मुंबई हवाई अड्डे पर 62.6 करोड़ रुपये की कोकीन जब्त- दोहा से आई भारतीय महिला गिरफ्तार।
Mumbai Crime News: महाराष्ट्र के राजस्व खुफिया निदेशालय (DRI) ने 14 जुलाई 2025 को मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर ....
Mumbai Crime News: महाराष्ट्र के राजस्व खुफिया निदेशालय (DRI) ने 14 जुलाई 2025 को मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर एक बड़ी कार्रवाई करते हुए एक भारतीय महिला को 62.6 करोड़ रुपये की कोकीन के साथ गिरफ्तार किया। यह कोकीन 6,261 ग्राम की मात्रा में थी, जिसे महिला ने छह ओरियो बिस्किट और तीन चॉकलेट डिब्बों में 300 कैप्सूल में छिपाकर लाने की कोशिश की थी। DRI को मिली खुफिया जानकारी के आधार पर यह कार्रवाई की गई, जिसमें पता चला था कि दोहा से मुंबई आने वाली यह महिला नशीले पदार्थों की तस्करी कर रही है। इस घटना ने अंतरराष्ट्रीय ड्रग तस्करी के बढ़ते खतरे और इसे रोकने के लिए भारतीय अधिकारियों की सतर्कता को उजागर किया है। महिला को नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (NDPS) अधिनियम, 1985 के तहत गिरफ्तार किया गया है, और मामले की गहन जांच जारी है। यह मुंबई हवाई अड्डे पर हाल के महीनों में सबसे बड़ी ड्रग जब्ती में से एक है।
DRI मुंबई को 14 जुलाई 2025 को विशेष खुफिया जानकारी मिली थी कि दोहा, कतर से मुंबई आने वाली एक भारतीय महिला अपने सामान में नशीले पदार्थ ला रही है। इस जानकारी के आधार पर, DRI अधिकारियों ने छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर कड़ी निगरानी शुरू की। जैसे ही महिला दोहा से मुंबई पहुंची, उसे हिरासत में लिया गया। उसकी पहचान एक भारतीय नागरिक के रूप में की गई, हालांकि उसका नाम गोपनीय रखा गया है, क्योंकि जांच अभी जारी है।
DRI अधिकारियों ने महिला के सामान की गहन तलाशी ली, जिसमें छह बड़े ओरियो बिस्किट के डिब्बे और तीन चॉकलेट के डिब्बे मिले। इन डिब्बों को खोलने पर 300 कैप्सूल बरामद हुए, जिनमें सफेद रंग का पाउडर भरा था। प्रत्येक कैप्सूल की फील्ड टेस्ट किट से जांच की गई, जिसने पुष्टि की कि यह पाउडर कोकीन है। कुल 6,261 ग्राम कोकीन बरामद की गई, जिसकी अंतरराष्ट्रीय अवैध बाजार में कीमत 62.6 करोड़ रुपये आंकी गई। इस जब्ती को NDPS अधिनियम, 1985 के तहत दर्ज किया गया, और महिला को तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया।
DRI के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह तस्करी का तरीका बेहद चालाकी भरा था। तस्करों ने आम खाद्य पदार्थों जैसे ओरियो बिस्किट और चॉकलेट के डिब्बों का इस्तेमाल कर नशीले पदार्थों को छिपाया, ताकि सामान्य जांच में संदेह न हो। हालांकि, DRI की सतर्कता और उन्नत तकनीकों ने इस तस्करी को नाकाम कर दिया।
राजस्व खुफिया निदेशालय (DRI) भारत में ड्रग तस्करी को रोकने में अग्रणी भूमिका निभाता है। यह एजेंसी न केवल नशीले पदार्थों की तस्करी को रोकने में सक्रिय है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय तस्करी नेटवर्क को तोड़ने और राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने में भी महत्वपूर्ण योगदान देती है। DRI के अधिकारियों ने हाल के वर्षों में कई बड़ी जब्तियां की हैं, जो तस्करों की बढ़ती चालाकी और भारतीय अधिकारियों की जवाबी सतर्कता को दर्शाती हैं।
इस मामले से पहले, DRI ने जून 2025 में दो अन्य बड़ी कार्रवाइयां की थीं। 22 जून को, सिएरा लियोन से आए एक पुरुष यात्री से 1,139 ग्राम कोकीन बरामद की गई थी, जिसकी कीमत 11.39 करोड़ रुपये थी। उस यात्री ने नशीले पदार्थों को कैप्सूल में निगलकर तस्करी की कोशिश की थी, और उसे तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इसके अलावा, 20 जून को दिल्ली से मुंबई बस से यात्रा कर रही एक नाइजीरियाई महिला को 50 किलोमीटर की निगरानी के बाद पकड़ा गया था, जिसके सामान में नशीले पदार्थ मिले थे। ये घटनाएं दर्शाती हैं कि DRI लगातार तस्करों के नए-नए तरीकों पर नजर रखता है और त्वरित कार्रवाई करता है।
