Gorakhpur News: उपराष्ट्रपति ने किया सैनिक स्कूल गोरखपुर का लोकार्पण- तीन साल में सैनिक स्कूल बनाकर सीएम योगी ने किया चमत्कारिक कार्य : उपराष्ट्रपति
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बताते हुए यहां 2017 के बाद आए बदलाव के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मुक्तकंठ से सराहना की।
- दुनिया में भारत की सशक्त पहचान में यूपी की गुणात्मक भागीदारी : जगदीप धनखड़
- विकसित भारत के हवन में हरेक व्यक्ति को देनी होगी आहुति : उपराष्ट्रपति
- 2017 के पहले उत्तर प्रदेश था डर की चपेट में : उपराष्ट्रपति
गोरखपुर। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बताते हुए यहां 2017 के बाद आए बदलाव के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मुक्तकंठ से सराहना की। उन्होंने कहा कि आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में दुनिया में बनी भारत की अलग और सशक्त पहचान में उत्तर प्रदेश की गुणात्मक भागीदारी है। उन्होंने 2047 तक ‘विकसित भारत’ की संकल्पना को लेकर जारी अभियान में सबसे योगदान देने की अपील करते हुए कहा कि विकसित भारत के हवन में हरेक व्यक्ति को आहुति देनी चाहिए क्योंकि हम देश के लिए जितना भी कर सकें कम है।
श्री धनखड़ शनिवार को गोरखपुर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में सैनिक स्कूल के लोकार्पण समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर उपराष्ट्रपति की पत्नी डॉ. सुदेश धनखड़ भी उपस्थित थीं। उपराष्ट्रपति ने उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में आए परिवर्तन का उल्लेख करते हुए कहा कि वर्ष 2017 के बाद यूपी में शिक्षा, चिकित्सा, उद्यमिता तथा अन्य क्षेत्रों में गुणात्मक वृद्धि हुई है। जबकि 2017 के पहले यह प्रदेश डर की चपेट में था। कानून व्यवस्था ठीक नहीं थी, आम आदमी परेशान रहता था। कई पहलुओं पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सराहना करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि सैनिक स्कूल गोरखपुर को मात्र तीन वर्ष में पूरा करवाकर योगी जी ने शानदार और चमत्कारिक कार्य कर दिखाया है। वैसे तो योगी जी के चमत्कारिक कार्यों की गूंज हर जगह सुनाई देती है। तीन वर्ष में सैनिक स्कूल बनकर संचालित होना मुश्किल और अकल्पनीय था लेकिन सीएम योगी ऐसा कर देंगे, यह विश्वास भी था।
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भारतीयता हमारी पहचान, राष्ट्र हमारा धर्म
सैनिक स्कूल समेत सभी स्कूलों के विद्यार्थियों और आमजन को प्रेरित करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारतीयता हमारी पहचान और राष्ट्र हमारा धर्म है। हमें निजी स्वार्थ से ऊपर राष्ट्र धर्म को रखना होगा। राष्ट्रवाद से समझौता राष्ट्र के साथ धोखा होगा। राष्ट्र पर प्रश्न चिन्ह लगाने वालों को हमें बर्दाश्त नहीं करना है।
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आज दस साल पहले वाला भारत नहीं
उपराष्ट्रपति ने कहा कि आज का भारत दस साल पहले वाला भारत नहीं है। बल्कि सशक्त भारत है। पहले देश का सोना स्विट्जरलैंड के बैंक में गिरवी रखा जाता था आज ऐसी स्थिति नहीं है बल्कि देश के स्वर्णकोष पर्याप्त है। जिस कश्मीर में कोई दिखता नहीं था, वहां धारा 370 समाप्त होने के बाद दो-तीन वर्ष से दो करोड़ से अधिक पर्यटक आ रहे हैं। संविधान निर्माताओं ने धारा 370 को अस्थायी बनाया था लेकिन कुछ लोग इसे परमानेंट मान बैठे थे।
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सफलता की शुरुआत का केंद्र है असफलता
