Hardoi News: श्री बाल रामलीला नाट्य कला मंदिर में रामलीला का भव्य मंचन जारी।

शाहाबाद/हरदोई। श्री बाल रामलीला नाट्य कला मंदिर के तत्वावधान में चौक स्थित मैदान में 14 दिवसीय मंचित हो रही रामलीला के दसवें दिन वृन्दावन के सुविख्यात कलाकारों अंगद रावण संवाद, विभीषण शरणागति, सेतु बन्ध, लक्ष्मण शक्ति और हनुमान जी द्वारा संजीवनी बूटी लाने की लीला का मनभावन मंचन किया गया। मेला कमेटी के कमलेश शुक्ला, देवेश अवस्थी, अमित वर्मा, अरविंद शुक्ला, राहुल श्रीवास्तव, रमेश सैनी आदि द्वारा आरती पूजन के बाद आयोजित इस कार्यक्रम में शहर के विभिन्न हिस्सों से आए दर्शकों ने भाग लिया और रामलीला के मंचन की सराहना की।
नवें दिवस की लीला क्रम में राम युवराज अंगद को रावण के पास दूत के रूप में समझाने के लिए भेजते हैं पर अहंकारी रावण अंगद की बात को नहीं मानता। रावण, सीता को नहीं लौटाता और युद्ध करने के लिए तैयार रहता है। अंगद रावण को लंका की तबाही से बचाने के लिए राम की शरण में आने के लिए प्रेरित करता है। अंत में पैर जमा कर सब योद्धाओं का बल भी अजमाता है। कोई भी योद्धा इस सभा में अंगद का पाव नही उठा सकता। अपनी शक्ति व वानरों के बल का परिचय देकर अंगद जंग का ऐलान कर भगवान राम के पास आता है। तदुपरांत श्रीराम अपनी सेना के साथ समुद्र के किनारे डेरा डाल देते हैं।
काफी विनती के बाद जब समुद्र रास्ता नहीं देता है, तो क्रोधित श्री राम अपने धनुष पर बाण चढा लेते हैं, डरा हुआ समुद्र श्री राम के समक्ष प्रकट होता है, और क्षमा प्रार्थना करते हुए मार्ग भी देता है। रावण के दूतों ने लंकापति को इसकी सूचना दे देते है। विभीषण रावण की सभा में पहुंच कर भाई रावण को श्रीराम से बैर न लेने की सलाह देते हैं, राम की प्रशंसा करते हैं। रावण के निकालने से विभीषण राम की शरण में पहुंचता है, आगे की लीला में राम की सेना लंका पर चढ़ाई कर देती है।
लक्ष्मण- मेघनाद से घोर युद्ध करते हैं, मेघनाद शक्ति का प्रयोग कर लक्ष्मण को मूर्छित कर देता हैं। सुशेन वैद्य द्वारा बताई गई संजीवनी बूटी लेने हनुमानजी जाते हैं। लौटने में नंदीग्राम में भरत से मिलते हैं। भरत को समाचार सुनाते हैं। लौट कर लक्ष्मण के उपचार के बाद मूर्छा खुलने पर रामादल में प्रसन्नता की लहर दौड़ पड़ती है। सुंदर लीला देखकर श्रद्धालु भाव विभोर हो गये, जय श्री राम के जयकारों से वातावरण को गूंज उठा।
मेलाध्यक्ष चौधरी उमेश गुप्ता ने कहा, इस लीला से हमें यह शिक्षा मिलती है कि सच्चाई और अच्छाई के मार्ग पर चलने से हमें सफलता और सुख प्राप्त होता है। हमें अपने जीवन में भी इन मूल्यों को अपनाना चाहिए। मेलाध्यक्ष संयोजक ज्ञानेन्द्र अवस्थी धीरू ने 15 अक्टूबर मेला समापन पर होने वाले बेबी ड्रेस व डांस कम्पटीशन के लिए अपील की, इसमें बच्चों की प्रतिभा को प्रदर्शित करने का अवसर मिलेगा। उन्होंने कहा इच्छुक प्रतिभागी जल्द से जल्द अपने नाम दर्ज कराएं और ऑडिशन में भाग लेकर अपनी प्रतिभा दिखाएं। अधिक जानकारी के लिए आप आयोजन समिति से संपर्क कर सकते हैं या ऑनलाइन खोज कर सकते हैं।
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