Mp News: मुलताई में कई परिवारों पर बुलडोजर की मार- मुलताई में जल गंगा संवर्धन अभियान के नाम पर किया जा रहा बेघर। 

50 साल से अधिक समय से निवासरत रहवासियों के मकान पर की जा रही बुलडोजर चढ़ाने की तैयारी, शिकायत लेकर पहुँचे क्षेत्र के रहवासियों को कराया 3 घंटे इन्तेजार...

Apr 16, 2025 - 17:13
Apr 16, 2025 - 17:16
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Mp News: मुलताई में कई परिवारों पर बुलडोजर की मार- मुलताई में जल गंगा संवर्धन अभियान के नाम पर किया जा रहा बेघर। 
  • इधर उधर भटकते नजर आए शिकायतकर्ता , परिवारों पर बुलडोजर की मार! सीमांकन स्पष्ट नहीं, लोग बोले- न्याय चाहिए,वर्ना करेंगे आंदोलन भूख हड़ताल

रिपोर्ट- शशांक सोनकपुरिया, बैतूल मध्यप्रदेश

मध्यप्रदेश के बैतूल जिले के मुलताई में नगर पालिका द्वारा 8 अप्रैल 2025 को जारी किए गए नोटिस के बाद ताप्ती नदी के किनारे रह रहे दर्जनों परिवारों पर बेदखली की तलवार लटक गई है। इन परिवारों का कहना है कि वे पिछले 50 वर्षों से यहां रह रहे हैं और अब अचानक प्रशासन ने तोड़फोड़ की चेतावनी दे दी है। प्रभावित लोग मध्य वर्ग के हैं, जो रोजमर्रा की जिंदगी बमुश्किल चला पा रहे हैं।

“मकान टूटेगा तो पूरा परिवार सड़क पर आ जाएगा”, – यह दर्द उन परिवारों का है, जिनके घरों पर बुलडोजर चलाया जाना तय है। सबसे बड़ी चिंता यह है कि सीमांकन को लेकर प्रशासन की प्रक्रिया स्पष्ट नहीं है। लोगों का आरोप है कि उन्हें न तो समुचित मौका दिया गया, न ही सुनवाई की गई।

स्थानीय निवासियों – पूर्व वायुसैनिक गणपति, जुगनी बलवंतराव, करुणा पति सुधाकर सहित अन्य लोगों ने ज्ञापन देकर मांग की है कि जांच पूरी होने तक किसी भी प्रकार की कार्यवाही न की जाए।

  • राजनीतिक प्रभाव का आरोप

लोगों का मानना है कि यह कार्यवाही किसी राजनीतिक प्रभाव के चलते की जा रही है। वर्षों से रह रहे परिवारों को एक झटके में अतिक्रमणकारी घोषित कर देना कहां तक न्यायसंगत है?

न्यायिक आदेश के बाद भी नहीं हटाया गया था अतिक्रमण
गौरतलब है कि ताप्ती नदी के किनारे अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ छह साल पहले ही तहसीलदार न्यायालय से बेदखली के आदेश हुए थे, लेकिन वर्षों तक कोई कार्यवाही नहीं की गई। अब अचानक कार्रवाई तेज हो गई है।

  • लोगों की मांग:

सीमांकन की प्रक्रिया पारदर्शी और जनसुनवाई के साथ हो।

जिनका वास्तविक निवास लंबे समय से है, उन्हें पुनर्वास या वैकल्पिक व्यवस्था दी जाए।

जांच पूरी होने तक कोई भी तोड़फोड़ की कार्यवाही न की जाए।

  • प्रशासन से जवाब की अपेक्षा

स्थानीय नागरिकों ने एसडीएम से मांग की है कि वे खुद स्थल का निरीक्षण करें और प्रत्येक मामले को निष्पक्ष तरीके से देखें, जिससे वर्षों से रह रहे निर्दोष लोगों को बेघर होने से बचाया जा सके।

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