Sitapur News: पूर्व माध्यमिक विद्यालय के आकाओं ने मनमानी नोटिस देकर रसोइयों को भगाया।
नगर पालिका कार्यालय के निकट स्थित पूर्व कन्या माध्यमिक विद्यालय में रसोईया पद पर नियुक्त चार महिलाओं ने अपने संयुक्त हस्ताक्षरों...

रिपोर्ट- संदीप चौरसिया
मिश्रित / सीतापुर। नगर पालिका कार्यालय के निकट स्थित पूर्व कन्या माध्यमिक विद्यालय में रसोईया पद पर नियुक्त चार महिलाओं ने अपने संयुक्त हस्ताक्षरों से शिकायती पत्र क्षेत्रीय कोतवाली से लेकर आइजीआरएस पोर्टल पर दो बार दर्ज कराकर विद्यालय के प्रधानाध्यापक अनुदेशक और रसोइया के रूप में नियुक्त लोगों पर मनमानी एवं अभद्रता करने तथा नौकरी से निकाल देने की धमकी देकर विद्यालय से भाग देने जैसी बीते समय लग भग 9 मांह पहले दर्ज कराई गई थी ।
लेकिन अभी तक कार्यवाही ढाक के तीन पात ही है। जिससे महिला सशक्ती करण का दवा यहां पूरी तरह हवा हवाई ही साबित हो रहा है। शिकायतकर्तिनी महिलाओं का आरोप है। कि उक्त विद्यालय में नियुक्त प्रधानाध्यापक भानू प्रताप सिंह, अनुदेशक अभिषेक कुमार रावत और रसोईया आदर्श शिकायत करने वाली महिला रसोइयों के साथ आए दिन बदसलूकी करके अभद्रता करने की हदे पार करते हुए छेड़ छाड़ की घटनाओं की को अंजाम ही नहीं देते थे। बल्कि विद्यालय के पीछे वाले कमरे में चलकर मीट बनाने के साथ शराब के पैक बनाने की बात करते थे। जिसका विरोध करने पर उक्त तीनों मनवढ लोगों ने बीते आठ मांह पहले एक मनमानी नोटिस तैयार करके शिकायतकर्तियों को ही नहीं दी।
बल्कि रसोईया पुष्पा देवी से रसोई घर की चाबी छीन कर रसोईया कार्य में लगी चारों महिलाओं को विद्यालय से भगा दिया। तब से चारों पीड़ित महिलाएं न्याय की मांग करते हुए प्रार्थना पत्र देकर दर-दर गुहार लगाती हुई घूम रही है। जिस कारण महिला सशक्ती करण का दावा पूरी तरह से खोखला साबित हो रहा है। मांमले में विडंबना तो इस बात की है। कि थाना पुलिस से लेकर प्रशासनिक अधिकारियों के साथ ही मुख्य मंत्री जनसुनवाई पोर्टल पर भी दो बार दर्ज कराई गई शिकायत भी कार्यवाही के बजाय अभी तक हवा हवाई ही बनी हुई है।
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अधिकांशतयः फर्जी निस्तारण आख्याओं के सहारे ही आइजीआरएस पोर्टल पर प्राप्त प्रार्थना पत्रों शिकायतों का हो रहा है निष्क्षेपण। प्रश्न उठता है कि क्या फरियादी महिलाओं को न्याय मिल भी पाएगा या नहीं या फिर नक्कारखाने में तूती की तरह गायब हो जाएगी पीड़ितों की गुहार ?
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