इस मामले में तस्करों ने कोकीन को ओरियो और चॉकलेट डिब्बों में छिपाने का तरीका अपनाया, जो एक सामान्य लेकिन चालाक रणनीति है। तस्कर अक्सर रोजमर्रा की वस्तुओं, जैसे खाद्य पदार्थ, कॉस्मेटिक्स, या अन्य सामानों में ड्रग्स छिपाते हैं, ताकि कस्टम और सुरक्षा जांच से बचा जा सके। DRI के एक अधिकारी ने बताया कि तस्करों के तरीके दिन-ब-दिन जटिल होते जा रहे हैं, लेकिन भारतीय एजेंसियां भी अपनी तकनीक और खुफिया तंत्र को उन्नत कर रही हैं।
मुंबई हवाई अड्डा अंतरराष्ट्रीय ड्रग तस्करी के लिए एक प्रमुख केंद्र के रूप में उभर रहा है। भारत को न केवल ड्रग्स का गंतव्य माना जाता है, बल्कि यह एक ट्रांजिट पॉइंट भी है, जहां से नशीले पदार्थ दक्षिण एशिया और अन्य क्षेत्रों में भेजे जाते हैं। इस तरह की तस्करी न केवल कानूनी चुनौतियां पेश करती है, बल्कि सामाजिक और स्वास्थ्य समस्याओं को भी बढ़ाती है। कोकीन जैसे नशीले पदार्थों का सेवन युवाओं में नशे की लत और अपराध को बढ़ावा देता है।
गिरफ्तार महिला के खिलाफ NDPS अधिनियम, 1985 की धारा 21, 23, और 27A के तहत मामला दर्ज किया गया है। इस अधिनियम के तहत कोकीन जैसे नशीले पदार्थों की तस्करी के लिए सात साल तक की सजा और जुर्माना हो सकता है। गंभीर मामलों में, सजा को और बढ़ाया जा सकता है। DRI अब इस मामले की गहन जांच कर रहा है, ताकि इस तस्करी के पीछे के अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क का पता लगाया जा सके।
अधिकारियों को संदेह है कि यह महिला किसी बड़े ड्रग तस्करी रैकेट का हिस्सा हो सकती है। पूछताछ में यह जानने की कोशिश की जा रही है कि उसे कोकीन कहां से मिली, इसे भारत में किसे सौंपा जाना था, और इस नेटवर्क में अन्य कौन-कौन शामिल हैं। DRI ने अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के साथ भी संपर्क स्थापित किया है, ताकि दोहा और अन्य संभावित स्थानों से जुड़े तस्करी के रास्तों का पता लगाया जा सके।
यह घटना ड्रग तस्करी के खिलाफ भारत की लड़ाई में एक महत्वपूर्ण कदम है। DRI की सतर्कता ने न केवल 62.6 करोड़ रुपये की कोकीन को बाजार में पहुंचने से रोका, बल्कि इससे जुड़े अपराधों को भी कम करने में मदद की। सोशल मीडिया पर इस कार्रवाई की खूब तारीफ हुई है। कई यूजर्स ने एक्स पर लिखा कि DRI की यह कार्रवाई तस्करों के लिए एक चेतावनी है और भारत की सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करती है। एक यूजर ने लिखा, "DRI का यह ऑपरेशन शानदार है। तस्करों को बख्शा नहीं जाना चाहिए।"
हालांकि, यह घटना समाज में नशीले पदार्थों की बढ़ती मांग और उपलब्धता पर भी सवाल उठाती है। विशेषज्ञों का कहना है कि ड्रग तस्करी को पूरी तरह रोकने के लिए न केवल सीमा और हवाई अड्डों पर सख्ती जरूरी है, बल्कि जागरूकता अभियान और पुनर्वास कार्यक्रम भी चलाए जाने चाहिए।
मुंबई हवाई अड्डे पर यह कोई पहली घटना नहीं है। जुलाई 2025 में ही तिरुचिरापल्ली अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर 11.8 किलोग्राम हाई-ग्रेड हाइड्रोपोनिक कैनबिस जब्त किया गया था, जिसकी कीमत 12 करोड़ रुपये थी। यह खेप बैंकॉक से कुआलालंपुर के रास्ते भारत लाई गई थी। इसके अलावा, मई 2025 में DRI ने 10 किलोग्राम हेरोइन की एक बड़ी खेप पकड़ी थी, जो दो यात्रियों के सूटकेस में छिपी थी। ये घटनाएं दर्शाती हैं कि भारत में ड्रग तस्करी एक गंभीर चुनौती बनी हुई है।
मुंबई हवाई अड्डे पर 62.6 करोड़ रुपये की कोकीन की जब्ती और एक भारतीय महिला की गिरफ्तारी DRI की सतर्कता और दक्षता को दर्शाती है। यह कार्रवाई न केवल एक बड़ी तस्करी को नाकाम करने में सफल रही, बल्कि अंतरराष्ट्रीय ड्रग नेटवर्क के खिलाफ भारत की प्रतिबद्धता को भी मजबूत करती है। हालांकि, यह घटना हमें यह भी याद दिलाती है कि ड्रग तस्करी एक जटिल और वैश्विक समस्या है, जिसके लिए निरंतर सतर्कता, उन्नत तकनीक, और अंतरराष्ट्रीय सहयोग की जरूरत है। DRI की इस सफलता ने तस्करों को कड़ा संदेश दिया है कि भारत में नशीले पदार्थों की तस्करी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
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