ऐतिहासिक चुनाव और परिणाम भी रहे ऐतिहासिक: प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता बरकरार :मृत्युंजय दीक्षित
देश के इतिहास में पहली बार किसी दल या गठबंधन को लगातार तीसरी बार बहुमत
अंबरीष कुमार सक्सेना\हरदोई। वर्ष- 2024 के लोकसभा चुनाव परिणाम आ चुके हैं। देश के इतिहास में 1962 के बाद पहली बार किसी दल या गठबंधन को लगातार तीसरी बार पूर्ण बहुमत प्राप्त हुआ है। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार बनाने जा रहा है ।
इन लोकसभा चुनावों में भीषण गर्मी के बाद भी मतदाता ने बढ़ चढ़कर भाग लिया, धारा 370 हटने के बाद जम्मू कश्मीर में भी रिकॉर्ड वोटिंग हुई । लगभग ढाई महीने लम्बी चली चुनाव प्रक्रिया में प्रारंभ में मतदान का प्रतिशत कुछ कम रहा जिसके कारण सभी राजनैतिक दलों के माथे पर चिंता की रेखाएं भी दिखाई पड़ीं, भारत में माना जाता रहा है कि अगर कम मतदान होता है तो सरकार बदल जाती है किंतु इस बार ऐसा नहीं हुआ है यद्यपि इस बार भारतीय जनता पार्टी को उत्तर प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र व हरियाणा के कारण अकेले दम पर बहुमत नहीं मिल सका। पश्चिम बंगाल को छोड़कर चुनाव से लेकर मतगणना तक शांतिपूर्वक संपन्न हो गई ।
इन लोकसभा चुनावों में भारत की जनता ने यह बता दिया है कि लोकतंत्र में वही सबसे बड़ी भविष्यवक्ता है। अबकी बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व भारतीय जनता पार्टी गठबंधन ने 400 पार का नारा दिया था वहीं कांग्रेस के नेतृत्व वाला इंडी गठबंधन कह रहा थ कि वह मोदी जी को किसी भी कीमत पर 400पार जाने से रोकेंगे।
जनता ने भाजपा गठबंधन को 292 सीटें देकर सरकार तो बनवा दी है किंतु विपक्ष को भी मजबूत कर दिया है । 2024 के लोकसभा चुनाव परिणाम राजनैतिक उथल- पुथल के पुराने समय की आशंका भी उत्पन्न करते हैं जब गठबंधन सरकारें हुआ करती थीं, संतोष ये है कि इस समय गठबंधन का नेतृत्व मोदी जी के सबल हाथों में है।
2024 लोकसभा चुनावों के साथ सपन्न हुए चार प्रान्तों के विधान सभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी या उसके गठबंधन की ऐतिहासिक जीत हुई, जिसमें ओडिशा में पहली बार भारतीय जनता पार्टी पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने जा रही है ,वहीं आंध्र प्रदेश में तेलुगूदेशम के साथ सरकर बनेगी जबकि अरुणांचल प्रदेश में भी भाजपा लगातार तीसरी बार अपनी सरकार बनाने जा रही है।
राजग गठबंधन की यह सफलता ऐसी है कि वह जीत कर भी उदास है और वहीं विपक्ष ऐसे हल्ला मचा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता का जादू उतर गया है जैसे उसे बहुमत मिल गया हो जबकि वास्तविकता यह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता का प्रभाव है कि उनके नेतृत्व में लगातार तीसरी बार सरकार बनने जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जादू के ही कारण आज भाजपा का परचम लहरा रहा है और उसे मध्य प्रदेश, गुजरात, राजस्थान से लेकर हिमांचल प्रदेश, उत्तराखंड, दक्षिण भारत व पूर्वोत्तर राज्यों में अच्छी सफलता प्राप्त हुई है । केरल जैसे राज्य में भाजपा का पहली बार खाता खुल गया है। वहीं तमिलनाडु में भाजपा का वोट प्रतिशत बढ़ गया है और उसके 10 प्रत्याशी दुसरे स्थान पर रहे हैं। ये सभी भाजपा के लिए शुभ संकेत हैं।
बंगाल अवश्य भारतीय जनता पार्टी के लिए एक बड़ी चिंता का विषय बन रहा है क्योंकि वहां पर भाजपा ने संदेशखाली में महिलाओं पर अमानवीय अत्याचारों का मुद्दा उठाया था, जिससे अपेक्षा थी कि बंगाल में भाजपा की सीटें बढेंगी किंतु वहां पर बढ़ने की बजाय घट गई हैं। बंगाल के लिए आगामी दिनों भारतीय जनता पार्टी को विशेष ध्यान देना होगा। बंगाल में जब तक हिंसा होती रहेगी तब तक भाजपा का बंगाल जीतना बहुत कठिन है। तुष्टिकरण के दम पर ममता ने वहां अच्छी पकड़ बना ली है।
