महराजगंज में स्कूल मर्जर की झूठी अफवाह- प्रिंसिपल कुसुमलता पांडे ने बच्चों से कराया रोने का ड्रामा, निलंबित।

Maharajganj News: उत्तर प्रदेश के महराजगंज जिले के रुद्रपुर भलुही प्राथमिक विद्यालय का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ। वीडियो में बच्चे...

Jul 24, 2025 - 13:10
 0  24
महराजगंज में स्कूल मर्जर की झूठी अफवाह- प्रिंसिपल कुसुमलता पांडे ने बच्चों से कराया रोने का ड्रामा, निलंबित।
महराजगंज में स्कूल मर्जर की झूठी अफवाह- प्रिंसिपल कुसुमलता पांडे ने बच्चों से कराया रोने का ड्रामा, निलंबित।

उत्तर प्रदेश के महराजगंज जिले के रुद्रपुर भलुही प्राथमिक विद्यालय का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ। वीडियो में बच्चे स्कूल के बंद गेट के बाहर रोते-बिलखते हुए दिखाई दिए, गेट खोलने और यहीं पढ़ने की गुहार लगाते हुए। इस वीडियो ने लोगों में भावनात्मक प्रतिक्रिया जगाई, और कई लोगों ने इसे स्कूल मर्जर नीति से जोड़ा। हालांकि, जिलाधिकारी संतोष कुमार शर्मा की जांच में खुलासा हुआ कि यह वीडियो पूरी तरह से फर्जी था। स्कूल की प्रभारी प्रिंसिपल कुसुमलता पांडे ने बच्चों से जबरन रोने का ड्रामा कराया और वीडियो बनवाकर वायरल किया। इस साजिश के लिए उन्हें निलंबित कर दिया गया है, और खंड शिक्षा अधिकारी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।

घटना परतावल ब्लॉक के रुद्रपुर भलुही प्राथमिक विद्यालय की है। वायरल वीडियो में बच्चे, जिनमें से कई स्कूल यूनिफॉर्म में थे, गेट पर लटककर रोते हुए कह रहे थे, “मैम, गेट खोल दीजिए, हमें यहीं पढ़ना है।” एक दिव्यांग छात्रा ने भावुक होकर कहा, “अब मैं स्कूल नहीं जा पाऊंगी।” वीडियो में प्रिंसिपल कुसुमलता पांडे और कुछ अभिभावक भी मौजूद थे, जो बच्चों को समझाते दिखे। शुरू में यह माना गया कि यह स्कूल मर्जर नीति के कारण बच्चों की पीड़ा को दर्शाता है, जिसके तहत उत्तर प्रदेश सरकार 50 से कम बच्चों वाले स्कूलों को बड़े स्कूलों में मर्ज कर रही है।

हालांकि, जांच में पाया गया कि रुद्रपुर भलुही प्राथमिक विद्यालय मर्जर की सूची में शामिल ही नहीं था। जिलाधिकारी संतोष कुमार शर्मा ने बताया कि 26 और 30 जून 2025 को जारी मर्जर आदेश को 4 जुलाई 2025 को निरस्त कर दिया गया था, और स्कूल में सामान्य पढ़ाई चल रही थी। वीडियो पूरी तरह से सुनियोजित था, और प्रिंसिपल ने बच्चों को स्कूल बंद होने की झूठी बात बताकर रोने के लिए उकसाया। कुछ अभिभावकों को भी इस ड्रामे में शामिल किया गया।

वीडियो वायरल होने के बाद समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव और अन्य विपक्षी नेताओं ने इसे साझा कर सरकार की मर्जर नीति की आलोचना की। इसने प्रशासन का ध्यान खींचा, और जिलाधिकारी ने तत्काल जांच के आदेश दिए। बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) रिद्धी पांडेय की जांच में पाया गया कि प्रिंसिपल कुसुमलता पांडे ने बच्चों को स्कूल बंद होने की गलत जानकारी दी और वीडियो बनवाया।

