Lucknow: अंतराष्टीय बौद्ध शोध संस्थान द्वारा कल अटल जी की जयंती पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित।
उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति, जयवीर सिंह के मार्गदर्शन में राष्ट्र एवं प्रदेश के प्रति अद्वितीय योगदान और आजीवन समर्पण
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति, जयवीर सिंह के मार्गदर्शन में राष्ट्र एवं प्रदेश के प्रति अद्वितीय योगदान और आजीवन समर्पण करने वाली भारत तथा उत्तर प्रदेश की महान विभूतियों एवं महापुरुषों के त्याग, तपस्या एवं राष्ट्रनिर्माण में उनके ऐतिहासिक योगदान को स्मरण करते हुए, उनकी दूरदर्शी सोच, सशक्त नेतृत्व और मानवीय मूल्यों के साथ नई दिशा प्रदान करने वाले महापुरुषों की याद में अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध शोध संस्थान लखनऊ, संस्कृति विभाग, उत्तर प्रदेश द्वारा भारत रत्न श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी जयंती के अवसर पर आयोजित कल 25 दिसम्बर, 2025 को “भारत रत्न श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयीः राष्ट्र निर्माण में योगदान” विषय पर निबंध, चित्रकला, भाषण प्रतियोगिता एवं परिचर्चा जय प्रकाश नारायण सर्वाेदय बालिका विद्यालय, मोहान रोड, लखनऊ में आयोजित की गई।
कार्यक्रम का आरंभ भारत रत्न श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन, पुष्पांजलि, सरस्वती वंदना एवं बुद्ध वंदना के साथ हुआ। इस कार्यक्रम में संस्थान के मा० सदस्य तरुणेश बौद्ध, भिक्षु शील रतन, संस्थान के निदेशक डॉ राकेश सिंह, डॉक्टर धीरेंद्र सिंह, वेन डॉ० जुलाम्पिटिए पुन्न्यासार, अरुणेश मिश्र, जय प्रकाश नारायण सर्वाेदय बालिका विद्यालय की प्रधानाचार्या नविता यादव, डॉ0 वंदना तिवारी, संस्थान के कर्मचारी गण, विद्यालय की छात्राएं एवं शिक्षक-शिक्षिकायें एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
संस्थान के मा० सदस्य तरुणेश बौद्ध ने बताया कि अटल जी का व्यक्तित्व बहुआयामी, सौम्य और प्रेरणादायी था। वे दृढ़ निश्चयी राष्ट्रनेता, संवेदनशील कवि, विचारशील व्यक्ति, विनम्र और सहिष्णु व्यक्ति थे। वैचारिक मतभेदों के बावजूद संवाद और सहमति में उनका अटूट विश्वास था। ईमानदारी, राष्ट्रनिष्ठा और मानवीय संवेदना उनके व्यक्तित्व की प्रमुख विशेषताएँ थीं, जिसने उन्हें सर्वस्वीकार्य और श्रद्धेय नेता बनाया। संस्थान के मा० सदस्य भिक्षु शील रतन जी ने बताया कि अटल बिहारी वाजपेयी जी ने राजनीति को मानवता, विचार और गरिमा से जोड़ा। उन्होंने वैचारिक मतभेदों के बावजूद राष्ट्रीय एकता को प्राथमिकता दी। उनके नेतृत्व में भारत ने आत्मविश्वास के साथ वैश्विक मंच पर अपनी पहचान बनाई, विकास और सुरक्षा के बीच संतुलन स्थापित किया तथा लोकतंत्र को संवाद और सहमति की शक्ति दी।
