Deoband News: देश के संविधान पर सीधा हमला है वक्फ संशोधन विधेयक: मदनी
मौलाना अरशद मदनी ने जारी बयान में कहा कि यह विधेयक मुसलमानों की धार्मिक स्वतंत्रता को छीनने की एक खतरनाक साजिश है। इसलिए जो लोग इस साजिश को हराने के प्रया...
By INA News Deoband.
देवबंद: जमीयत उलमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने वक्फ संशोधन विधेयक देश के संविधान पर सीधा हमला है जो न केवल सभी नागरिकों को समान अधिकार प्रदान करता है बल्कि उन्हें पूर्ण धार्मिक स्वतंत्रता की गारंटी भी देता है। मौलाना अरशद मदनी ने जारी बयान में कहा कि यह विधेयक मुसलमानों की धार्मिक स्वतंत्रता को छीनने की एक खतरनाक साजिश है। इसलिए जो लोग इस साजिश को हराने के प्रयास में मुसलमानों के साथ खड़े होंगे वे वास्तव में संविधान और धर्मनिरपेक्षता के असली रक्षक माने जाएंगे।
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इसके विपरीत जो लोग इस साजिश को सफल बनाने में सरकार का समर्थन कर रहे हैं वह देश के संविधान और धर्मनिरपेक्षता के खुले दुश्मन माने जाएंगे। मौलाना मदनी ने कहा कि हम बिल को पास कराकर सरकार पूरी तरह बेनकाब हो ही गई है। इसके खिलाफ कानूनी संघर्ष शुरू किया जाएगा।
- बिल मुस्लिमों की धार्मिक स्वतंत्रता पर हमला: गोरा
जमीयत दावतुल मुसलीमीन के संरक्षक व प्रसिद्ध आलिम-ए-दीन मौलाना कारी इस्हाक गोरा ने कहा कि यह बिल मुसलमानों के धार्मिक स्वतंत्रता और कानूनी हकों पर सीधा हमला है। सरकार ने ऐसा बिल पास कराया है जिससे मुसलमानों के वक्फ इदारों पर सरकारी नियंत्रण कायम हो जाएगा और उनकी स्वतंत्रता पर खतरा मंडराने लगेगा।
कारी इस्हाक ने कहा कि वक्फ संपत्तियां मुसलमानों की अमानत हैं, जो मस्जिदों, मदरसों, क़ब्रिस्तानों और समाजी भलाई के लिए दी गई हैं। सरकार मुसलमानों को उनके अधिकारों से महरूम (वंचित) करना चाहती है जो संविधान के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है।
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