Ayodhya News: राम नगरी में ISI की साजिश बेनकाब, अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा के बाद ज्योति मल्होत्रा (Jyoti Malhotra) की संदिग्ध गतिविधियों का खुलासा

ज्योति और अली हसन नामक आईएसआई मुखबिर के बीच व्हाट्सएप चैट जांचकर्ताओं के हाथ लगी है। वहां दो लोग सांकेतिक भाषा में बातचीत कर रहे थे। एक बार अली ने पूछा कि क्या ज्योति ने अटा...

May 20, 2025 - 21:40
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Ayodhya News: राम नगरी में ISI की साजिश बेनकाब, अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा के बाद ज्योति मल्होत्रा (Jyoti Malhotra) की संदिग्ध गतिविधियों का खुलासा

By INA News Ayodhya.

अयोध्या, जिसे राम नगरी के नाम से जाना जाता है, एक बार फिर सुर्खियों में है, लेकिन इस बार धार्मिक उत्साह के लिए नहीं, बल्कि एक चौंकाने वाली जासूसी साजिश के कारण। हरियाणा की यात्रा व्लॉगर और यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा (Jyoti Malhotra) की गिरफ्तारी ने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) से जुड़े एक गहरे षड्यंत्र का पर्दाफाश किया है। ज्योति, जो अपने यूट्यूब चैनल 'Travel with JO' के जरिए लाखों फॉलोअर्स के बीच लोकप्रिय थीं, पर आरोप है कि उन्होंने भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित संवेदनशील जानकारी ISI को मुहैया कराई।

प्राण प्रतिष्ठा और ज्योति का अयोध्या दौरा

22 जनवरी 2024 को अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि मंदिर में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा का भव्य आयोजन हुआ, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित देश-विदेश के गणमान्य लोग शामिल हुए। इस ऐतिहासिक घटना के ठीक अगले दिन, ज्योति मल्होत्रा (Jyoti Malhotra) अयोध्या पहुंचीं। उनकी यह यात्रा अब संदेह के घेरे में है, क्योंकि जांच में पता चला है कि उन्होंने प्रमुख मंदिरों और सरयू घाट जैसे संवेदनशील स्थानों के वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर पोस्ट किए।Jyoti Malhotra: ज्योति की चैट आई सामने, कोडवर्ड में ISI के हैंडलर से होती  थी बात,जांच एजेंसियों का मानना है कि ये वीडियो केवल पर्यटन सामग्री नहीं थे, बल्कि इनके जरिए ज्योति संवेदनशील जानकारी एकत्र कर रही थीं। खास तौर पर, उनकी गतिविधियां उस समय और संदिग्ध हो गईं, जब यह सामने आया कि वह 6 मई 2025 को, यानी भारत द्वारा ऑपरेशन सिंदूर शुरू करने से ठीक एक दिन पहले, पाकिस्तानी हाई कमीशन के अधिकारी एहसान-उर-रहीम उर्फ दानिश के संपर्क में थीं।

ज्योति का पाकिस्तान प्रेम

सूत्रों के अनुसार, ज्योति और अली हसन नामक आईएसआई मुखबिर के बीच व्हाट्सएप चैट जांचकर्ताओं के हाथ लगी है। वहां दो लोग सांकेतिक भाषा में बातचीत कर रहे थे। एक बार अली ने पूछा कि क्या ज्योति ने अटारी सीमा पर किसी भारतीय एजेंट को विशेष 'प्रोटोकॉल' प्राप्त करते देखा है। गोवांडा का कहना है कि पूरी चैट में 'प्रोटोकॉल' और 'अंडरकवर एजेंट' शब्दों का कई बार इस्तेमाल किया गया था। ऐसा माना जाता है कि यहीं से आईएसआई ने ज्योति का इस्तेमाल भारतीय एजेंटों के लिए सूचनाएं जुटाने के लिए किया।Jyoti Malhotra, the spy: A new trick in the ISI book? - The Economic Timesचैट में अली ने आगे पूछा, “जब आप अटारी में थे तो ‘प्रोटोकॉल’ किसे मिला?” जवाब में ज्योति ने कहा, "मुझे कोई 'प्रोटोकॉल' नहीं मिला।" अली ने कहा कि यह देखकर कि किसे 'प्रोटोकॉल' प्राप्त होता है, गुप्तचर एजेंटों की शीघ्र पहचान करना संभव है। जवाब में ज्योति ने कहा, "वे इतने मूर्ख नहीं हैं।" कहने की जरूरत नहीं कि ज्योति और अली ने पूरी बातचीत के दौरान कोड भाषा में बात की। जासूस फिलहाल इन सभी शब्दों का अर्थ जानने की कोशिश कर रहे हैं। 

ISI से संबंध और जासूसी का जाल

ज्योति मल्होत्रा (Jyoti Malhotra) की गिरफ्तारी के बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA), खुफिया ब्यूरो (IB), और हरियाणा पुलिस की संयुक्त टीम ने उनसे गहन पूछताछ की। जांच में सामने आया कि ज्योति 2023 में बैसाखी उत्सव के लिए पाकिस्तान गई थीं, जहां उनकी मुलाकात दानिश से हुई। दानिश, जो पाकिस्तानी हाई कमीशन में एक प्रमुख अधिकारी थे, को 13 मई 2025 को भारत द्वारा निष्कासित कर दिया गया।

