अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर विशेष: संघर्षों के रंगों से जीवन को बनाया प्रेरणादायी, पढ़िए स्वयं के साथ दूसरों को आत्मनिर्भर बनाने वाली महिला की कहानी
नियमित रूप से महिलाओं को रोजगार सृजन में सहयोग कर रही हैं। रश्मि सिंह (Rashmi Singh) का यह जज़्बा बताता है कि यदि इच्छाशक्ति मजबूत हो, तो कोई भी परिस्थिति राह ...
Reported By: Vijay Laxmi Singh(Editor-In-Chief)
Edited By: Saurabh Singh
International Womens Day.
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (International Womens Day) मनाया जाता है। ये दिन महिलाओं की समानता, सशक्तिकरण और अधिकारों को समर्पित है। चाहे घर हो, कार्यस्थल हो या समाज, महिलाएं हर क्षेत्र में अपनी अहम भूमिका निभा रही हैं। ये सिर्फ एक दिन नहीं, बल्कि नारी शक्ति का जश्न मनाने का अवसर है। इतिहास गवाह है कि महिलाएं हर क्षेत्र में अपना परचम लहरा चुकी हैं। फिर चाहे वह रानी लक्ष्मीबाई का साहस हो, कल्पना चावला की उड़ान हो या मैरी कॉम की मेहनत। महिला सशक्तिकरण का अर्थ सिर्फ शिक्षा और नौकरी तक सीमित नहीं है।
ये महिलाओं को अपने फैसले खुद लेने, आत्मनिर्भर बनने और समान अवसर प्राप्त करने का अधिकार देने से जुड़ा है। एक शिक्षित और सशक्त महिला न केवल अपना जीवन संवारती है, बल्कि पूरे समाज को समृद्ध बनाती है। हमें ये समझना होगा कि सशक्त महिला ही एक सशक्त समाज की नींव रखती है। इसलिए, महिलाओं को आगे बढ़ाने और उनके अधिकारों की रक्षा करने का दायित्व हम सभी का है।
आइये अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर आपको बताते हैं हरदोई (Hardoi) की एक ऐसी महिला के बारे में जिन्होंने अपनी प्रबल इच्छाशक्ति के बल पर एक जीवन की कहानी को संघर्षों के कई रंगों से भरा और दूसरों के लिए प्रेरणा बन गयीं। हम बात कर रहे हैं हरदोई (Hardoi) की महिला शक्ति रश्मि सिंह (Rashmi Singh) के बारे में, जिन्होंने अपने पति के असमय देहांत के बाद हार नहीं मानी और स्वयं को आत्मनिर्भर बनाने का संकल्प लिया। रश्मि सिंह (Rashmi Singh) ने मुश्किल समय को बाधा न बनने देकर ब्यूटीशियन का कोर्स किया और प्रशिक्षण के बाद उन्होंने अपना पार्लर शुरू किया।
वो महिला स्वयं सहायता समूह से भी जुड़ी हैं। नियमित रूप से महिलाओं को रोजगार सृजन में सहयोग कर रही हैं। रश्मि सिंह (Rashmi Singh) का यह जज़्बा बताता है कि यदि इच्छाशक्ति मजबूत हो, तो कोई भी परिस्थिति राह में रुकावट नहीं बन सकती। इसके अलावा रश्मि सिंह (Rashmi Singh) आईटीआई और अन्य स्वयंसेवी संगठनों के सहयोग से बेटियों को ब्यूटीशियन, सिलाई और कढ़ाई का प्रशिक्षण दे रही हैं।
उनका उद्देश्य यही है कि कोई भी बेटी विपरीत परिस्थितियों में खुद को असहाय महसूस न करे, बल्कि आत्मनिर्भर बनकर जीवन की चुनौतियों का सामना कर सके। रश्मि सिंह (Rashmi Singh) इस माध्यम का लाभ दूसरी बेटियों को भी पहुंचा रही हैं और उनके जीवन को स्वर्णिम शब्दों के सहारे सफलता के परवान चढ़ा रही हैं।
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