Saharanpur News: दो बार की प्रशासनिक छापामारी से बौखलाये आरटीओ विभाग के ड्राइविंग लाइसेंस व वाहन फिटनेस के अफसर।
संभागीय परिवहन महकमें के ड्राइविंग लाइसेंस एवं हल्के भारी चौपहिया वाहनों की फिटनेस करने वाले अधिकारी बुरी तरह से बौखलाए हुए हैं इन अधिकारियों....

सहारनपुर संभागीय परिवहन महकमें के ड्राइविंग लाइसेंस एवं हल्के भारी चौपहिया वाहनों की फिटनेस करने वाले अधिकारी बुरी तरह से बौखलाए हुए हैं इन अधिकारियों की बौखलाहट का आलम यह है कि संभागीय परिवहन विभाग कार्यालय परिसर सेबाहर ट्रांसपोर्ट नगर में सहारनपुर विकास प्राधिकरण द्वारा छोटे दुकानदारों के लिए बनाई गई दुकानों में ऑनलाइन कंप्यूटर का काम करने वाले तथा स्टेशनरी और आरटीओ विभाग से संबंधित फार्म बेचने वाले दुकानदारों की दुकानों को विभाग मैं सक्रिय दलालों एजेंटों की आड़ में बंद कर दिया है।
संभागीय परिवहन विभाग के ड्राइविंग लाइसेंस एवं फिटनेस प्रभाग हल्के भारी चौपहिया वाहन मैं घोर भ्रष्टाचार के चलते बीते साल 2024 में अपर जिला अधिकारी की टीम ने कुछ महीने पहले छापा मारा था इस छापे के दौरान आरटीओ कार्यालय से लगभग आधा दर्जन बाहरी व्यक्ति पकड़े गए थे कई दिन आरटीओ कार्यालय में हालात इस कदर खराब हो गई थी के जहां इस छापे से पहले प्रतिदिन 100 से 300 ड्राइविंग लाइसेंस बनते थे उनके संख्या घटकर 80 से 150 हो गई थी।
लेकिन विभाग के ड्राइविंग लाइसेंस व फिटनेस आर आई के गुर्गे ने जैसे ही ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने तथा वाहन फिटनेस करने की फीस बढ़ाई तो ड्राइविंग लाइसेंस व वाहन फिटनेस में फिर उछाल आ गया इसे यूं भी कहा जा सकता है कि भ्रष्टाचार पहले से अधिक बढ़ा भ्रष्टाचार की खबरें फिर से सुर्खियों में आई तो जिले के शीर्ष उच्च प्रशासनिक अधिकारियों ने संज्ञान लेते हुए नगर मजिस्ट्रेट गजेंद्र सिंह अपर पुलिस अधीक्षक विवेक तिवारी के नेतृत्व में टीम गठित कर जनवरी 2025 के दूसरे सप्ताह में दोबारा से छापा मारा गया इस छापे में दो बाहरी लोग पकड़े गए मजेदार बात यह है कि इस छापे के बाद से आरटीओ विभाग के ड्राइविंग लाइसेंस तथा वाहन फिटनेस के करने के कार्य से जुड़े अधिकारी बुरी तरह बौखलाए हुए हैं ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने मैं लगने वाले मेडिकल सर्टिफिकेट मात्र 40 से ₹70 रुपए में बन जाता था लेकिन अब इसके 150 से₹200 की वसूली की जा रही है मौजूदा समय में संभागीय परिवहन विभाग में ड्राइविंग लाइसेंस पक्का बनवाने तथा हल्के भारी चौपहिया वाहनों की फिटनेस करने के एक और जहां नाको चने चबाने पड़ रहे हैं वहीं आरटीओ कार्यालय के आसपास ट्रांसपोर्ट नगर की पक्की दुकानों के दुकानदारों को अपने कारोबार चलाने की मुश्किल हो गई है।
- आरटीओ कार्यालय में काम करने वाले बाहरी लोगों को दलाल की बजाय परिवहन मित्र की दी जाए संज्ञा
उत्तर प्रदेश सरकार ने लगभग सभी सरकारी महकमो में विभागीय मित्र बना रखे हैं ताकि इनके माध्यम से विभागीय सरकारी योजनाओं की जानकारी आमजनतक पहुंच सके शिक्षा विभाग में शिक्षामित्र बैंकों में बैंक मित्र कृषि विभाग में किसान मित्र नामित है ऐसे ही पुलिस मित्र एवं नगर निकायों में सफाई मित्र हैं लेकिन अफसोस की बात है कि उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग में आज तक भी परिवहन मित्र नहीं नामित किए गए हैं जबकि प्रदेश के तमाम जिलों के आरटीओ कार्यालयओ में जो लोग आमजन के फार्म आदि भरने का काम करते हैं उन्हें विभागीय अधिकारी दलाल नाम से संबोधित करते हैं ऐसे में सबका साथ सबका विकास करने का नारा देने वाली प्रदेश की भाजपा सरकार को आरटीओ कार्यालय मैं आने वाले लोगों का कागजात संबंधी काम करने वाले लाखों लोगों को दलाल की बजाय परिवहन मित्र का नाम देकर इनका भी सबके साथ विकास किया जाए।
What's Your Reaction?






