अयोध्या। सावन के चौथे सोमवार पर रामनगरी मे उमड़ा आस्था का सैलाब, श्रद्धालु कर रहे हैं नागेश्वर नाथ मंदिर में जलाभिषेक।
रिपोर्ट- देव बक्श वर्मा
अयोध्या। मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम की धर्म नगरी अयोध्या में सावन का महीना बहुत ही महत्वपूर्ण होता है एक तरफ सावन का महीना बाबा भोलेनाथ के नाम होता है तो दूसरी तरफ सावन झूला मेला जिसमें भगवान श्री राम झूले पर विराजमान होकर मणि पर्वत के मेला से कार्तिक पूर्णिमा यानी रक्षाबंधन तक झूले पर विराजमान रहते हैं , सावन महीना अब अपने अंतिम पड़ाव की तरफ बढ़ रहा है, सावन के चौथे सोमवार पर रामनगरी मे उमड़ा आस्था का सैलाब,श्रद्धालु कर रहे हैं नागेश्वर नाथ मंदिर में जलाभिषेक, श्री राम के पुत्र कुश के द्वारा स्थापित नागेश्वर नाथ मंदिर में श्रद्धालुओं के सुविधा के लिए किया गया हैं।
व्यापक इंतजाम, 3:00 बजे भोर से ही खोल दिया गया है मंदिर का पट,शिव भक्त कर रहे है सरयू स्नान कर सावन के आखिरी सोमवार के मौके पर जलाभिषेक, मठ मंदिरों में की गई व्यापक व्यवस्थाएं, सुरक्षा को लेकर प्रशासन ने बनाया मास्टर प्लान, छोटे-छोटे टुकड़ी में श्रद्धालु को दिया जा रहा है मंदिर में प्रवेश, गर्भगगृह की क्षमता अनुरूप श्रद्धालुओं को दिया जा रहा है मंदिर में प्रवेश, प्रवेश और निकास मार्ग में अलग-अलग की गई है व्यवस्थाएं, अयोध्या की बदलती तस्वीर को लेकर उत्साहित दिखे शिव भक्त, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को दिया शिव भक्तों ने धन्यवाद। नागेश्वर नाथ मंदिर सरजू के सलिल तट पर विराजमान है।
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श्रद्धालु सरयू की सलिल धारा में स्नान करके राम की पैड़ी पर जाकर भगवान भोलेनाथ नागेश्वर नाथ को जलाभिषेक करते हैं और फिर हनुमानगढ़ की तरफ कदम बढ़ जाते हैं अयोध्या के इष्ट देव बजरंगबली का दर्शन करते हैं कनक भवन का दर्शन करते हैं और रामलाल के दरबार में अपनी हाजिरी लगाते हैं अपनी मनोकामना की पूर्ण के लिए प्रार्थना करते हैं अर्चन करते हैं क्योंकि सावन झूला मेला रात में चलता है मंदिरों में सांस्कृतिक कार्यक्रम भजन पूजन होता है ऐसे में श्रद्धालु भर में ही मां सरयू की सलिल धारा में स्नान करके भगवान के दरबार में हाजिरी लगाते हैं।
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