सबसे बड़ी निराशा- भारतीय जनता पार्टी को सबसे बड़ा झटका उप्र में लगा है और सबसे दुखद क्षण अयोध्या (फैजाबाद) संसदीय सीट में भारी पराजय रही।यहाँ की पराजय ने विजय के स्वाद को कसैला कर दिया है जहां भव्य राम मंदिर, एयरपोर्ट, मेडिकल कालेज, नए बस व रेल स्टेशन बनने तथा वंदेभारत ट्रेन की सौगात देने के बाद भी भाजपा हार गई ।
फैजाबाद में हिन्दुत्व के अश्वमेध के घोड़े को जातिवाद के समीकरणों व तुष्टिकरण की राजनीति ने रोक दिया है। फैजाबाद की पराजय एक बहुत बड़ा सबक व संदेश है हिंदू समाज के लिए। प्रदेश में योगी सरकारआते ही अयोध्या का कायाकल्प आरम्भ हो गया, दीपोत्सव के साथ ही नगर की आभा लौटने लगी, उपेक्षित पड़े क्षेत्र को विकास की मुख्य धारा में लाया गया। स्वयं मुख्यमंत्री ने विकास कार्यों की देखभाल की, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 जनवरी 2024 और उससे पूर्व तथा फिर चुनाव के मध्य भी अयोध्या पहुंचकर रामलला के दर्शन किये तथा भव्य रोड शो निकाला। सब कुछ करने के बाद भी भाजपा का हार जाना दुखद है।
संतोष की बात यह रही कि कम मतदान प्रतिशत और उत्तर पदेश और महाराष्ट्र जैसे बड़े प्रान्तों में अपेक्षित सफलता न मिलने के बाद भी राजग गठबंधन को सामान्य बहुमत के साथ सरकार बनाने का अवसर मिल गया । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाजपा मुख्यालय में आयोजित विजय कार्यक्रम में अपनी भावी सरकार की रूपरेखा व गारंटियों का एजेंडा भी प्रस्तुत कर दिया। नरेंद्र मोदी जी रहते यह विश्वास बना रहेगा कि भारत सुरक्षित हाथों में है।
भाजपा की सीटें कम होने के संभावित कारण- प्रधानमंत्री मोदी को कमजोर करने के लिए अनेकानेक अभियान चलाये गये, षड्यंत्र रचे गए जिसके कारण भाजपा की अपनी सीटों की संख्या कम हो गई। विपक्ष ने उत्तर प्रदेश में अनेक अफवाहें फैलाई थीं जिसमें सबसे बड़ी अफवाह यह थी कि मोदी जी प्रधानमंत्री बन जाएंगे तो वह दो महीने बाद योगी जी को मुख्यमंत्री पद से हटा देंगे भाजपा के कार्यकर्ता इस अफवाह पर नियंत्रण नही कर पाये जिसका असर उत्तर प्रदेश व राजस्थान में कई क्षेत्रों में देखा गया। इसी तरह गृहमंत्री जी के भाषण का ए.आई. की सहायता से सम्पादित आरक्षण सम्बन्धी वीडियो भी बड़ा खेल कर गया, जब तक भाजपा कुछ समझ पाती खेल हो चुका था।
इन चुनावों में तथाकथित खान मार्केट गैंग ने भी भाजपा को नुकसान पहुंचाने में सफलता प्राप्त की है।नई दिल्ली से न्यूयार्क तक फैले इस गैंग ने संविधान बचाने तथा आरक्षण को लेकर लगातार फेक नेरेटिव चलाये जिसका असर भी चुनाव परिणामों पर दिख रहा है। आरक्षण और संविधान बचाने के नाम पर मुस्लिम व दलित एक साथ हो गये तथा जिन इलाकों में मुस्लिम मतदाता चुनावों को प्रभावित रखने की क्षमता रखता है वहां पर उसने भाजपा को हराने के लिए एक मुश्त मतदान किया है।
उदाहरण के लिए उत्तर प्रदेश का बाराबंकी एक ऐसा क्षेत्र है जहां पर मुस्लिम आबादी बहुत अधिक संख्या में हैं वहां पर उसने भाजपा को हराने के लिए वोट किया है जबकि आम हिंदू मतदाता अपने घरों में बैठा रहा और वह पिकनिक मनाने के लिए निकल गया। कुछ सीटों पर हिंदू मतदाता भाजपा की ओर से अच्छा उम्मीदवार न होने के कारण भी शांत हो गया। लेकिन ये बात शायद कहीं गंभीर है और गहन विवेचना मांगती है क्योंकि राजनाथ सिंह और मोदी जी को भी अपनी अपनी सीटों पर संघर्ष करना पड़ा।
अंतिम सत्य यही है कि मतदाता ने एक बार फिर भाजपा गठबंधन को सरकार बनाने व पांच साल सरकार चलाने का सुनहरा अवसर दिया है। यह भाजपा और नरेंद्र मोदी जी के लिए स्वर्णिम अवसर है। मतदाता ने आज भी विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थ व्यवस्था बनने, गगन यान जैसी वैज्ञानिक पहलों और राष्ट्र की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए अपना विश्वास केवल और केवल मोदी पर व्यक्त किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले ही अपने वचनों की गारंटी ले चुके हैं अतः अब हमें भी आने वाले पांच वर्षों की तरह देखना चाहिए ।
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