोशिश की। इस घिनौने कृत्य में उसकी नानी और दादी भी शामिल थीं। यह घटना तब सामने आई, जब नगर निगम के निर्माणाधीन कार्यालय के पास काम कर रहे मजदूरों ने बच्ची की रोने की आवाज सुनी और उसे गड्ढे से निकालकर उसकी जान बचाई।
यह शर्मनाक घटना शाहजहाँपुर के थाना सदर बाजार क्षेत्र में हुई। पुलिस के अनुसार, बच्ची का जन्म राजकीय मेडिकल कॉलेज में हुआ था। जन्म के समय पता चला कि बच्ची का होंठ कटा हुआ है, जिसके कारण परिवार ने उसे स्वीकार करने से इनकार कर दिया। सोमवार, 19 मई 2025 को माँ को अस्पताल से छुट्टी मिली, और उसी दिन बच्ची की नानी और दादी उसे लेकर नगर निगम के निर्माणाधीन कार्यालय के पास एक सुनसान जगह पर पहुंचीं। वहाँ उन्होंने बच्ची को एक गड्ढे में डालकर उस पर मिट्टी डाल दी और वहाँ से चली गईं।
नजदीक काम कर रहे मजदूरों ने इस घटना को देख लिया और कुछ ही देर बाद बच्ची की रोने की आवाज सुनी। गड्ढे में मासूम को दबा हुआ देखकर मजदूरों ने तुरंत उसे बाहर निकाला और पुलिस को सूचना दी। बच्ची को तत्काल राजकीय मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया, जहाँ उसका इलाज चल रहा है।
मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. राजेश कुमार ने बताया कि बच्ची का होंठ कटा हुआ है, जिसके कारण उसे शुरुआत में सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। त्वरित चिकित्सा सहायता के बाद अब उसकी हालत स्थिर है। डॉक्टरों ने सुझाव दिया था कि बच्ची को विशेष उपचार के लिए लखनऊ रेफर किया जाए, लेकिन परिवार ने इस सलाह को नजरअंदाज कर इस क्रूर कदम को चुना।
थाना सदर बाजार के इंस्पेक्टर अश्वनी सिंह ने बताया कि बच्ची के माता-पिता की पहचान कर ली गई है। माँ और परिवार के अन्य सदस्य थाना सदर बाजार क्षेत्र के एक मोहल्ले में रहते हैं। बच्ची का पिता मजदूरी करता है, और यह उसकी दूसरी बेटी थी। पुलिस ने बताया कि बच्ची के होंठ कटे होने के कारण परिवार ने उसे बोझ मानकर इस अमानवीय कदम को अंजाम दिया।चाइल्डलाइन और चाइल्ड वेलफेयर कमेटी (CWC) की टीम ने भी घटनास्थल का दौरा किया और मामले की जांच शुरू की। पुलिस ने माँ, नानी, और दादी के खिलाफ कठोर कार्रवाई की बात कही है। परिवार अब माफी मांग रहा है, लेकिन इस घटना ने समाज में गहरी नाराजगी पैदा की है।
यह घटना न केवल एक परिवार की संवेदनहीनता को दर्शाती है, बल्कि समाज में गहरे बैठे लैंगिक भेदभाव और शारीरिक अक्षमता के प्रति नकारात्मक दृष्टिकोण को भी उजागर करती है। दूसरी बेटी के जन्म और उसके होंठ कटे होने को परिवार ने अभिशाप मान लिया, जिसके चलते उन्होंने मासूम की जान लेने की कोशिश की। यह मामला उन सामाजिक कुरीतियों की ओर इशारा करता है, जो आज भी बेटियों और शारीरिक रूप से अक्षम बच्चों के प्रति भेदभाव को बढ़ावा देती हैं।
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इस घटना में मजदूरों की सूझबूझ और मानवता की मिसाल सामने आई। अगर उन्होंने समय रहते बच्ची की रोने की आवाज पर ध्यान न दिया होता, तो शायद यह मासूम जिंदा न बच पाती। मजदूरों ने न केवल बच्ची को गड्ढे से निकाला, बल्कि पुलिस और मेडिकल टीम को तुरंत सूचित कर उसकी जान बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
पुलिस इस मामले की गहन जांच कर रही है। बच्ची की माँ, नानी, और दादी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 307 (हत्या का प्रयास) और अन्य संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। इसके अलावा, चाइल्डलाइन और CWC बच्ची के भविष्य और पुनर्वास के लिए कदम उठा रही हैं। यह भी सुनिश्चित किया जा रहा है कि बच्ची को उचित चिकित्सा और देखभाल मिले।
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