MP News: जंगल मे मिले शव मामले में पुलिस का बड़ा खुलासा- नाबालिग की हत्या कर जंगल में फेंकने वाले अपचारी बालक सहित दो आरोपी गिरफ्तार।
प्रेम संबंध में बाधा बनने पर की थी हत्या,जमीन जायदाद की लालच ने पहुँचाया सलाखों के पीछे ....
रिपोर्ट- शशांक सोनकपुरिया, बैतूल मध्यप्रदेश
मध्यप्रदेश के बैतूल जिले के आठनेर थाना क्षेत्र में में जंगल मे छत विक्षत हालत में मिले शव मामले में पुलिस ने 24 घंटे के भीतर किया बड़ा खुलासा तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया। मुख्य आरोपी गोपाल मर्सकोले ने नाबालिग की बहन से प्रेम विवाह कर परिवार की जमीन हड़पने की साजिश रची थी। मृतक इस रिश्ते में बाधा बन रहा था, जिससे नाराज होकर गोपाल ने अपने साथी मुकेश पवार और एक अपचारी बालक के साथ मिलकर नाबालिग की हत्या कर दी।
- घटना का खुलासा ऐसे हुआ
दिनांक 14 मार्च 2025 की रात नाबालिग अपने गांव के रामजी मर्सकोले के घर की छत पर सोया था, लेकिन देर रात अचानक लापता हो गया। परिजनों ने थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई। 22 मार्च को ग्राम ठेसका के जंगल में क्षत-विक्षत अवस्था में एक शव मिला, जिसकी शिनाख्त नाबालिग के रूप में हुई।
- हत्या की वजह ,साजिश और वारदात
पूछताछ में जानकारी मिली नाबालिग की एक बहन से थे मुख्य आरोपी के संबंध विवाह कर हथियाना चाहता था प्रॉपर्टी जिसमे बाधा बन रहा था नाबालिग मुख्य आरोपी गोपाल ने कबूल किया कि उसने मुकेश और एक अपचारी बालक के साथ मिलकर हत्या की योजना बनाई थी। तीनों ने मृतक को बहाने से बुलाकर मोटरसाइकिल से ठेसका जंगल ले गए। वहां अपचारी बालक ने मृतक के हाथ पकड़ लिए, मुकेश ने पत्थर से सिर पर वार किया और गोपाल ने लकड़ी से सिर पर हमला कर दिया। मृतक की सांसें चलती देख गोपाल ने लकड़ी से उसकी गर्दन दबाकर मौत के घाट उतार दिया। शव को नाले में फेंककर फरार हो गए।
- पुलिस ने 24 घंटे में सुलझाया मामला
पुलिस अधीक्षक निश्चल एन. झारिया के निर्देशन में गठित विशेष टीम ने आरोपियों को गिरफ्तार कर हत्या में प्रयुक्त लकड़ी, पत्थर और मृतक की चप्पल बरामद कर ली। आरोपियों को न्यायालय में पेश किया जाएगा।
- टीम की सराहनीय भूमिका
इस हत्याकांड का खुलासा करने में थाना प्रभारी आठनेर निरीक्षक बबीता धुर्वे, सीन ऑफ क्राइम निरीक्षक आबिद अंसारी, उपनिरीक्षक संदीप परदेती, मांगीलाल ठाकरे, सउनि. दिनेश धुर्वे, संतोष चौधरी, आरक्षक भजनलाल चौहान, पंकज बटके, भीमचंचल, योगेश त्यागी, डॉग मास्टर विवेक गाडगे और महिला आरक्षक कंचन चौरे की अहम भूमिका रही।
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