'फूट डालो और राज करो' की नीति नहीं चलने वाली - सीएम योगी
- वि. मानसून सत्र में सीएम योगी के साथ नजर आए दोनों डिप्टी सीएम
- राजनैतिक तनातनी के दावों के बीच सीएम योगी ने कह दी बड़ी बात
लखनऊ-यूपी।
यूपी में सोमवार से विधानमंडल का मानसून सत्र शुरू हो चुका है। सत्र से पहले लखनऊ में सीएम योगी ने विधायक दल की बैठक बुलाई थी, जिसमें दोनों डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक ने इस बैठक में हिस्सा लिया। ये इसलिए और अहम हो जाता है क्योंकि पिछले कुछ समय समय से दोनों डिप्टी सीएम, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से दूरी बनाते दिख रहे थे। इससे पहले सरकार और संगठन के बीच सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। ये मुद्दा सबसे पहले बीजेपी की कार्य समिति में केशव मौर्य ने उठाया था। कार्यसमिति में केशव ने कहा था कि 'संगठन सरकार से बड़ा होता है।' बाद में केशव मौर्य जेपी नड्डा से मिलने के बाद बाकायदा इसको सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर भी लिखा था। जिसके बाद से पार्टी में अंदरूनी खींचतान सतह पर आ गई। इसी बीच यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने बीजेपी ओबीसी कार्यसमिति की बैठक में भाग लिया और इस बैठक में बड़ा बयान दिया है। उन्होंने विपक्ष पर करारा हमला बोला है और सपा प्रमुख अखिलेश यादव का नाम लिए बगैर तंज कसा और कहा कि विपक्ष की फूट डालो और राज करो की नीति नहीं चलने वाली।
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बता दें कि यूपी में सीएम और दोनों डिप्टी सीएम के बीच तनातनी के दावों के बीच सीएम योगी ने बड़ी बात कही। सोमवार को हुई बैठक में सीएम योगी के साथ दोनों डिप्टी सीएम भी नजर आए। सीएम योगी ने बैठक में कहा कि हमारे कार्यकाल में 60 प्रतिशत भर्तियां OBC समाज से हुई हैं। पिछले 7 साल में जितनी भी भर्तियां हुईं उनमें 60% ओबीसी वर्ग की भर्तियां हुई हैं। ओबीसी समाज में बजरंग बली की ताक़त होती है। रावण की लंका को जलाने में देर नहीं लगेगी। विपक्ष सोशल मीडिया के ज़रिए झूठ फैला रहा है जो चलने वाला नहीं है। योगी ने कहा कि, ''इस समय पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कांवर यात्रा चल रही है। इसी कांवर यात्रा पर कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और बीएसपी सरकार के समय प्रतिबंध लगाया गया था। इस यात्रा से रोजगार भी जुड़ा है। पिछली सरकारों ने इसे रोकने के लिए काम किया था। मैं पूछना चाहता हूं कि कांग्रेस ने 60 साल तक शासन किया, सपा चार बार राज्य में सत्ता में रही, उन्होंने 'एक जिला एक उत्पाद' (ओडीओपी) के लिए काम क्यों नहीं किया।
डिंपल यादव ने सरकार को घेरा...
समाजवादी पार्टी की सांसद डिंपल यादव ने सोमवार को लोकसभा में बोलते हुए केंद्र की एनडीए सरकार पर तंज कसा। उन्होंने कहा कि पूरा देश 'चौकीदारों' में बदल गया है, जो आवारा पशुओं के खतरे के कारण सो नहीं पा रहे हैं। उन्होंने सवाल पूछा कि क्या केंद्रीय बजट में इस समस्या के समाधान के लिए कोई प्रावधान है? मैनपुरी से लोकसभा सांसद डिंपल ने अपने भाषण में कृषि और युवा कल्याण को प्राथमिकता देने पर जोर दिया। उन्होंने कहा, "हमारा देश कृषि प्रधान देश है और अगर हम अपने युवाओं का भविष्य सुनिश्चित नहीं कर सकते तो हम अपने उद्देश्य से भटक जाएंगे।" सपा सांसद ने 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के सरकार के वादे पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा, "मैं पूछना चाहती हूं कि सरकार ने बजट में कृषि के लिए क्या आवंटित किया है? उत्तर प्रदेश को क्या मिला है? क्या पिछले 10 सालों में एक भी मंडी बनी है? क्या जीएसटी से कोई राहत मिली है?" उन्होंने भाजपा के 2019 के 'मैं भी चौकीदार' अभियान का जिक्र करते हुए पूछा कि क्या आवारा पशुओं की समस्या को हल करने के लिए बजट में कोई प्रावधान रखा गया है?
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इसके साथ ही डिंपल यादव ने किसानों की आत्महत्या के मुद्दे पर भी सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि 2020 और 2021 में तीन कृषि सुधार विधेयकों के विरोध में 700 किसानों ने अपनी जान गंवा दी और 2014 से 2022 तक एक लाख किसानों ने आत्महत्या की। किसानों की बीमा योजना से कितना लाभ हुआ है? पशु अर्थव्यवस्था चरमरा रही है, देश में महंगाई बढ़ रही है।
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