Agra News: सपा सांसद राम जी लाल सुमन के बयान से मचा घमासान, अखिलेश यादव ने समर्थन दिया तो BJP ने लताड़ा
सपा नेता ने कहा है कि शिक्षा और बेरोजगारी की क़ब्र खोदनी चाहिए थी, जिससे देश में शिक्षा और रोजगार बढ़े, लेकिन मौजूदा सरकार के नुमाइंदे पुराने महापुरुषों की कब्रों को खोदने की ....
By INA News Agra.
समाजवादी पार्टी के सांसद राम जी लाल सुमन ने मेवाड़ के सम्राट राणा सांगा को लेकर विवादास्पद बयान दिया। उन्होंने राणा सांगा को गद्दार कहा, जिस पर बीजेपी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। अखिलेश यादव ने सुमन का समर्थन किया और बीजेपी पर इतिहास के पन्ने पलटने का आरोप लगाया। इस विवादित बयान के बाद देश भर में औरंगजेब को लेकर घमासान मचा हुआ है, उत्तर प्रदेश के नेता भी इस रेस में पीछे नजर नहीं आ रहे हैं। दिनों राज्यसभा सांसद समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रामजी लाल सुमन ने औरंगजेब को लेकर बयान दिया था।
औरंगजेब को लेकर कौन आया था? इस बयान को लेकर घमासान मचा हुआ है। रामजी लाल सुमन के बाद अब समाजवादी पार्टी के उत्तर प्रदेश के प्रदेश सचिव रामकुमार नागर ने भी औरंगजेब को ही महापुरुष बताया है। रामकुमार नागर ने कहा है कि महापुरुषों की कब्रों पर सियासत ठीक नहीं है। सपा नेता ने कहा है कि, महापुरुषों की कब्रों को 200 साल बाद खोदा जाएगा तो उसमें कुछ नहीं निकलेगा। समाजवादी पार्टी के सांसद रामजीलाल सुमन ने राज्यसभा में कहा था, "अगर मुसलमानों को बाबर का वंशज कहा जाता है, तो हिंदू गद्दार राणा सांगा के वंशज होने चाहिए।
हम बाबर की आलोचना करते हैं, लेकिन राणा सांगा की आलोचना क्यों नहीं करते?" उनके इसी बयान का अखिलेश यादव ने समर्थन किया है, और बीजेपी उनकी आलोचना कर रही है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपनी पार्टी के राज्यसभा सांसद रामजीलाल सुमन के बयान का बचाव किया है। सुमन के संसद में मेवाड़ के शासक रहे राणा सांगा को 'गद्दार' बताए जाने के बाद राजनीतिक बवाल मच गया था। बीजेपी ने सपा सांसद के इस बयान को हिंदू समुदाय के प्रति अपमान बताया और अखिलेश यादव पर तुष्टिकरण की राजनीति का आरोप लगाया।
21 मार्च को राज्यसभा में अपने भाषण के दौरान, रामजीलाल सुमन ने कहा था कि भारतीय मुसलमान बाबर को अपना आदर्श नहीं मानते, बल्कि वे पैगम्बर मुहम्मद और सूफी परंपराओं का पालन करते हैं। उन्होंने सवाल उठाया था कि आखिर बाबर को भारत लाया कौन? "यह राणा सांगा ही थे जिन्होंने बाबर को इब्राहिम लोदी को हराने के लिए आमंत्रित किया था।"
उधर समाजवादी पार्टी के प्रदेश सचिव का कहना है कि मौजूदा समय में भारतीय जनता पार्टी इतिहास से छेड़छाड़ करने के लिए लगातार इस तरह का बयान दे रही है। सपा नेता ने कहा है कि रामजीलाल सुमन के बयान को भारतीय जनता पार्टी के लोग तोड़ मरोड़ के पेश कर रहे हैं, जिससे आपसी भाईचारे को ठेस पहुंचाया जा रहा है। सरकार को जिस मुद्दे पर बात करनी चाहिये थी उस मुद्दे पर बात नहीं कर रही है।