जिलाधिकारी संतोष कुमार शर्मा ने 22 जुलाई 2025 को प्रिंसिपल को निलंबित करने का आदेश दिया। खंड शिक्षा अधिकारी को भी स्कूल समय पर न खोलने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। सूचना अधिकारी प्रभाकर मणि त्रिपाठी ने कहा कि सरकारी कर्मचारियों का गलत सूचना फैलाना गंभीर अपराध है, और इस मामले में सख्त कार्रवाई की जाएगी।

उत्तर प्रदेश सरकार की स्कूल मर्जर नीति के तहत कम नामांकन (50 से कम बच्चे) वाले प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों को नजदीकी बड़े स्कूलों में मर्ज किया जा रहा है। सरकार का दावा है कि इससे संसाधनों का बेहतर उपयोग होगा और बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलेगी। हालांकि, इस नीति का शिक्षक संगठनों, विपक्षी दलों, और स्थानीय समुदायों ने विरोध किया है। उनका कहना है कि मर्जर से बच्चों, खासकर ग्रामीण और दिव्यांग बच्चों, को दूर के स्कूलों में जाने में दिक्कत होगी, जिससे ड्रॉपआउट दर बढ़ सकती है।

महराजगंज में यह वीडियो शुरू में मर्जर नीति के विरोध के रूप में देखा गया, लेकिन जांच में इसका फर्जी होना साबित हुआ। जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि रुद्रपुर भलुही स्कूल में पढ़ाई सामान्य रूप से चल रही है, और मर्जर का कोई आदेश नहीं था।

सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद कई तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आईं। कुछ यूजर्स ने इसे मर्जर नीति का दुष्परिणाम बताया, जबकि अन्य ने बच्चों की भावनाओं का गलत इस्तेमाल करने की निंदा की। एक एक्स पोस्ट में लिखा गया, “यह शर्मनाक है कि बच्चों को झूठे ड्रामे के लिए इस्तेमाल किया गया।” विपक्षी नेताओं ने शुरू में वीडियो को साझा कर सरकार पर निशाना साधा, लेकिन जांच के बाद उनकी चुप्पी ने इस मामले को और चर्चा में ला दिया।

शिक्षक संगठनों ने प्रिंसिपल की कार्रवाई की निंदा की, लेकिन साथ ही मर्जर नीति पर सवाल उठाए। बीटीसी-डीएल.एड संयुक्त मोर्चा के अध्यक्ष अभिषेक तिवारी ने कहा, “यह गलत है कि बच्चों को इस तरह इस्तेमाल किया गया, लेकिन मर्जर नीति भी बच्चों और शिक्षकों के लिए नुकसानदायक है।”

वीडियो में रोते हुए बच्चों को देखकर कई लोग भावुक हुए। एक दिव्यांग छात्रा की बात, “अब मैं स्कूल नहीं जा पाऊंगी,” ने लोगों का ध्यान खींचा। हालांकि, जांच में साफ हुआ कि बच्चों को गलत जानकारी दी गई थी। शिक्षक अमिता राय और रीना शर्मा, जो अब करनौती स्कूल में तैनात हैं, ने बताया कि मर्जर के बाद नए स्कूल में बुनियादी सुविधाओं की कमी है, जिससे बच्चों को परेशानी हो सकती है।

महराजगंज का यह मामला बच्चों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ और गलत सूचना फैलाने का गंभीर उदाहरण है। प्रिंसिपल कुसुमलता पांडे द्वारा बच्चों से रोने का ड्रामा कराकर बनाया गया फर्जी वीडियो न केवल शिक्षा विभाग की छवि को धक्का पहुंचाता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि नीतियों के विरोध में गलत तरीके अपनाना कितना हानिकारक हो सकता है।

Also Read- बेंगलुरु में भारी बारिश का कहर- पेड़ गिरने से ऑटो ड्राइवर घायल, कई वाहनों को नुकसान।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow

INA News_Admin आई.एन. ए. न्यूज़ (INA NEWS) initiate news agency भारत में सबसे तेजी से बढ़ती हुई हिंदी समाचार एजेंसी है, 2017 से एक बड़ा सफर तय करके आज आप सभी के बीच एक पहचान बना सकी है| हमारा प्रयास यही है कि अपने पाठक तक सच और सही जानकारी पहुंचाएं जिसमें सही और समय का ख़ास महत्व है।