जिस देश ने डॉक्टर बनाया, उसी से गद्दारी: रेड फोर्ट ब्लास्ट में उमर नबी की कहानी, व्हाइट कॉलर टेरर का काला चेहरा। 

दिल्ली के रेड फोर्ट के पास 10 नवंबर 2025 को हुए कार ब्लास्ट ने पूरे देश को स्तब्ध कर दिया। इस धमाके में 12 लोगों की जान चली गई और 20 से अधिक

Nov 13, 2025 - 12:26
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जिस देश ने डॉक्टर बनाया, उसी से गद्दारी: रेड फोर्ट ब्लास्ट में उमर नबी की कहानी, व्हाइट कॉलर टेरर का काला चेहरा। 
जिस देश ने डॉक्टर बनाया, उसी से गद्दारी: रेड फोर्ट ब्लास्ट में उमर नबी की कहानी, व्हाइट कॉलर टेरर का काला चेहरा। 

दिल्ली के रेड फोर्ट के पास 10 नवंबर 2025 को हुए कार ब्लास्ट ने पूरे देश को स्तब्ध कर दिया। इस धमाके में 12 लोगों की जान चली गई और 20 से अधिक लोग घायल हो गए। जांच में सामने आया कि कार को चला रहे व्यक्ति का नाम डॉक्टर उमर उन नबी था, जो जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले के कोइल गांव का रहने वाला था। भारत सरकार ने उन्हें शिक्षा दी, चिकित्सा की उच्च डिग्री दिलाई, लेकिन उमर ने उसी देश के खिलाफ साजिश रची। वे एक 'व्हाइट कॉलर' टेरर मॉड्यूल के सरगना थे, जिसमें पढ़े-लिखे डॉक्टर, क्लर्क और प्रोफेशनल्स शामिल थे। यह मॉड्यूल जैश-ए-मोहम्मद और अंसार गजवात-उल-हिंद जैसे पाकिस्तान आधारित संगठनों से जुड़ा था। आज तक की एंकर अंजना ओम कश्यप ने अपने शो 'ब्लैक एंड व्हाइट' में इस घटना को उठाया, जहां उन्होंने सवाल किया कि जिस देश ने इन डॉक्टरों को बनाया, वे उसी से गद्दारी कैसे कर सकते हैं।

घटना की शुरुआत 10 नवंबर की शाम को हुई। समय था करीब 6 बजकर 50 मिनट। चांदनी चौक के व्यस्त इलाके में रेड फोर्ट मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर 1 के पास एक सफेद ह्यूंडई आई20 कार अचानक फट पड़ी। धमाके की आवाज इतनी तेज थी कि आसपास की इमारतें कांप गईं। कार में लगभग तीन किलोग्राम अमोनियम नाइट्रेट और आरडीएक्स के मिश्रण से बने विस्फोटक भरे थे। विस्फोट से कार के टुकड़े उड़ गए, सड़क पर मलबा बिखर गया। नजदीकी दुकानों के शटर गिर गए और कई वाहन जल उठे। राहगीरों में अफरा-तफरी मच गई। दिल्ली पुलिस, नेशनल सिक्योरिटी गार्ड और फॉरेंसिक टीमें तुरंत पहुंचीं। घायलों को लोक नायक जयप्रकाश अस्पताल ले जाया गया। मृतकों में अमरोहा के बस कंडक्टर अशोक कुमार, स्थानीय व्यापारी और कुछ पर्यटक शामिल थे। प्रारंभ में इसे दुर्घटना माना गया, लेकिन जांच में आतंकी साजिश का पता चला। दिल्ली पुलिस ने यूएपीए की धारा 16 और 18 के तहत केस दर्ज किया।

जांच का पहला बड़ा मोड़ आया जब सीसीटीवी फुटेज से कार चालक की पहचान हुई। फुटेज में मुखौटा पहने एक व्यक्ति कार चला रहा था। कार का रजिस्ट्रेशन दिल्ली का था, लेकिन पता फर्जी निकला। 29 अक्टूबर को उमर ने यह कार खरीदी थी। वे बदरपुर बॉर्डर से दिल्ली में घुसे और कनॉट प्लेस, तुर्कमान गेट जैसे इलाकों का चक्कर लगाते रहे। शाम को कार रेड फोर्ट के पास पार्क हुई और धमाका हो गया। फॉरेंसिक जांच में कार के मलबे से हड्डियों के टुकड़े और दांत मिले। रोहिणी फॉरेंसिक लैब में डीएनए टेस्ट किया गया। उमर की मां शमीमा बेगम के सैंपल से 100 प्रतिशत मैच आया। एम्स फॉरेंसिक हेड ने पुष्टि की कि यह आत्मघाती हमला था। उमर अकेले कार में थे और विस्फोट के समय मारे गए।

