Ayodhya : 191 फीट ऊँचे शिखर पर पहली धर्मध्वजा फहराएंगे पीएम मोदी, ध्वज जन्मभूमि परिसर में पहुँचा
11 फीट चौड़ा और 22 फीट लंबा यह ध्वज उच्च गुणवत्ता वाले पैराशूट फैब्रिक तथा रेशमी धागों से बना है। इसमें सूर्यदेव, ‘ॐ’ चिह्न और कोविदार वृक्ष के प्रतीक उकेरे ग
अयोध्या। श्री राम जन्मभूमि मंदिर के सबसे ऊँचे शिखर पर पहली बार धर्मध्वजा फहराने का ऐतिहासिक क्षण कल यानी 25 नवंबर को आएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं 191 फीट की ऊँचाई पर चढ़कर त्रिस्तरीय दिव्य ध्वज को फहराएंगे। गुजरात के छह कुशल कारीगरों द्वारा 25 दिनों की कड़ी मेहनत से तैयार यह विशेष ध्वज सोमवार को मंदिर परिसर में पहुँच गया।
11 फीट चौड़ा और 22 फीट लंबा यह ध्वज उच्च गुणवत्ता वाले पैराशूट फैब्रिक तथा रेशमी धागों से बना है। इसमें सूर्यदेव, ‘ॐ’ चिह्न और कोविदार वृक्ष के प्रतीक उकेरे गए हैं। तेज हवाओं का सामना करने के लिए ध्वजदंड में घूमने वाला चैंबर और मजबूत नायलॉन डोरी का इस्तेमाल किया गया है।
कार्यक्रम को लेकर तैयारियाँ जोरों पर हैं। राम मंदिर ट्रस्ट ने दो करोड़ रुपये से अधिक दान देने वाले सौ प्रमुख दानदाताओं के अलावा लखनऊ, अयोध्या व आसपास के 25 जिलों के किसानों तथा विभिन्न समाजों के प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया है।
हालांकि ध्वजारोहण को लेकर विवाद भी खड़ा हो गया है। ज्योतिर्मठ बदरिकाश्रम के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने इसे शास्त्रसम्मत नहीं बताया है। उनका कहना है कि शिखर की पूर्ण प्रतिष्ठा के बिना ध्वज परिवर्तन या भूमि से ऊपर चढ़कर ध्वजा फहराना शास्त्रों में वर्णित नहीं है।
सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। 25 नवंबर को आम श्रद्धालुओं के लिए रामलला के दर्शन पूरे दिन बंद रहेंगे। भारी वाहनों का प्रवेश 23 नवंबर रात से 26 नवंबर मध्यरात्रि तक प्रतिबंधित रहेगा। प्रधानमंत्री का हेलिकॉप्टर साकेत महाविद्यालय में उतरेगा, वहीं से वे सड़क मार्ग द्वारा मंदिर पहुँचेंगे। SPG और अन्य सुरक्षा एजेंसियाँ लगातार रिहर्सल व समीक्षा कर रही हैं।
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