Hardoi News: हरदोई में तीन तलाक का मामला, दहेज़ उत्पीडन के साथ तलाक-ए-बिद्दत देकर महिला को घर से निकाला, पुलिस ने एक को गिरफ्तार किया, शेष की तलाश जारी
यह मामला 2 मई 2025 को पीडिता (शिकायतकर्ता) द्वारा थाना शाहाबाद में दी गई तहरीर के आधार पर दर्ज किया गया। पीडिता ने अपनी तहरीर में आरोप लगाया कि उनके पति इरफान पुत्र अ...
By INA News Hardoi.
थाना शाहाबाद पुलिस ने मुकदमा संख्या 272/25 के तहत एक गंभीर मामले में वांछित अभियुक्त इरफान पुत्र अफसर, निवासी मोहल्ला गिलजई, कस्बा व थाना शाहाबाद, को गिरफ्तार किया है। यह मामला भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 85, 352, 351(3), 115(2), दहेज निषेध अधिनियम (DP Act) की धारा 3/4, तथा मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) अधिनियम, 2019 की धारा 3/4 से संबंधित है। मामला दहेज उत्पीड़न, मारपीट, और अवैध ट्रिपल तलाक से जुड़ा है, जिसमें कुल आठ अभियुक्तों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।
मामले का विवरण
यह मामला 2 मई 2025 को पीडिता (शिकायतकर्ता) द्वारा थाना शाहाबाद में दी गई तहरीर के आधार पर दर्ज किया गया। पीडिता ने अपनी तहरीर में आरोप लगाया कि उनके पति इरफान पुत्र अफसर सहित कुल आठ अभियुक्तों ने अतिरिक्त दहेज की मांग को लेकर उनके साथ मारपीट की।
इसके अतिरिक्त, अभियुक्त इरफान ने पीडिता को तीन तलाक (तलाक-ए-बिद्दत) देकर घर से निकाल दिया। इस शिकायत के आधार पर थाना शाहाबाद पुलिस ने मुकदमा संख्या 272/25 दर्ज किया, जिसमें निम्नलिखित कानूनी धाराएँ शामिल की गईं:
- भारतीय न्याय संहिता (BNS):
- धारा 85: यह धारा अपराध के लिए उकसाने या साजिश रचने से संबंधित है। इस मामले में, यह संभवतः अन्य अभियुक्तों के साथ मिलकर दहेज उत्पीड़न और मारपीट की साजिश को दर्शाती है।
- धारा 352: यह धारा जानबूझकर अपमान करने या उत्तेजित करने से संबंधित है, जिसका उद्देश्य शांति भंग करना हो। यह पीडिता के साथ अपमानजनक व्यवहार को संदर्भित कर सकती है।
- धारा 351(3): यह धारा गंभीर आपराधिक बल प्रयोग या हमले से संबंधित है, जिसमें शारीरिक नुकसान पहुँचाने की मंशा शामिल हो। यह पीडिता के साथ हुई मारपीट को कवर करती है।
- धारा 115(2): यह धारा स्वेच्छा से चोट पहुँचाने से संबंधित है, जो मारपीट के दौरान पीडिता को हुई चोटों के लिए लागू की गई है।
- दहेज निषेध अधिनियम (DP Act), धारा 3/4:
- धारा 3: दहेज लेने या देने को अपराध मानती है। इस मामले में, अभियुक्तों द्वारा अतिरिक्त दहेज की मांग इस धारा के अंतर्गत आती है।
- धारा 4: दहेज मांगने की मंशा से उत्पीड़न करने से संबंधित है। पीडिता के साथ मारपीट और उत्पीड़न इस धारा के तहत अपराध की श्रेणी में आता है।
- मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) अधिनियम, 2019, धारा 3/4:
- धारा 3: ट्रिपल तलाक (तलाक-ए-बिद्दत) को अवैध और अमान्य घोषित करती है। अभियुक्त इरफान द्वारा पीडिता को तीन तलाक देना इस धारा का उल्लंघन है।
- धारा 4: ट्रिपल तलाक देने के लिए सजा का प्रावधान करती है, जिसमें तीन साल तक का कारावास और जुर्माना शामिल हो सकता है।
पीडिता की शिकायत के अनुसार, उनके पति इरफान और अन्य सात अभियुक्तों ने मिलकर दहेज की मांग को लेकर उनके साथ दुर्व्यवहार किया। इस उत्पीड़न में मारपीट शामिल थी, जिसके परिणामस्वरूप पीडिता को शारीरिक और मानसिक क्षति पहुँची।
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इसके बाद, इरफान ने पीडिता को अवैध रूप से तीन तलाक देकर घर से निकाल दिया, जो भारत में 2019 के अधिनियम के तहत एक गंभीर अपराध है। यह घटना न केवल पारिवारिक हिंसा और दहेज उत्पीड़न को दर्शाती है, बल्कि मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों के उल्लंघन को भी उजागर करती है।
पुलिस कार्रवाई
थाना शाहाबाद पुलिस ने पीडिता की तहरीर के आधार पर त्वरित कार्रवाई करते हुए मुकदमा दर्ज किया और जांच शुरू की। इस प्रक्रिया में, पुलिस ने मुख्य अभियुक्त इरफान पुत्र अफसर को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने बताया कि शेष सात अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए प्रयास जारी हैं। वैधानिक कार्यवाही प्रचलित है, जिसका अर्थ है कि अभियुक्त इरफान के खिलाफ अदालती प्रक्रिया शुरू की जाएगी और अन्य अभियुक्तों की तलाश में छापेमारी व जांच की जा रही है।
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