अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर विशेष: घर का मिला साथ तो लिख दी सफलता की अप्रतिम कहानी, पढ़िए अवर अभियंता रक्षिका के जीवन के बारे में
रक्षिका वर्मा (Rakshika Verma) बताती हैं कि प्रतियोगी परीक्षा के लिए उन्होंने जी तोड़ मेहनत की और आखिरकार उनका सिलेक्शन राजस्थान गवर्नमेंट में हो गया। उसके बाद आर ई डी (R.E.D.) ..
Reported By: Vijay Laxmi Singh(Editor-In-Chief)
Edited By: Saurabh Singh
International Women's Day.
आज जरूरत है महिलाओं को केवल सम्मान देने की नहीं, बल्कि उन्हें हर क्षेत्र में बराबरी का अवसर देने की। अगर एक महिला शिक्षित होगी, तो वह पूरे परिवार और समाज को शिक्षित करेगी। अगर उसे अवसर मिलेगा, तो वह देश को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगी। इसलिए, इस महिला दिवस पर हम सिर्फ उनकी तारीफ करने तक सीमित न रहें, बल्कि ये प्रण लें कि हम उनके अधिकारों की रक्षा करेंगे, उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहेंगे और उन्हें हर क्षेत्र में आगे बढ़ने का हौसला देंगे।
अपने माता पिता के साथ रक्षिका वर्मा
आज हम आपको बताने जा रहे हैं हरदोई जिले में तैनात एक ऐसी ही सफल महिला के बारे में, जिनकी कामयाबी के पीछे एक नहीं, दो नहीं बल्कि तीन महिलाओं का हाथ है। उनके जज्बे को भी सलाम है कि उन्होंने महिलाओं के प्रति हेय दृष्टि रखने वाली जंजीरों को तोड़कर जी तोड़ मेहनत की और दूसरों के लिए प्रेरणा स्वरुप बन गयीं। हम बात कर रहे हैं हरदोई जिले के ग्रामीण अभियंत्रण विभाग में अवर अभियंता/ जे.ई. के पद पर तैनात रक्षिका वर्मा (Rakshika Verma) की, जिनके जीवन की कामयाबी की असल कहानी आज के युवाओं, खासकर लड़कियों को काफी हद तक प्रेरित करती है।
अपनी सासू मां, पति व बच्चे के साथ के साथ रक्षिका वर्मा
पढाई के मध्यम दौर में अपने मायके सीतापुर में माँ और बहनो ने घर के मुखिया (पापा) को घर से दूर बाहर पढ़ाई करने के लिए भेजने को कन्विंस किया और यहीं से जीवन की सफलता के पहले पायदान पर चलना शुरू हुआ। रक्षिका वर्मा (Rakshika Verma) बताती हैं कि प्रतियोगी परीक्षा के लिए उन्होंने जी तोड़ मेहनत की और आखिरकार उनका सिलेक्शन राजस्थान गवर्नमेंट में हो गया।
उसके बाद आर ई डी (R.E.D.) में सिलेक्शन हो हुआ तो यू.पी. गवर्नमेंट को जॉइन कर लिया। इस सफलता के बारे में रक्षिका वर्मा (Rakshika Verma) बताती हैं कि उनके ससुराल में भी काफी सहयोग मिला, जिसमें उनकी सास, देवर पारस को वे इसका श्रेय देती हैं। उन्होंने इस बारे में कहा कि ससुराल वालों के सपोर्ट की वजह से ही वे नौकरी को अच्छे से कर पा रही हैं, उन्हें ससुराल से पूरा प्यार मिलता है।
अपनी दोस्त आकांक्षा अस्थाना के साथ रक्षिका वर्मा
इसके अलावा उन्होंने बताया कि सफलता पाने के लिए संघर्ष के दिनों में उनकी बेस्ट फ्रेंड और PWD विभाग में इंजीनियर आकांक्षा अस्थाना का भी उनको साथ और प्रेरणा मिलती रही। ससुराल में उनके पति ने भी जितना बन सका, उन्हें समझा और उनका सपोर्ट किया। 3 महिलाओं के अलावा उनके जीवन में श्रेय पाने वालों में उनके पति और देवर हैं। अंत में वे कहती हैं कि शिक्षा हर लड़की का अधिकार है। हर माँ बाप बेटी को शिक्षित जरूर कराए उसका अधिकार है।
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