वे ऐसे राजनेता थे जिन्होंने सत्ता से अधिक राष्ट्र और राजनीति से अधिक लोककल्याण को महत्व दिया। संस्थान के निदेशक डॉ. राकेश सिंह जी ने बताया कि श्रद्धेय अटल जी का राष्ट्र की सुरक्षा, संप्रभुता में महत्वपूर्ण योगदान था। उनमें सभी दलों को एक साथ लेकर चलने की क्षमता थी। वे प्रेरणास्रोत राष्ट्रनिर्माता के रूप में स्मरण किए जाते रहेंगे । अटल जी ने पोखरण में परमाणु परीक्षण करके देश को सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। डॉ धीरेंद्र सिंह ने बताया कि अटल बिहारी वाजपेयी भारत के उन महान राष्ट्रनेताओं में से थे, जिन्होंने राजनीति को केवल सत्ता का माध्यम नहीं बल्कि राष्ट्र सेवा का साधन माना। वे कुशल प्रशासक, प्रखर वक्ता, संवेदनशील कवि और दूरदर्शी राजनेता थे। स्वतंत्र भारत के राष्ट्र निर्माण में उनका योगदान राजनीतिक, आर्थिक, सामाजिक तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अत्यंत महत्वपूर्ण रहा है।
उनके नेतृत्व में गठबंधन सरकार होते हुए भी देश में राजनीतिक स्थिरता और सुशासन स्थापित हुआ। उन्होंने सहमति, संवाद और लोकतांत्रिक मूल्यों को महत्व देकर संसदीय लोकतंत्र को सुदृढ़ किया। श्री अरुणेश मिश्रा ने बताया अटल बिहारी वाजपेयी का राष्ट्र निर्माण में योगदान बहुआयामी और ऐतिहासिक रहा है। उन्होंने भारत को राजनीतिक स्थिरता, आर्थिक विकास, राष्ट्रीय सुरक्षा और वैश्विक सम्मान की नई ऊँचाइयों तक पहुँचाया। “भारत रत्न श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयीः राष्ट्र निर्माण में योगदान” विषय पर निबंध, चित्रकला एवं भाषण प्रतियोगिता आयोजित की गयी। निबंध प्रतियोगिता में इशू पाल कक्षा 12 प्रथम, वंदना राजपाल कक्षा 12 को द्वितीय तथा नेहा कक्षा 11 को तृतीय पुरस्कार तथा पांच अन्य प्रतिभागियों को क्रमशः काजल पाल, अर्चना वर्मा, आरुषि यादव, संघमित्रा शाही, निधि पाल को सांत्वना पुरस्कार प्रदान किया गया। इसी तरह चित्रकला प्रतियोगिता में काजल भारती कक्षा 7 को प्रथम, सीमा यादव कक्षा 12 को द्वितीय एवं मोहिनी शर्मा कक्षा 9 को तृतीय पुरस्कार तथा पांच अन्य प्रतिभागियों को क्रमशः रंजना चौधरी, रौनक, अनन्या वर्मा, नेहा पाल, रिया गुप्ता को सांत्वना पुरस्कार प्रदान किया गया। इसी तरह भाषण प्रतियोगिता में आंशिका कुशवाहा कक्षा 9 प्रथम, निष्ठा शर्मा कक्षा 8 को द्वितीय तथा वंदना राजपूत कक्षा 12 को तृतीय पुरस्कार तथा चार अन्य प्रतिभागियों को क्रमशः इशू पाल, अर्चना, आरती, महक को सांत्वना पुरस्कार प्रदान किया गया। प्रतियोगिता में प्रतिभाग करने वाले सभी प्रतिभागियों को स्मृति चिन्ह एवं सहभागिता प्रमाण पत्र भी प्रदान किया गया। अंत में विद्यालय की प्रधानाचार्य श्रीमती नविता यादव ने अटल जी के जीवन, कार्य, राष्ट्र की सेवा, एकता और समर्पण की प्रेरणा को स्मरण कराते हुए कार्यक्रम में आए हुए गणमान्य अतिथियों, वक्ताओं, मीडिया कर्मियों, विद्वानों, छात्र-छात्राओं के प्रति आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया।
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