सपा नेता ने कहा है कि शिक्षा और बेरोजगारी की क़ब्र खोदनी चाहिए थी, जिससे देश में शिक्षा और रोजगार बढ़े, लेकिन मौजूदा सरकार के नुमाइंदे पुराने महापुरुषों की कब्रों को खोदने की बात कर रहे हैं। समाजवादी पार्टी के प्रदेश सचिव रामकुमार नगर का कहना है जिस तरह से लगातार बयान बाजी चल रही है, इससे देश को नुकसान हो रहा है। मौजूदा समय में विकास की बातें होनी चाहिए लेकिन ऐसा कुछ नहीं है। हर रोज बयान बाजी से देश को नुकसान हो रहा है। सदन को संबोधित करते हुए सपा सांसद रामजी लाल सुमन ने कहा, ‘एक तो ये बीजेपी के लोगों का तकिया कलाम हो गया है।
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सभापति महोदय इन मुस्लमान में बाबर का डीएनए है। मैं यह जानना चाहूंगा कि बाबर का डीएनए मुस्लमान में है। हिंदुस्तान का मुस्लमान तो बाबर को अपना आदर्श नहीं मानता है। वो मोहम्मद साहब को अपना आदर्श मानता है। सूफी संतो की परंपरा को अपना आदर्श मानता है। लेकिन सभापति महोदय मैं जानना चाहूंगा कि बाबर को कौन लाया था। बाबर को इब्राहिम लोदी को हराने के लिए राणा सांगा लाया था। तो मुस्लमान तो बाबर की औलाद हैं। तुम गद्दार राणा सांगा की औलाद हो। हम बाबर की तो आलोचना करते हैं। राणा सांगा की नहीं करते हैं।
बीजेपी के पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने भी इस पूरे विवाद पर प्रतिक्रिया दी है। बीजेपी नेता बृजभूषण शरण सिंह ने सपा सांसद से माफी की मांग की है और उन्होंने दैत्य गुरु शुक्राचार्य का भी जिक्र किया है।
राणा सांगा विवाद पर मेरी प्रतिक्रिया… pic.twitter.com/z5mNnszKpt — BrijBhushan Sharan Singh (Modi ka Parivar) (@b_bhushansharan) March 23, 2025
बीजेपी के पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने अपने एक्स अकाउंट पर वीडियो पोस्ट कर कहा-"देखिए लगता है कि कुछ समाजवादी पार्टी के नेताओं के शरीर में दैत्य गुरु शुक्राचार्य की आत्मा बसी है और इस बयान का क्या परिणाम होगा इसकी चिंता सांगा के परिवार को या राजपूत समाज को करने की जरूरत नहीं। जैसे शुक्राचार्य के रास्तों पर चलकर के...एक तरीके से कह सकते हैं कि जैसे रावण का अंत हुआ था। ये जो शुक्राचार्य की आत्मा घुसी है, कभी मुंबई में घुस जाती है. अब देखिए अच्छा भला चल रहा था, अब सुमन साहब कई बार के सांसद हैं उनमें घुस गई और वह इतिहास के बड़े जानकार हैं।"
बीजेपी नेता बृजभूषण सिंह ने कहा-"अगर उनको कहीं से रिफ्रेंस यह मिला है, बाबरनामा से या कहीं से तो उनको यह भी देखना चाहिए कि दौलत खान लोदी ने क्या किया था। दौलत खान लोदी ने किया था और वह पंजाब का गवर्नर था। इतिहास में एक-एक चीज से कई चीजें देखने को मिलती हैं लेकिन जिस बयान से किसी समाज को किसी जाति को तकलीफ पहुंचती हो वह बयान नहीं देना चाहिए।"