श्री धनखड़ ने विद्यार्थियों की समझाते हुए कहा कि उन्हें असफलता से कभी डरना नहीं चाहिए क्योंकि असफलता, सफलता की शुरुआत का केंद्र है। उन्होंने कहा कि डर का डर मन से निकाल दें। डरेंगे तो आपकी प्रतिभा कुंठित होगी। उन्होंने चंद्रयान 3 की अभूतपूर्व सफलता का आधार चंद्रयान 2 की आंशिक सफलता को बताया। शिक्षा की महत्ता का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि शिक्षा बदलाव का माध्यम है। सामाजिक कुरीतियों पर कुठाराघात शिक्षा के माध्यम से ही किया जा सकता है।
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सीएम योगी का करिश्मा भविष्य की पीढ़ी निर्माण का रास्ता
श्री धनखड़ ने कहा कि पूर्वांचल उत्तर प्रदेश का महत्वपूर्ण अंग है। इस क्षेत्र के पहले सैनिक स्कूल का ढांचा अद्भुत है। इस शानदार सैनिक स्कूल के रूप में सीएम योगी ने जो करिश्मा किया है वह भविष्य की पीढ़ी निर्माण का रास्ता है। वह आश्वस्त हैं कि यह सैनिक स्कूल योगी जी की विशिष्ट छाप का प्रतिबिंब रहेगा।
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पूर्व सीएम संपूर्णानंद का रिकॉर्ड तोड़ दिया सीएम योगी ने
उपराष्ट्रपति ने कहा कि 1960 में देश के पहले सैनिक स्कूल की स्थापना उत्तर प्रदेश के लखनऊ में तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. संपूर्णानंद जी ने थी। अब यूपी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य सोसाइटी के माध्यम से सैनिक स्कूल खोलने की सराहनीय कार्य किया है। कम समय में सैनिक स्कूल बनाकर और सबसे अधिक दिन मुख्यमंत्री रहकर योगी जी ने पूर्व सीएम डॉ. संपूर्णानंद जी का रिकार्ड तोड़ दिया है।
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’सीएम योगी का निमंत्रण पाकर बहुत भावुक हो गया’
उपराष्ट्रपति श्री धनखड़ ने कहा कि जब देश के सबसे बड़े प्रांत के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मेरे आवास पर आकर सैनिक स्कूल गोरखपुर के लोकार्पण के लिए निमंत्रण पत्र दिया तो मैं बहुत भावुक हो गया। उन्होंने कहा कि वैसे तो योगी जी की हर बात असाधारण है पर सैनिक स्कूल के लिए योगी जी का निमंत्रण पत्र भी असाधारण ही था। उन्होंने मुझे सैनिक स्कूल के एक पुरातन छात्र के रूप में निमंत्रित किया। योगी जी की नजर पैनी और पारखी है। मुझे बुलाने के लिए मुझ पर जितना होमवर्क उन्होंने किया, उतना मेरे निकट संबंधियों ने भी नहीं किया होगा। उपराष्ट्रपति ने कहा कि सैनिक स्कूल के लोकार्पण समारोह में आकर वह काफी भावविभोर और प्रफुल्लित हैं। आज उनके सामने छहदशक पूर्व का दृश्य जीवंत हो रहा है जब वह खुद सैनिक स्कूल के छात्र थे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मेरे लिए यह अविस्मरणीय काम कर दिया है।
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सैनिक स्कूल गोरखपुर के लोकार्पण का मौका जीवन में नया अध्याय
श्री धनखड़ ने कहा कि इस निमंत्रण के जरिये योगी जी ने यह भान भी कराया कि शिक्षा बदलाव लाने, असमानता दूर कर समानता पैदा करने का माध्यम है। उपराष्ट्रपति ने कहा कि सैनिक स्कूल गोरखपुर के लोकार्पण के लिए मौका देकर आपने (योगी जी) मेरे जीवन में नया अध्याय जोड़ दिया है। इसे कभी नहीं भूलेंगे।
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हर राज्य को प्रेरणा देगा यह सैनिक स्कूल
श्री धनखड़ ने कहा कि गोरखपुर का सैनिक स्कूल हर राज्य को प्रेरणा देगा कि वह भी इसके तर्ज पर सोसाइटी बनाकर अपने राज्य में सैनिक स्कूल की स्थापना करें। उन्होंने कहा कि इस सैनिक स्कूल के लोकार्पण समारोह में आकर आज मेरा जो लगाव गोरखपुर से हुआ है वह जीवन पर्यंत बना रहेगा।
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उपराष्ट्रपति ने जोड़ा गोरक्षभूमि का राजस्थान से रिश्ता
