बिहार चुनाव में बच्चे का विवादास्पद नारा: तेजस्वी यादव की सभा में 'बउआ हम्मर चलावल गोली', बीजेपी ने वीडियो शेयर कर सवाल उठाए।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण की वोटिंग से ठीक पहले एक वीडियो ने राजनीतिक हलचल मचा दी है। वीडियो में आरजेडी नेता तेजस्वी यादव
पटना। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण की वोटिंग से ठीक पहले एक वीडियो ने राजनीतिक हलचल मचा दी है। वीडियो में आरजेडी नेता तेजस्वी यादव की चुनावी सभा में एक छोटा बच्चा मंच पर खड़ा होकर नारा लगा रहा है। बच्चा कहता है, बउआ हम्मर चलावल गोली, तेजस्वी भैया के बोलल बोली, कहियो ना खाली जाय छैय हो। इसके बाद वह आगे कहता है, गे छउड़ी गे लाठिया ले के घुमछी त कहय छही गवार गे, बन दही CM तेजस्वी भैया के त कट्टा लेके घुमबऊ ने त कहिहन रंगदार गे। यह वीडियो मोहनपुर गांव की सभा का है, जहां तेजस्वी यादव आने वाले थे। बीजेपी ने इस वीडियो को सोशल मीडिया पर शेयर कर आरजेडी पर हिंसा को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है। आरजेडी ने इसे बच्चे की मासूमियत बताया और बीजेपी पर चुनावी स्टंट का इल्जाम लगाया।
यह घटना 4 नवंबर 2025 की शाम की है। मोहनपुर बिहार के गया जिले में आता है, जो पहले चरण में वोटिंग वाले क्षेत्रों में शामिल है। तेजस्वी यादव महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार हैं। उनकी सभा से पहले आरजेडी कार्यकर्ता मंच पर जुटे थे। एक कार्यकर्ता ने अपने छोटे बच्चे को मंच पर बुलाया। बच्चा लगभग 8-10 साल का लग रहा है। उसने माइक थामा और ऊंची आवाज में नारा लगाया। नारा अंगिका या मगही बोली में था, जो बिहार के इस इलाके में आम है। इसका मतलब है कि बउआ (भाई) हमारा गोली चलाएगा, तेजस्वी भैया ने बोला है, कभी खाली नहीं जाएगा। लड़की लाठी लेकर घूमेगी तो गंवार कहलाएगी, लेकिन तेजस्वी भैया मुख्यमंत्री बनेंगे तो कट्टा (पिस्तौल) लेकर घूमेंगे तो रंगदार कहलाएंगे।
वीडियो करीब 30 सेकंड का है। इसमें बच्चा उत्साह से नारा लगाता है और कार्यकर्ता ताली बजाते हैं। तेजस्वी यादव अभी मंच पर नहीं आए थे। वीडियो किसी कार्यकर्ता ने मोबाइल से बनाया और सोशल मीडिया पर डाला। बीजेपी के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने इसे एक्स पर शेयर किया। उन्होंने कैप्शन लिखा, आरजेडी की सभाओं में बच्चों को गोली और कट्टा चलाने का पाठ पढ़ाया जा रहा है। यह जंगलराज की वापसी है। तेजस्वी यादव बताएं कि वे बच्चों को हथियारबंद गुंडा बनाना चाहते हैं। वीडियो तेजी से वायरल हो गया। हजारों व्यूज और शेयर मिले। बीजेपी नेताओं ने इसे चुनाव आयोग में शिकायत करने की बात कही।
आरजेडी ने जवाब दिया। पार्टी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि यह बच्चे का मासूम नारा है, जो कार्यकर्ताओं के उत्साह में लगा दिया। तेजस्वी यादव ने खुद एक्स पर पोस्ट किया, बीजेपी वाले डर गए हैं। बच्चे की मासूमियत को राजनीति का हथियार बना रहे हैं। हम विकास की बात करते हैं, वे पुराने जंगलराज का रोना रोते हैं। तेजस्वी ने कहा कि बिहार के बच्चे अब किताब और पेन लेकर घूमेंगे, न कि हथियार। लेकिन वीडियो में गोली और कट्टा का जिक्र साफ है।
यह वीडियो बिहार चुनाव में हिंसा के मुद्दे को फिर से गरमा गया है। बिहार में 2025 चुनाव तीन चरणों में हो रहे हैं। पहला चरण 5 नवंबर को है, जिसमें 71 सीटें हैं। गया जिला इसमें शामिल है। तेजस्वी यादव रोजाना कई सभाएं कर रहे हैं। वे बेरोजगारी, शिक्षा और स्वास्थ्य पर फोकस कर रहे हैं। लेकिन बीजेपी एनडीए की मजबूती और डबल इंजन सरकार पर जोर दे रही है। नीतीश कुमार फिर मुख्यमंत्री उम्मीदवार हैं। बीजेपी का कहना है कि आरजेडी का पुराना जंगलराज याद दिलाना जरूरी है, जहां गुंडागर्दी आम थी।
सोशल मीडिया पर बहस तेज है। बीजेपी समर्थक कह रहे हैं कि आरजेडी बच्चों को हिंसा सिखा रही है। एक यूजर ने लिखा, तेजस्वी भैया कट्टा लेकर रंगदार बनेंगे, यह क्या संदेश है। आरजेडी समर्थक बचाव कर रहे हैं। उनका कहना है कि नारा लोकल बोली में मजाक था, बीजेपी इसे तोड़-मरोड़ रही है। कुछ ने कहा कि बच्चे कार्यकर्ताओं की नकल करते हैं, इसमें गलत क्या। हैशटैग #JungleRajReturns और #TejashwiForCM ट्रेंड कर रहे हैं।
चुनाव आयोग ने वीडियो का संज्ञान लिया। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि अगर नारा आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करता है तो कार्रवाई होगी। बच्चों को राजनीतिक मंच पर इस्तेमाल करने पर पहले भी सख्ती हुई है। 2020 चुनाव में भी ऐसे मामले आए थे। विशेषज्ञों का कहना है कि चुनाव में भावनाएं गरम होती हैं, लेकिन बच्चों को इसमें न घसीटें।
तेजस्वी यादव की सभाएं युवाओं से भरी रहती हैं। वे 25 लाख नौकरियों का वादा कर रहे हैं। लेकिन यह वीडियो उनके लिए झटका है। बीजेपी इसे प्रचार का हथियार बना रही है। अमित शाह ने रैली में कहा, आरजेडी वाले गोली चलवाएंगे, हम विकास देंगे। नीतीश कुमार ने चुप्पी साधी, लेकिन जेडीयू नेताओं ने आरजेडी पर हमला बोला।
मोहनपुर गांव छोटा है, लेकिन अब चर्चा में है। स्थानीय लोग कहते हैं कि सभा में उत्साह था, बच्चा कार्यकर्ता का बेटा है। उसने घर में सुने नारे दोहरा दिए। गांव वालों ने कहा कि राजनीति अलग है, बच्चे मासूम हैं। लेकिन वीडियो से गांव की छवि खराब हुई।
बिहार चुनाव में हिंसा का इतिहास पुराना है। 1990 के दशक में लालू यादव के समय जंगलराज कहा जाता था। गुंडे खुले घूमते थे। तेजस्वी उस दौर को बदलने का दावा करते हैं। लेकिन ऐसे वीडियो पुरानी यादें ताजा कर देते हैं। चुनाव आयोग ने सभी पार्टियों से शांतिपूर्ण चुनाव की अपील की है।
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