Sambhal : फर्जी मुठभेड़ मामले में सीजेएम के आदेश पर 11 पुलिसकर्मियों पर एफआईआर के निर्देश
मामला 25 अप्रैल 2022 का है, जब बहजोई थाना क्षेत्र में एक दूध कारोबारी से एक लाख रुपये की लूट हुई थी। इस मामले में पुलिस ने 7 जुलाई 2022 को मुठभेड़ दिखाते हुए धीरेंद्र, अवने
Report : उवैस दानिश, सम्भल
सम्भल जनपद के थाना बहजोई क्षेत्र में वर्ष 2022 की एक कथित फर्जी मुठभेड़ को लेकर बड़ा मामला सामने आया है। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) सम्भल ने गंभीर टिप्पणी करते हुए तत्कालीन दो इंस्पेक्टर, चार उपनिरीक्षक समेत कुल 11 पुलिसकर्मियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कर विवेचना के आदेश दिए हैं। हालांकि तत्कालीन सीओ बहजोई गोपाल सिंह को प्रथम दृष्टया दोष सिद्ध न होने पर इस आदेश से पृथक रखा गया है।
मामला 25 अप्रैल 2022 का है, जब बहजोई थाना क्षेत्र में एक दूध कारोबारी से एक लाख रुपये की लूट हुई थी। इस मामले में पुलिस ने 7 जुलाई 2022 को मुठभेड़ दिखाते हुए धीरेंद्र, अवनेश और ओमवीर को गिरफ्तार कर 19 मोटरसाइकिलों की बरामदगी दर्शाते हुए जेल भेज दिया। बाद में ओमवीर ने न्यायालय में वाद दायर कर कहा कि घटना के दिन वह जिला कारागार बदायूं में बंद था, ऐसे में उसके द्वारा लूट किया जाना असंभव है। न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत अभिलेखों, जमानत आदेश, रिमांड सीट और जेल रिकॉर्ड के अवलोकन में यह तथ्य स्पष्ट हुआ कि ओमवीर और धीरेंद्र घटना के समय जेल में थे। इसके बावजूद पुलिस द्वारा उन्हें आरोपी बनाकर चालान किया गया। अदालत ने इसे प्रथम दृष्टया षड्यंत्र, अवैध विवेचना, दस्तावेजों की कूटरचना और पद के दुरुपयोग का मामला माना। सीजेएम ने कहा कि लोकसेवकों को गैरकानूनी कृत्यों के लिए संरक्षण नहीं दिया जा सकता। अदालत ने थाना बहजोई के थानाध्यक्ष को तत्काल मुकदमा दर्ज कर विवेचना सुनिश्चित करने और तीन दिन में रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। यह मामला प्रदेश में पुलिस मुठभेड़ों पर उठ रहे सवालों को और गंभीर बनाता है।
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