सैनिक स्कूल के लोकार्पण समारोह में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने ऐतिहासिक, आध्यात्मिक और नाथ संप्रदाय की साधनास्थली गोरक्षभूमि को नमन करते हुए इसका अपने गृह क्षेत्र राजस्थान से रिश्ता जोड़ा। उन्होंने कहा कि वर्तमान गोरक्ष पीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ के दादागुरु महंत दिग्विजयनाथ जी महाराज राजस्थान के उदयपुर से थे। गीता प्रेस के हनुमान प्रसाद पोद्दार का ताल्लुक भी राजस्थान से ही था। उन्होंने कहा कि यह उनका परम सौभाग्य रहा है कि योगी जी के गुरुदेव महंत अवेद्यनाथ जी के साथ वह लोकसभा के सदस्य रहे। केंद्र में जब वह मंत्री बने तो उन्होंने जिन कुछ लोगों का आशीर्वाद लिया था उसमें महंत अवेद्यनाथ जी भी एक थे।
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टेराकोटा की गणेश प्रतिमा भेंटकर सीएम ने किया उपराष्ट्रपति का अभिनंदन
सैनिक स्कूल के लोकार्पण समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अंगवस्त्र तथा टेराकोटा की गणेश जी की प्रतिमा भेंटकर उपराष्ट्रपति का अभिनंदन किया। इस अवसर पर माध्यमिक शिक्षा राज्य मंत्री गुलाब देवी ने उपराष्ट्रपति की पत्नी डॉ. सुदेश धनखड़ को टेराकोटा की गणेश जी की प्रतिमा भेंट की।
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सुरक्षा, समपर्ण व अनुशासन के प्रतीक के रूप में उभरेगा सैनिक स्कूल : गुलाब देवी
सैनिक स्कूल के लोकार्पण समारोह में स्वागत संबोधन में माध्यमिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गुलाब देवी ने कहा कि गोरखपुर में बने इस सैनिक स्कूल के लोकार्पण के साथ आज एक नई यात्रा की शुरुआत हो रही। यह सैनिक स्कूल देश की सुरक्षा, समपर्ण और अनुशासन के प्रतीक के रूप में उभरेगा। मध्यमिक शिक्षा मंत्री ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में प्रदेश की मजबूत हो रही शिक्षा व्यवस्था की चर्चा करते हुए कहा कि सीएम योगी के नेतृत्व में माध्यमिक शिक्षा विभाग ने नकलविहीन परीक्षा कराने के साथ बहुत कम समय मे परीक्षा परिणाम जारी कर कीर्तिमान बनाया है। कहा कि प्रोजेक्ट अलंकार से माध्यमिक विद्यालयों का कायाकल्प हो रहा है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मेजबानी में हुए इस समारोह में केंद्रीय ग्रामीण विकास राज्य मंत्री कमलेश पासवान, बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह, सांसद रविकिशन शुक्ल, जिला पंचायत अध्यक्ष साधना सिंह, महापौर डॉ. मंगलेश श्रीवास्तव, एमएलसी डॉ. धर्मेंद्र सिंह, विधायक फतेह बहादुर सिंह, महेंद्रपाल सिंह, श्रीराम चौहान, विपिन सिंह, डॉ. विमलेश पासवान, प्रदीप शुक्ल, सरवन निषाद आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।
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सैनिक स्कूल का निरीक्षण भी किया उपराष्ट्रपति ने
सैनिक स्कूल गोरखपुर का उद्घाटन करने के साथी उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ इसका निरीक्षण भी किया। उन्होंने क्लास रूम, प्ले ग्राउण्ड, तरणताल, आवासीय परिसर आदि का अवलोकन किया। तत्पश्चात नवनिर्मित एकलव्य शूटिंग रेंज स्थल पर शूटिंग का अभ्यास भी किया। पर्यावरण को स्वच्छ और सुंदर बनाने के दृष्टिकोण से पौधरोपण कर प्रकृति को हरा भरा रखने का संदेश दिया। उपराष्ट्रपति जब मंच पर पहुंचे तो कार्यक्रमों की शुरुआत राष्ट्रगान और सरस्वती वंदना से हुई। इस अवसर पर सैनिक स्कूल के कैडेट्स ने सैनिक स्कूल के छात्र जीवन से लेकर सैन्य जीवन तक की दिनचर्या पर भावपूर्ण नाट्य प्रस्तुति की।
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