Ballia News: गर्भवती महिला को फर्श पर देना पड़ा बच्चे को जन्म, वीडियो वायरल होने पर मचा हड़कंप, बलिया के सोनबरसा CHC में लापरवाही का खुलासा
वायरल वीडियो के बाद सोनबरसा CHC में हड़कंप मच गया। CHC अधीक्षक डॉ. राजेश सरोज ने बताया कि वह उस समय छुट्टी पर थे, क्योंकि उनके घर में शादी थी। उन्होंने दावा किया कि...
By INA News Ballia.
बलिया: उत्तर प्रदेश सरकार भले ही स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के दावे कर रही हो, लेकिन बलिया जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) सोनबरसा में हुई एक शर्मनाक घटना ने स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोल दी। गुरुवार की देर रात एक गर्भवती महिला को प्रसव पीड़ा के दौरान न तो डॉक्टर मिला, न नर्स, और न ही बेड। मजबूरी में महिला को अस्पताल के गेट पर फर्श पर ही बच्चे को जन्म देना पड़ा। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल होने के बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है। स्थानीय नेताओं और जनता ने इस लापरवाही को मानवता के प्रति अपराध करार देते हुए उच्च स्तरीय जांच और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।
जानकारी के अनुसार, बैरिया तहसील के लक्ष्मण छपरा गांव की निवासी सविता पटेल, पत्नी शंकर पटेल, गुरुवार देर रात करीब 1 बजे प्रसव पीड़ा से पीड़ित होकर सोनबरसा CHC पहुंची। अस्पताल का मुख्य द्वार खुला था, लेकिन कमरे ताले बंद थे। इमरजेंसी ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक और चिकित्साकर्मी अपने आवास पर सो रहे थे। कोई भी कर्मचारी मौके पर मौजूद नहीं था। इस बीच, सविता की हालत बिगड़ती गई और उन्हें अस्पताल के गेट पर ही फर्श पर बच्चे को जन्म देना पड़ा। इस घटना का एक वीडियो किसी ने बनाकर सोशल मीडिया पर डाल दिया, जो तेजी से वायरल हो गया। वीडियो में साफ दिख रहा है कि प्रसव के दौरान न तो कोई चिकित्सक मौजूद था और न ही कोई बुनियादी सुविधा उपलब्ध थी।
वायरल वीडियो के बाद सोनबरसा CHC में हड़कंप मच गया। CHC अधीक्षक डॉ. राजेश सरोज ने बताया कि वह उस समय छुट्टी पर थे, क्योंकि उनके घर में शादी थी। उन्होंने दावा किया कि इमरजेंसी ड्यूटी पर डॉ. ब्यास मौजूद थे। वहीं, डॉ. ब्यास ने सफाई दी कि गर्भवती महिला के पास इतना समय नहीं था कि वह वार्ड तक पहुंच सके, और प्रसव गेट पर ही हो गया। उन्होंने कहा, “सूचना मिलते ही मैं और स्टाफ नर्स मौके पर पहुंचे। हमने नवजात की सफाई की, नाल काटी, और टीकाकरण किया। रात भर जच्चा-बच्चा को चिकित्सकीय देखरेख में रखा गया और सुबह 7 बजे दोनों स्वस्थ हालत में घर चले गए।”
हालांकि, जब डॉ. ब्यास से महिला का नाम और पता पूछा गया, तो उन्होंने बताया कि सविता ने अपना आधार कार्ड नहीं दिया और कहा था कि वह दोपहर तक आधार कार्ड भेज देगी। लेकिन दोपहर 3 बजे तक न तो आधार कार्ड पहुंचा और न ही प्रसव रजिस्टर में इस डिलीवरी की कोई प्रविष्टि दर्ज की गई। इस अस्पष्टता ने स्वास्थ्य केंद्र की कार्यप्रणाली पर और सवाल खड़े कर दिए।
इस घटना ने स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश पैदा किया है। क्षेत्रवासियों का कहना है कि सोनबरसा CHC में रात के समय इमरजेंसी ड्यूटी पर तैनात कर्मचारी और चिकित्सक अक्सर अपने आवास पर सोते रहते हैं, और अस्पताल में कोई मौजूद नहीं रहता। यह पहली बार नहीं है जब ऐसी लापरवाही सामने आई हो, लेकिन वीडियो के वायरल होने से यह मामला सुर्खियों में आ गया।
- भाजपा नेत्री का धरना
पूर्व सांसद भरत सिंह की पुत्री और भाजपा नेत्री विजयलक्ष्मी सिंह ने इस घटना को “मानवता को शर्मसार करने वाला” करार देते हुए शुक्रवार शाम को सोनबरसा CHC में धरना शुरू कर दिया। उन्होंने इस मामले की उच्च स्तरीय जांच, लापरवाह चिकित्सकों और कर्मचारियों के निलंबन, और CHC में तैनात सभी कर्मचारियों के सामूहिक स्थानांतरण की मांग की। विजयलक्ष्मी ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) से फोन पर बात की और कहा कि जब तक सीएमओ मौके पर नहीं आते, वह धरने पर बैठी रहेंगी।
अपर सीएमओ डॉ. विजय यादव ने मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया, लेकिन उनकी सफाई कि “डॉक्टर और कर्मचारी अपने कमरों में थे और प्रसव जल्दी हो गया” पर विजयलक्ष्मी भड़क गईं। उन्होंने कहा, “आप गलत बात बता रहे हैं। अगर जच्चा-बच्चा की मौत हो जाती, तो इसका जिम्मेदार कौन होता?” धरने में विजयलक्ष्मी के साथ डॉ. आशीष सिंह, नीरज सिंह, आजाद सिंह, मंगल पांडे, धीरेंद्र सिंह, विजय यादव, तुलसी वर्मा, मणि भूषण सिंह, और निखिल उपाध्याय सहित कई समर्थक शामिल थे।
- बसपा और सपा की प्रतिक्रिया
बसपा के पूर्व विधायक सुभाष यादव ने इस घटना को “चिकित्सकों और कर्मचारियों की मानवता के प्रति घोर लापरवाही” बताया और उच्च स्तरीय जांच की मांग की। उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा, “इस सरकार में सभी निरंकुश हो चुके हैं।” सपा विधानसभा अध्यक्ष दशरथ यादव और श्यामू ठाकुर ने भी इस घटना की निंदा की और जांच की मांग की।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि इस मामले की जांच अपर सीएमओ डॉ. विजय यादव को सौंपी गई है। प्रथम दृष्टया इमरजेंसी ड्यूटी में तैनात चिकित्सक और कर्मचारियों की लापरवाही सामने आई है। सीएमओ ने आश्वासन दिया कि जांच के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी। हालांकि, जनता और नेताओं का कहना है कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए स्थायी समाधान और सख्त निगरानी की जरूरत है।
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