Hardoi News: अगर आपका भी ट्रैफिक चालान है पेंडिंग तो फटाफट कर लें ये काम, 08 मार्च को लगेगी राष्ट्रीय लोक अदालत

राष्ट्रीय लोक अदालत एक अर्ध-न्यायिक अदालत है जो विवादों का त्वरित और लागत-प्रभावी समाधान प्रदान करने के उद्देश्य से न्यायाधीशों के एक पैनल की अध्यक्षता में विशिष्ट मामलों का निर्णय क....

Feb 10, 2025 - 22:22
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Hardoi News: अगर आपका भी ट्रैफिक चालान है पेंडिंग तो फटाफट कर लें ये काम, 08 मार्च को लगेगी राष्ट्रीय लोक अदालत

By INA News Hardoi.

राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली एवं उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण लखनऊ के दिशा निर्देशन में जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण हरदोई संजीव शुक्ला की अनुमति से 08 मार्च 2025 को होने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत में अधिक से अधिक वादों के निस्तारण कराए जाने हेतु जनपद के प्रशासनिक अधिकारियों के साथ अपर जिला जज/नोडल अधिकारी राष्ट्रीय लोक अदालत हेमेंद्र कुमार सिंह की अध्यक्षता में बैठक की गई।

अपर जिला जज द्वारा प्रशासनिक अधिकारियों व विद्युत विभाग के अधिकारियों को राष्ट्रीय लोक अदालत में अधिक से अधिक वादों का निस्तारण कराये जाने के निर्देश दिए गए तथा यातायात निरीक्षक को ट्रैफिक चालान से संबंधित वादों के निस्तारण हेतु दिशा निर्देश दिए जिससे आगामी राष्ट्रीय लोक अदालत को सफल बनाया जा सके।

राष्ट्रीय लोक अदालत क्या है?

राष्ट्रीय लोक अदालत एक अर्ध-न्यायिक अदालत है जो विवादों का त्वरित और लागत-प्रभावी समाधान प्रदान करने के उद्देश्य से न्यायाधीशों के एक पैनल की अध्यक्षता में विशिष्ट मामलों का निर्णय करने के लिए स्थापित की गई है। राज्य यातायात पुलिस ने चालान के भुगतान के लिए विशेष रूप से लोक अदालत लागू की है। यह प्रणाली उन मोटर चालकों को रियायती दर पर अपने जुर्माने का भुगतान करने में सक्षम बनाती है, जिन्होंने यातायात उल्लंघन चालान प्राप्त किए हैं। इसके अलावा, लोक अदालत मोटर चालकों को अपने मामले पेश करने के लिए एक निष्पक्ष और निष्पक्ष मंच प्रदान करती है। इस प्रणाली ने जनता के बीच लोकप्रियता हासिल की है और मामलों के लंबित मामलों को कम करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

यातायात उल्लंघन भुगतान को निपटाने के लिए लोक अदालत का उपयोग करने के क्या लाभ हैं?

जब ट्रैफ़िक उल्लंघन के भुगतान की बात आती है, तो नियमित अदालत प्रणाली की तुलना में लोक अदालत को चुनने से कई लाभ मिलते हैं। आइए इन लाभों के बारे में विस्तार से जानें:

बढ़ी हुई दक्षता: लोक अदालत प्रक्रिया मामलों को तेजी से निपटाने में अपनी दक्षता के लिए जानी जाती है। व्यक्ति लोक अदालत का विकल्प चुनकर एक सुव्यवस्थित और त्वरित प्रक्रिया की उम्मीद कर सकते हैं, जिससे पारंपरिक अदालत प्रणाली से जुड़ी संभावित देरी से बचा जा सकता है।

अनौपचारिक कार्यवाही: लोक अदालत की कार्यवाही औपचारिक अदालती व्यवस्थाओं के विपरीत अपेक्षाकृत अनौपचारिक होती है। यह अनौपचारिक माहौल ट्रैफ़िक उल्लंघन के लिए भुगतान करने वाले व्यक्तियों द्वारा अक्सर अनुभव किए जाने वाले तनाव और चिंता को कम करने में मदद कर सकता है। यह व्यक्तियों को अपना मामला पेश करने या समझौता करने के लिए अधिक आरामदायक माहौल प्रदान करता है।

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लागत-प्रभावी: यातायात उल्लंघन के भुगतान के लिए लोक अदालत का उपयोग करना आम तौर पर नियमित अदालत प्रणाली के माध्यम से जाने की तुलना में अधिक लागत-प्रभावी है। लोक अदालतों में संबंधित कानूनी खर्च और शुल्क आम तौर पर कम होते हैं, जिससे व्यक्तियों को अपने यातायात उल्लंघनों के लिए समाधान की मांग करते समय अपनी मेहनत की कमाई बचाने की अनुमति मिलती है।

प्रत्यक्ष मुआवज़ा: लोक अदालत का उपयोग करने का एक महत्वपूर्ण लाभ यह है कि भुगतान अक्सर सरकार को निर्देशित किए जाने के बजाय सीधे पीड़ित को जाता है। यह प्रत्यक्ष मुआवज़ा उन मामलों में विशेष रूप से लाभकारी हो सकता है जहाँ पीड़ित को यातायात उल्लंघन के कारण नुकसान या हानि हुई हो। यह एक अधिक प्रत्यक्ष और तत्काल प्रतिपूर्ति प्रक्रिया की सुविधा प्रदान करता है।

विश्वास का पुनर्निर्माण: यातायात उल्लंघन के भुगतान के लिए लोक अदालत का उपयोग सरकार और उसके नागरिकों के बीच विश्वास के पुनर्निर्माण में योगदान दे सकता है। यातायात उल्लंघनों को हल करने के लिए एक सुलभ और निष्पक्ष मंच प्रदान करके, लोक अदालत प्रणाली पारदर्शिता और जवाबदेही के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करती है। यह लोगों के बीच विश्वास और आत्मविश्वास की भावना को बढ़ावा देता है, जिससे अधिकारियों और जनता के बीच संबंध मजबूत होते हैं।

इन लाभों को ध्यान में रखते हुए, यातायात चालान भुगतान के लिए लोक अदालत का उपयोग करना उन व्यक्तियों के लिए एक अनुकूल विकल्प हो सकता है जो अपने यातायात उल्लंघनों का निष्पक्ष और कुशल समाधान चाहते हैं।

उक्त बैठक में अपर जिला जज/ सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण भूपेन्द्र प्रताप, सी0ओ0 बघौली, विद्युत विभाग से सूर्य कुमार, मो0 शाबान,उस्मान अली, विनोद सक्सेना, सुरेश विश्ववकर्मा, कुलदीप सिंह,ई0ओ0 नगर पालिका रामेन्द्र सिंह,यातायात निरीक्षक प्रमोद कुमार यादव,नगर मजिस्ट्रेट कार्यालय से प्रशासनिक अधिकारी विनोद कुमार त्रिवेदी, नैमिष गुप्ता, सदस्य स्थाई लोक अदालत जेसन सेन, आशा सिंह उपस्थित रहे।

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