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उधर सुमन के बयान पर विवाद खड़ा हो गया। पूर्व बीजेपी सांसद संजीव बालियान ने बयान की निंदा करते हुए इसे राजपूतों का अपमान बताया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर वीडियो शेयर किया है। उन्होंने लिखा, ‘धिक्कार है तुष्टिकरण की सभी हदे पार करके सपा नेता रामजी लाल सुमन द्वारा संसद में महान वीर राणा सांगा को गद्दार कहना हमारे राजपूत समाज और समस्त हिंदू समाज का घोर अपमान है। सपा को ऐसे शर्मनाक कृत्य पर पूरे देश से माफी मांगनी चाहिए।’ सुमन शुक्रवार को राज्यसभा में गृह मंत्रालय के कामकाज की समीक्षा पर बोल रहे थे।
इस दौरान उन्होंने कहा था कि भाजपा के लोगों का तकिया कलाम हो गया है कि मुसलमानों में बाबर का डीएनए है। आखिर, बाबर को लाया कौन। इब्राहिम लोधी को हराने के लिए बाबर को राणा सांगा हिंदुस्तान में लाया था। अगर मुसलमान बाबर की औलाद हैं तो फिर तुम गद्दार राणा सांगा की औलाद हो। उन्होंने कहा था कि प्रधानमंत्री और गृहमंत्री का काम देश में सामाजिक और धार्मिक सौहार्द कायम रखना है। यह देश एक घर है।
इस घर में किसी प्रकार का तनाव न हो, यह गृह मंत्रालय की जिम्मेदारी है। दुर्भाग्यपूर्ण है कि हाल ही में होली पर मुसलमानों की तरफ से एक स्वर नहीं निकला, इसके बावजूद गलत बयानबाजी की गई। यूपी और बिहार के दो विधायकों ने कहा, मुसलमानों को अपने घर में होली पर कैद हो जाना चाहिए। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में कभी होली पर कार्यक्रम नहीं होता था। वहां जबरिया समारोह का प्रयास किया गया। स्थानीय जनप्रतिनिधि ने कहा, जो इस कार्यक्रम का विरोध करेगा, उसे ऊपर पहुंचा दिया जाएगा। हमारे देश में कानून का राज है या जंगल का।
पूर्व केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान ने कहा कि सपा को ऐसे शर्मनाक कृत्य पर पूरे देश से माफी मांगनी चाहिए। अब भाजपा सांसद जगदंबिका पाल ने मामले में सपा सांसद और पूरे विपक्ष के रवैये पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि विपक्षी दल मानसिक रूप से अस्थिर हो गए हैं।
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इस दौरान श्री राजपूत करणी सेना के अध्यक्ष महिपाल सिंह मकाराना ने प्रशासन को 7 दिन का अल्टीमेटम दिया। मकराना ने कहा कि प्रशासन ने 9 मई तक का टाइम दिया, लेकिन हम इतना इंतजार नहीं करेंगे। सात दिनों के अंदर नई मूर्ति लगवाई जाए।
इस मामले में अखिलेश यादव ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि "अगर बीजेपी के नेता इतिहास के पन्ने पलट सकते हैं, तो रामजीलाल सुमन ने इतिहास के एक पन्ने का उल्लेख किया है। हमने 200 साल पहले का इतिहास नहीं लिखा।" उन्होंने बीजेपी से अपील की कि वह इतिहास को सेलेक्टिव तरीके से न खंगाले।
बीजेपी नेता अमित मालवीय ने अखिलेश यादव पर पलटवार करते हुए आरोप लगाया कि वह तुष्टिकरण की राजनीति में लगे हैं और सुमन के बयान का समर्थन कर रहे हैं। वहीं, विश्व हिंदू परिषद ने सपा सांसद सुमन के बयान को शर्मनाक बताते हुए उनसे माफी की मांग की है। केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता गजेन्द्र सिंह शेखावत ने भी सुमन की टिप्पणी की निंदा की है।