Maha Kumbh 2025: संस्कृत के श्लोकों से गूंजा गणतंत्र दिवस, महाकुम्भमय हो गया देश, कर्तव्य पथ पर महाकुम्भ (Maha Kumbh) की भव्यता देख दुनिया आश्चर्यचकित
झांकी ने महाकुम्भ (Maha Kumbh) की आध्यात्मिक महिमा को दर्शाया है। साथ ही भारत की सांस्कृतिक जड़ों और प्रगति के प्रतीक के रूप में उत्तर प्रदेश को एक नई पहचान दी है। दर्शकों ने झांकी को..
मुख्यांश-
- दिल्ली के कर्तव्य पथ पर संस्कृत में गूंजी महाकुम्भ (Maha Kumbh) के स्वर्गलोक की आभा
- उत्तर प्रदेश की झांकी ने दर्शाया आध्यात्म, संस्कृति और विकास का समागम
By INA News Maha Kumbh Nagar.
गणतंत्र दिवस (Republic Day) पर नई दिल्ली के कर्तव्य पथ पर इस वर्ष उत्तर प्रदेश की झांकी ने महाकुम्भ (Maha Kumbh) की दिव्यता और नव्यता को भव्य रूप में प्रस्तुत किया।
संस्कृत के श्लोकों से गणतंत्र दिवस (Republic Day) गूंज उठा। इसी के साथ संपूर्ण देश महाकुम्भ (Maha Kumbh)मय हो गया। महाकुम्भ (Maha Kumbh) स्वर्णिम भारत विरासत और विकास थीम पर आधारित इस झांकी ने देश की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक समृद्धि का अद्भुत प्रदर्शन किया है।
कवि वीरेन्द्र वत्स का लिखा यह गीत संस्कृत और हिंदी का संगम है।
- समुद्र मंथन की ऐतिहासिक कथा हुई जीवंत
झांकी में समुद्र मंथन की ऐतिहासिक कथा को जीवंत किया गया, जहां नागवासुकी मंदराचल पर्वत पर लिपटे हुए नजर आए। भगवान विष्णु कच्छप अवतार में मंदराचल को धारण करते हुए दिखे।
देवता और राक्षस मिलकर अमृत के लिए समुद्र मंथन कर रहे थे। झांकी के अगले भाग में शंखनाद करते संत और सिर पर कलश लिए महिलाएं पारंपरिक वेशभूषा में झूमती-गाती दिखाई दीं।
कवि वीरेन्द्र वत्स का लिखा गीत झांकी की विशेषता रही, जिसमें संस्कृत और हिंदी का सुंदर समावेश किया गया था।
- गीत में संस्कृत-हिंदी समावेश
स्वर्गलोक की आभा उतरी तीर्थराज के आंगन में
झूम रहे हैं साधु-संत जन, पुलक भरा है तन-मन में
भव्योदिव्यो महाकुम्भ (Maha Kumbh): सर्वसिद्धिप्रदायक :। प्रयागराजस्तीर्थानां प्रमुखो लोकविश्रुत :।।
- सांस्कृतिक जड़ों और प्रगति के प्रतीक के रूप में उत्तर प्रदेश को एक नई पहचान
इस झांकी ने महाकुम्भ (Maha Kumbh) की आध्यात्मिक महिमा को दर्शाया है।
साथ ही भारत की सांस्कृतिक जड़ों और प्रगति के प्रतीक के रूप में उत्तर प्रदेश को एक नई पहचान दी है। दर्शकों ने झांकी को अद्वितीय और प्रेरणादायक बताया।
उत्तर प्रदेश की झांकी कई बार राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार जीत चुकी है। इस बार भी महाकुम्भ (Maha Kumbh) पर आधारित यह झांकी देशवासियों के लिए गर्व का प्रतीक बनी है।
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