व्हाट्सएप और टेलीग्राम जैसे प्लेटफॉर्म्स पर ज्योति और ISI हैंडलर अली हसन के बीच हुई बातचीत में कोडवर्ड्स का इस्तेमाल सामने आया। एक चैट में अली ने ज्योति से अटारी बॉर्डर पर "प्रोटोकॉल" प्राप्त करने वाले व्यक्तियों की पहचान करने को कहा, जो भारतीय खुफिया एजेंटों की निगरानी का संकेत देता है। ज्योति ने जवाब में कहा, "वे इतने मूर्ख नहीं थे," जिससे जांचकर्ताओं को संदेह हुआ कि वह जानबूझकर ISI की मदद कर रही थीं।

सोशल मीडिया का दुरुपयोग

ज्योति मल्होत्रा (Jyoti Malhotra), जिनके यूट्यूब पर करीब 4 लाख और इंस्टाग्राम पर 1.32 लाख फॉलोअर्स हैं, ने अपनी लोकप्रियता का इस्तेमाल ISI के लिए सूचनाएं एकत्र करने और पाकिस्तान का सकारात्मक प्रचार करने में किया। जांच में यह भी पता चला कि उनकी यात्राओं का खर्च, विशेष रूप से पाकिस्तान और चीन की यात्राओं का, उनकी आय से मेल नहीं खाता। सूत्रों के अनुसार, ज्योति ने पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में भी संपर्क स्थापित किए थे, जो आतंकी गतिविधियों के लिए कुख्यात है।Jyoti Malhotra News: ज्योति मल्होत्रा की ISI हैंडलर से Whatsapp चैट,  'प्रोटोकॉल' और 'अंडरकवर एजेंट' जैसे शब्दों से गहराया शक - jyoti malhotra  haryana youtuber news pakistan isi ...उनके फोन की फोरेंसिक जांच में दानिश के साथ दो चैट्स डिलीट करने के सबूत मिले, जो संभवतः गोपनीय जानकारी या निर्देशों से संबंधित थे। इसके अलावा, ज्योति की 2024 में चीन और बांग्लादेश की यात्राएं भी जांच के दायरे में हैं।

अन्य संदिग्धों के साथ नेटवर्क

ज्योति मल्होत्रा (Jyoti Malhotra) अकेली नहीं थीं। पिछले तीन दिनों में, भारत भर में 11 अन्य लोग, जिनमें एक छात्र, एक सिक्योरिटी गार्ड, और एक ऐप डेवलपर शामिल हैं, को ISI के लिए जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया गया। इनमें से एक, पंजाब के खालसा कॉलेज का छात्र देवेंद्र सिंह, ने भी संवेदनशील सैन्य जानकारी ISI को दी। यह गिरफ्तारियां 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम आतंकी हमले के बाद शुरू हुए ऑपरेशन सिंदूर के परिणामस्वरूप हुईं, जिसमें 26 लोग मारे गए थे।

अयोध्या, जो पहले से ही धार्मिक और रणनीतिक महत्व का केंद्र है, में इस तरह की जासूसी गतिविधियों ने सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ा दी है। ज्योति का अयोध्या दौरा और वहां की उनकी गतिविधियां, खासकर प्राण प्रतिष्ठा जैसे संवेदनशील समय के दौरान, इस बात का संकेत देती हैं कि ISI भारत के धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्रों को निशाना बना रहा है।

हिसार, जहां ज्योति रहती थीं, भी एक प्रमुख सैन्य केंद्र है, जिसमें सेना का घुड़साल, BSF कैंपस, और पास के सिरसा में वायुसेना का बेस शामिल है। इस क्षेत्र में पहले भी ISI की गतिविधियां देखी गई हैं, और ज्योति का मामला इस खतरे की नई रणनीति को उजागर करता है।Haryana YouTuber Jyoti Malhotra built contacts as far as Afghanistan borderज्योति मल्होत्रा (Jyoti Malhotra) को पांच दिनों की पुलिस रिमांड पर लिया गया है, और उनकी डायरी, जिसमें पाकिस्तान यात्राओं के 11 पन्नों का विवरण है, जांच का हिस्सा है। जांच एजेंसियां यह पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि क्या ज्योति जानबूझकर ISI की मदद कर रही थीं या उन्हें अनजाने में इस जाल में फंसाया गया।

इस मामले ने सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स की भूमिका और उनकी विश्वसनीयता पर सवाल उठाए हैं। हिसार के SP शशांक कुमार सावन ने कहा, "आधुनिक युद्ध अब केवल सीमाओं पर नहीं लड़ा जाता। ISI सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर नई रणनीतियां अपना रहा है।"

ज्योति मल्होत्रा (Jyoti Malhotra) का मामला भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक गंभीर चेतावनी है। यह दर्शाता है कि कैसे सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स का दुरुपयोग कर दुश्मन देश खुफिया जानकारी एकत्र कर सकते हैं। अयोध्या जैसे पवित्र स्थल को निशाना बनाना न केवल सुरक्षा बलों के लिए चुनौती है, बल्कि यह देश की सांस्कृतिक और धार्मिक भावनाओं पर भी हमला है। जांच जारी है, और आने वाले दिनों में इस साजिश के और भी खुलासे होने की उम्मीद है।

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