अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर विशेष: नौकरी के बजाय बिजनेस की चुनी राह, श्रीम त्रिपाठी ने लिख डाली नारी सशक्तिकरण की नई कहानी
श्रीम त्रिपाठी (Shreem Tripathi) ने पढ़-लिखकर नौकरी करने के बजाय आत्मनिर्भर बनने का संकल्प लिया और अपनी मेहनत, लगन व समर्पण से एक नई पहचान बनाई। उनके बेकरी आ...
Reported By: Vijay Laxmi Singh(Editor-In-Chief)
Edited By: Saurabh Singh
International Women's Day.
नारी सशक्तिकरण का मतलब महिलाओं को उनके अधिकार, अवसर और समानता देना ताकि वे स्वतंत्र रूप से निर्णय ले सकें और समाज में अपनी पूर्ण क्षमता से भागीदारी दिखा सकें। महिलाओं का सशक्तिकरण शिक्षा, स्वास्थ्य, राजनीति, आर्थिक अवसरों और सामाजिक स्वतंत्रता से जुड़ा हुआ है। महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना और उनके कानूनी अधिकारों की रक्षा करना आवश्यक है। महिलाओं को पुरुषों की तुलना में कम वेतन और कम अवसर मिलते हैं। कार्यस्थल पर महिलाओं के साथ भेदभाव किया जाता है और उन्हें उच्च पदों पर कम अवसर दिए जाते हैं।
महिलाओं की ताकत और सम्मान के प्रतीक के रूप में हर साल अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को 8 मार्च को पूरी दुनिया में मनाया जाता है। यह दिन लैंगिक समानता, महिलाओं के अधिकारों और उनके सशक्तिकरण के प्रति जागरूकता फैलाने का प्रतीक है। आधुनिक समाज में महिलाएं हर क्षेत्र में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं, फिर भी वे कई चुनौतियों और भेदभाव का सामना कर रही हैं।
इससे विरत इन सब चीजों को पीछे छोड़कर आत्मनिर्भर बन सफलता की एक अलग कहानी को गढ़ने वाली एक ऐसी ही महिला श्रीम त्रिपाठी (Shreem Tripathi) की कहानी हम आपको बता रहे हैं, जिन्हें शहर में गुणवत्तायुक्त बेकरी उत्पादों के ‘फिरंगी आउटलेट’ के संचालक के रूप में जाना जाता है। श्रीम त्रिपाठी (Shreem Tripathi) ने पढ़-लिखकर नौकरी करने के बजाय आत्मनिर्भर बनने का संकल्प लिया और अपनी मेहनत, लगन व समर्पण से एक नई पहचान बनाई।
उनके बेकरी आउटलेट की सबसे खास बात यह है कि वे मिलेट (श्रीअन्न) से बने स्वास्थ्यवर्धक उत्पादों पर विशेष ध्यान देती हैं। प्रधानमंत्री द्वारा मोटे अनाजों को बढ़ावा देने की पहल से प्रेरित होकर, उन्होंने बेकरी उत्पादों में श्रीअन्न (ज्वार, बाजरा, रागी आदि) का उपयोग शुरू किया। इसके अलावा श्रीम कृषि विभाग के साथ मिलकर किसानों के हित में भी कार्य कर रही हैं। अब वे एक ऐसा प्लेटफॉर्म विकसित करने की दिशा में काम कर रही हैं, जिससे किसान अपने मोटे अनाजों को सीधे बाजार तक पहुंचा सकें।
श्रीम अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता को देती हैं, जिन्होंने हमेशा उन्हें प्रोत्साहित किया। उनके बेकरी आउटलेट की सबसे खास बात यह है कि वे मिलेट (श्रीअन्न) से बने स्वास्थ्यवर्धक उत्पादों पर विशेष ध्यान देती हैं। आत्मनिर्भर महिला अपने परिवार और समाज में सम्मान प्राप्त करती है। आज महिलाएं हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं, लेकिन फिर भी वह आज के समय में कई प्रकार की चुनौतियों का सामना कर रही हैं। ऐसे समय में श्रीम त्रिपाठी (Shreem Tripathi) की सफलता की यह कहानी औरों के लिए प्रेरणा बनकर समाज में उभरती है।
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