Sitapur : ग्राम सचिवों ने ऑनलाइन उपस्थिति और अतिरिक्त बोझ के खिलाफ धरना दिया, मुख्य सचिव को भेजा ज्ञापन
ज्ञापन में कहा गया कि पंचायती राज और ग्रामीण विकास की कई योजनाओं को चलाने के बावजूद सचिवों पर लगातार अन्य विभागों के काम डाले जा रहे हैं। इससे उनकी दक्षता और क्षे
Report : संदीप चौरसिया INA NEWS सीतापुर।
हरगांव विकास खंड के ग्राम सचिवों ने बढ़ते काम के दबाव और ऑनलाइन हाजिरी व्यवस्था के विरोध में धरना प्रदर्शन किया। उन्होंने जिलाधिकारी और खंड विकास अधिकारी के जरिए मुख्य सचिव को ज्ञापन भेजा। इसमें गैर-विभागीय कामों को थोपने, संसाधनों की कमी और तीसरे पक्ष के ऐप से निजी जानकारी के खतरे का मुद्दा उठाया गया।
ज्ञापन में कहा गया कि पंचायती राज और ग्रामीण विकास की कई योजनाओं को चलाने के बावजूद सचिवों पर लगातार अन्य विभागों के काम डाले जा रहे हैं। इससे उनकी दक्षता और क्षेत्रीय कार्य प्रभावित हो रहे हैं। सचिवों ने सवाल किया कि ब्लॉक व जिला स्तर के अधिकारियों की हाजिरी ऑनलाइन दर्ज क्यों नहीं होती, जबकि केवल सचिवों पर यह बाध्यता क्यों लगाई जा रही है। उन्होंने बताया कि उनका काम पूरी तरह क्षेत्र आधारित है। एक सचिव को 4 से 9 पंचायतों की जिम्मेदारी मिली रहती है। ऐसे में किसी तय जगह पर समय पर हाजिरी चिह्नित करना व्यावहारिक नहीं।
इसके अलावा, हाजिरी दर्ज करने वाले ऐप को उन्होंने व्यक्तिगत और बैंकिंग डेटा के लिए असुरक्षित बताया। यह नागरिकों की गोपनीयता का उल्लंघन है। सचिवों ने कहा कि पहले से मनरेगा, आवास योजना, स्वच्छ भारत, पानी की व्यवस्था, लेखा, वित्त आयोग, जन्म-मृत्यु रजिस्ट्रेशन, परिवार पहचान आदि 29 विभागीय कामों का बोझ है। ऊपर से किसान रजिस्ट्रेशन, पराली प्रबंधन, बूथ कार्य, गौशाला संचालन, आयुष्मान कार्ड और सूर्य घर योजना जैसे लक्ष्य वाले काम भी सौंपे जाते हैं। इससे मानसिक तनाव, थकान और दुर्घटना का जोखिम बढ़ रहा है।
ज्ञापन में मांग की गई कि न्यूनतम योग्यता इंटरमीडिएट से स्नातक हो, वेतनमान मैट्रिक्स-5 लागू हो, पदोन्नति में भेदभाव खत्म हो, स्थानीय जिलों में तैनाती सुनिश्चित हो। साथ ही वाहन-मोबाइल भत्ता और सीयूजी सिम दिया जाए। पंचायतों की जांच व्यवस्था पर भी सवाल उठाए। वर्षों से लंबित जांच आपत्तियों को देखते हुए चार्टर्ड अकाउंटेंट या सामाजिक जांचकर्ता से ऑडिट कराना चाहिए, ताकि पारदर्शिता बढ़े।
अंत में संघ ने कहा कि जब तक सभी पंचायत कर्मचारियों पर एक जैसी हाजिरी व्यवस्था न लगे और जरूरी संसाधन न मिलें, तब तक ऑनलाइन हाजिरी रोक दी जाए। शासन से प्रतिनिधि मंडल के साथ बातचीत कर व्यावहारिक हल निकालने की अपील की, ताकि योजनाओं का संचालन और सचिवों की क्षेत्रीय क्षमता बनी रहे। यह आंदोलन प्रदेश के कई जिलों में चल रहा है, जहां सचिव काली पट्टी बांधकर विरोध जता रहे हैं।
Also Click : Prayagraj : शिल्प मेले में लोक संगीत और नृत्यों की रंगारंग शाम, दर्शक झूम उठे
What's Your Reaction?