मुख्य सचिव ने VC कर समस्त मण्डलायुक्तों एवं DM के साथ बैठक कर दिए आवश्यक दिशा-निर्देश

उन्होंने कहा कि प्रत्येक माह डी०पी०एम०यू० की बैठक कर योजना की प्रगति समीक्षा की जाए। जिले स्तर पर योजना का मीडिया, सोशल मीडिया, होर्डिंग/पैम्पलेट आदि के माध्यम से व्यापक प्रचार-प्रसार कराया जाए। प्रशिक्षण...

Jan 17, 2025 - 21:41
Jan 17, 2025 - 22:36
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मुख्य सचिव ने VC कर समस्त मण्डलायुक्तों एवं DM के साथ बैठक कर दिए आवश्यक दिशा-निर्देश
By INA News Lucknow.
मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग के माध्यम से समस्त मण्डलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों के साथ साप्ताहिक बैठक कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। अपने संबोधन में मुख्य सचिव ने कहा कि आगामी 24 जनवरी 2025 को उत्तर प्रदेश दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान के तहत 25,000 लाभार्थियों के पक्ष में ऋण स्वीकृति/वितरण सुनिश्चित कराया जाएगा। इसके लिए सभी जनपदों में ज्यादा से ज्यादा पंजीकरण कराया जाए। एलडीएम तथा बैंकों के जिला को-आर्डीनेटर्स के साथ नियमित समीक्षा की जाए। प्रत्येक माह डी०पी०एम०यू० की बैठक कर योजना की प्रगति समीक्षा की जाए।
उन्होंने कहा कि जिले स्तर पर योजना का मीडिया, सोशल मीडिया, होर्डिंग/पैम्पलेट आदि के माध्यम से व्यापक प्रचार-प्रसार कराया जाए। प्रशिक्षणदायी संस्थाओं यथा-कौशल विकास, आर०सेटी, स्वयं सहायता समूहों की प्रशिक्षित महिलाओं से कौशल प्रशिक्षित युवाओं का योजना में आच्छादन किया जाए। ट्रेडिशनल परियोजनाओं के स्थान पर इनोवेटिव मैन्युफैक्चरिंग/सर्विस इकाईयों यथा-फूड वैन, क्लाउड किचन, ऑनलाइन सर्विसज, स्टार्ट-अप आदि पर फोकस किया जाए। उन्होंने कहा कि जीरो पावर्टी अभियान के तहत लगभग साढे़ बारह लाख इक्यानबे हजार लाभार्थियों के नाम आ चुके है।
उन्होंने निर्देशित किया कि जिन जनपदों में पंजीकरण कम हुआ है उनके द्वारा निर्धारित लक्ष्य के सापेक्ष पंजीकरण कराना सुनिश्चित किया जाये,  जिससे लाभार्थियों को शीघ्र ही राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ प्रदान किया जा सके। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान में प्रदेश के युवा जनशक्ति को स्वरोजगार से जोड़ने की अनोखी पहल है। प्रति वर्ष 1 लाख युवाओं एवं 10 वर्षों में 10 लाख युवाओ को स्वरोजगार युक्त बनाने का लक्ष्य रखा गया है। कौशल प्रशिक्षित के लिए न्यूनतम कक्षा 8 उत्तीर्ण, 21-40 वर्ष के युवाओं हेतु अवसर है। इसके लिए प्रथम चरण में ₹5.0 लाख तक एवं दूसरे चरण में ₹7.5 लाख तक की परियाजनाओं को सहायता प्रदान किया जाना है।
₹5.0 लाख तक की परियोजनाओं के लिए 04 वर्षों तक ब्याज़ मुक्त, गारंटी मुक्त एवं 10% अनुदान की सहायता दिया जाना है। प्रथम चरण के उपरांत दूसरे चरण में ₹7.5 लाख तक की परियोजनाओ को 03 वर्षों तक गारंटी मुक्त एवं 50% ब्याज़ अनुदान सहित ऋण सहायता प्रदान किया जाना है। 43 जनपदों में जागरूकता कार्यशालाऐं आयोजित किया जा चुका है। अब तक कुल 32518 लाभार्थियों द्वारा ऑनलाइन पंजीकरण किया गया है। बैठक में प्रमुख सचिव वन, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन  अनिल कुमार, सचिव एमएसएमई प्रांजल यादव सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण आदि उपस्थित थे।

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