Ghaziabad News: 30 साल से फरार खालिस्तानी आतंकी ATS और पुलिस की पकड़ में, सभी से नजर बचाकर किराए पर रह रहा था

खुद एक निजी कंपनी में नौकरी करना बताया था। मंगत सिंह (Mangat Singh) और महिला किसी पड़ोसी से ज्यादा बात नहीं करते थे। वर्ष 1990 के आखिरी दिनों में मंगत सिंह (Mangat Singh) को पुलि....

Apr 24, 2025 - 21:50
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Ghaziabad News: 30 साल से फरार खालिस्तानी आतंकी ATS और पुलिस की पकड़ में, सभी से नजर बचाकर किराए पर रह रहा था

By INA News Ghaziabad- Noida.

गाजियाबाद पुलिस और ATS की नोएडा टीम ने बुधवार देर रात प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन खालिस्तान कमांडो फोर्स के फरार आतंकी मंगत सिंह (Mangat Singh) को दबोच लिया। आतंकी मंगत सिंह (Mangat Singh) को विवेकानंद नगर से गिरफ्तार किया गया है जो 30 साल से फरार चल रहा था। गाजियाबाद पुलिस ने उस पर 25 हजार रुपये का इनाम रखा था। ATS की नोएडा यूनिट ने खुफिया जानकारी के आधार पर उसे पंजाब के अमृतसर से पकड़ा है। मंगत सिंह (Mangat Singh) पर 1993 में गाजियाबाद के साहिबाबाद थाने में टाडा (TADA) एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था। मंगत सिंह (Mangat Singh) को 1995 में जमानत मिल गई थी। लेकिन, इसके बाद वह भाग गया और कानून से छिपता रहा।

ATS को जानकारी मिली थी कि मंगत सिंह (Mangat Singh) पंजाब में छिपा हुआ है। इसके बाद टीम ने अमृतसर में छापा मारा और उसे गिरफ्तार कर लिया। फिलहाल उससे पूछताछ चल रही है। एजेंसियां यह पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि पिछले 30 सालों में उसने किन लोगों से संपर्क रखा और क्या वह किसी आतंकी गतिविधि में शामिल था। वीर सिंह की पत्नी बाला देवी का कहना है कि वह बीते 50 वर्षों से इस मकान में रह रहे हैं। मंगत सिंह (Mangat Singh) वर्ष 1990 में एक महिला के साथ जब किराए पर रहने आया था तब उसने महिला को अपनी पत्नी बताया था।

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खुद एक निजी कंपनी में नौकरी करना बताया था। मंगत सिंह (Mangat Singh) और महिला किसी पड़ोसी से ज्यादा बात नहीं करते थे। वर्ष 1990 के आखिरी दिनों में मंगत सिंह (Mangat Singh) को पुलिस गिरफ्तार करके ले गई थी। उसकी पत्नी भी कुछ दिन बाद ही मकान खाली करके चली गई थी। उसके बाद उन्हें कुछ नहीं पता है। मंगत सिंह (Mangat Singh) का सगा भाई संगत सिंह खालिस्तानी कमांडो फोर्स का चीफ था जो 1990 में पंजाब पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारा गया था। मंगत सिंह (Mangat Singh) भी केसीएफ का सक्रिय सदस्य था।

उसके खिलाफ 11 मार्च 1993 को साहिबाबाद थाने में जानलेवा हमला और टाडा के तहत मुकदमा दर्ज करते हुए गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद 1995 में उसे जमानत मिली तभी से वह फरार चल रहा था। 12 दिसंबर 2024 को कोर्ट ने मंगत सिंह (Mangat Singh) के खिलाफ गिरफ़्तारी वारंट जारी किया था। 8 अप्रैल को भी कोर्ट ने एक अन्य मामले में मंगत सिंह (Mangat Singh) के खिलाफ वारंट जारी किया था। जिसके बाद पुलिस ने उसके खिलाफ 25 हजार का इनाम घोषित किया और तलाश तेज कर दी।

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