उमर की पृष्ठभूमि चौंकाने वाली थी। 35 वर्षीय उमर ने श्रीनगर के गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस और एमडी की डिग्री ली। वे अनंतनाग के जीएमसी में सीनियर रेजिडेंट रहे। सितंबर 2025 में हरियाणा के फरीदाबाद स्थित अल-फलाह यूनिवर्सिटी के मेडिकल सेंटर में असिस्टेंट प्रोफेसर बन गए। परिवार उन्हें शांत और पढ़ाई करने वाला मानता था। चाचा ने कहा कि उमर किताबों के शौकीन थे, लेकिन हाल में दिल्ली के मस्जिदों में ज्यादा जाते। जांच में पता चला कि वे दो साल से रेडिकल हो चुके थे। टेलीग्राम ग्रुप्स जैसे 'उमर बिन खत्ताब' से प्रभावित हुए। ये ग्रुप्स पाकिस्तान से चलाए जाते थे। उमर ने मॉड्यूल को लीड किया, जिसमें लॉजिस्टिक्स और प्लानिंग का काम था।

यह मॉड्यूल 'व्हाइट कॉलर टेरर' का उदाहरण था। इसमें प्रोफेशनल्स जैसे डॉक्टर शामिल थे, जो दिखने में सामान्य लगते थे। 9 नवंबर को फरीदाबाद में छापेमारी हुई। जम्मू-कश्मीर पुलिस और हरियाणा पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई की। 2900 किलोग्राम विस्फोटक बरामद हुए। डॉक्टर मुजम्मिल शकील गनाई और डॉक्टर आदिल राथर गिरफ्तार हुए। मुजम्मिल उमर का करीबी था। डॉक्टर शाहीना शाहिद और उनके भाई परवेज सईद लखनऊ से पकड़े गए। वे जैश की महिला विंग 'जमात-उल-मोमिनात' से जुड़े थे। शाहीना रिक्रूटमेंट करती थीं। दक्षिण कश्मीर के मौलवी इरफान अहमद ने इन्हें कट्टर बनाया। कुल सात गिरफ्तारियां हुईं, जिनमें दो डॉक्टर और एक क्लर्क शामिल थे। अल-फलाह यूनिवर्सिटी पर छापे मारे गए। वीसी ने इनकार किया, लेकिन डायरी बरामद हुईं, जो दो साल की साजिश दिखातीं।

साजिश बड़ी थी। मूल प्लान गणतंत्र दिवस पर रेड फोर्ट पर हमला था। रेकी कई बार हुई। फिर 25 नवंबर को अयोध्या राम मंदिर पर भगवा ध्वज फहराने के दिन लक्ष्य बदला। 6 दिसंबर को बाबरी विध्वंस की बरसी पर दिल्ली-मुंबई में सीरियल ब्लास्ट प्लान थे। 26/11 मुंबई स्टाइल में वाहन-जनित आईईडी और राइफल अटैक की तैयारी थी। 200 आईईडी बनाए गए थे। लक्ष्य दिल्ली, गुरुग्राम, फरीदाबाद, अयोध्या के मॉल, रेलवे स्टेशन और धार्मिक स्थल थे। फंडिंग हवाला से तुर्की और जर्मनी से आई। उमर और मुजम्मिल मार्च 2025 में अंकारा गए, जहां हैंडलर 'यूकासा' ने ब्रेनवॉश किया। सेशन ऐप पर एन्क्रिप्टेड चैट्स से संपर्क हुआ। छापेमारी से घबरा कर उमर ने जल्दबाजी में ब्लास्ट कर दिया। अन्य वाहन जैसे लाल फोर्ड ईकोस्पोर्ट बरामद हो चुका। मारुति ब्रेजा की तलाश जारी है। कानपुर से नौ संदिग्ध पकड़े गए। यूपी एटीएस ने ग्रेटर नोएडा से फरहान नबी सिद्दीकी को हिरासत में लिया।

परिवार सदमे में है। पुलवामा में उमर के पिता गुलाम नबी भट को पूछताछ के लिए बुलाया गया। बहनोई ने कहा कि परिवार ने उनकी पढ़ाई के लिए कर्ज लिया। मां अवाक हैं। लेकिन जांच में उमर के बदलाव सामने आए। वे परिवार को 'जरूरी काम' बताते। श्रीनगर में पोस्टर प्रचार केस से मॉड्यूल का पता चला। जेकेएसआईए ने केस लिया। एनआईए ने विशेष टीम गठित की।

सरकार ने कड़ा रुख अपनाया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कैबिनेट मीटिंग में इसे 'हैनीयस टेरर इंसिडेंट' घोषित किया। गृह मंत्री अमित शाह ने एजेंसियों को निर्देश दिए। मोदी ने घायलों से लोक नायक अस्पताल में मुलाकात की। अमेरिका, जापान और सिंगापुर ने समर्थन जताया। सुरक्षा बढ़ा दी गई। सीमाओं पर चेकिंग सख्त। डीएमआरसी ने लाल किला मेट्रो बंद कर दिया।

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