Trending: राजस्थान में MLA रविंद्र सिंह भाटी (Ravindra Singh Bhati) और SHO के बीच तीखी नोकझोंक, धरने पर बैठे MLA, मामला पहुंचा वर्दी उतारने तक
धरने की खबर फैलते ही बड़ी संख्या में स्थानीय लोग और भाटी के समर्थक थाने के बाहर जमा हो गए। लोगों ने बिजली कंपनी और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की और MLA के समर्थन ...
राजस्थान के बाड़मेर जिले में MLA रविंद्र सिंह भाटी (Ravindra Singh Bhati) और एक थानाधिकारी (SHO) के बीच तीखी बहस और नोकझोंक का मामला सामने आया है। यह विवाद तब शुरू हुआ जब बिजली कंपनी द्वारा किसानों की जमीन पर बिना मुआवजा दिए बिजली के पोल खड़े किए गए। इस मुद्दे को लेकर MLA भाटी स्थानीय थाने पहुंचे और अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए धरने पर बैठ गए। इस दौरान SHO के साथ उनकी बहस इतनी तीखी हो गई कि बात वर्दी उतारने तक पहुंच गई। यह घटना न केवल स्थानीय स्तर पर चर्चा का विषय बनी, बल्कि सोशल मीडिया और समाचार माध्यमों में भी सुर्खियां बटोर रही है।
पिछले कुछ समय से बाड़मेर जिले में बिजली कंपनी द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली के पोल लगाने का काम चल रहा है। कई किसानों ने आरोप लगाया कि उनकी जमीन पर बिना किसी पूर्व सूचना या मुआवजे के पोल खड़े किए जा रहे हैं। इस मुद्दे को लेकर स्थानीय लोगों में आक्रोश बढ़ता जा रहा था। MLA रविंद्र सिंह भाटी (Ravindra Singh Bhati), जो बाड़मेर से निर्दलीय MLA हैं और क्षेत्र में अपनी सक्रियता के लिए जाने जाते हैं, ने इस मामले को गंभीरता से लिया और इसे प्रशासन के समक्ष उठाने का फैसला किया।
17 मई 2025 को MLA भाटी स्थानीय थाने पहुंचे और SHO से इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की। सूत्रों के अनुसार, SHO ने मामले में तुरंत कार्रवाई करने में असमर्थता जताई, जिससे MLA भाटी नाराज हो गए। बहस के दौरान भाटी ने कथित तौर पर कहा, "ईमान-धर्म मर गया क्या? लोग परेशान हैं और आप कुछ नहीं कर रहे।" जवाब में SHO ने गुस्से में कहा, "अगर आपको लगता है कि मैं गलत हूं, तो मैं अपनी वर्दी उतार देता हूं।" इस तीखी नोकझोंक के बाद MLA भाटी थाने के बाहर धरने पर बैठ गए, जिससे माहौल और गरमा गया।
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धरने की खबर फैलते ही बड़ी संख्या में स्थानीय लोग और भाटी के समर्थक थाने के बाहर जमा हो गए। लोगों ने बिजली कंपनी और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की और MLA के समर्थन में अपनी आवाज बुलंद की। भाटी ने धरने के दौरान कहा, "जब तक किसानों को उनका हक नहीं मिलेगा, मैं यहां से नहीं हटूंगा। यह सिर्फ बिजली के पोल का मामला नहीं है, यह किसानों के सम्मान और उनके अधिकारों की लड़ाई है।"
यह घटना सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर भी चर्चा का विषय बनी। कई यूजर्स ने MLA भाटी की सक्रियता की सराहना की, जबकि कुछ ने SHO के रवैये पर सवाल उठाए। एक X पोस्ट में लिखा गया, "बाड़मेर में MLA रविंद्र सिंह भाटी (Ravindra Singh Bhati) और SHO के बीच तीखी नोकझोंक, धरने पर बैठे MLA बोले- 'ईमान-धर्म मर गया क्या?'"। वहीं, एक अन्य पोस्ट में कहा गया कि यह मामला बिजली कंपनी की मनमानी को उजागर करता है।
विवाद बढ़ता देख स्थानीय प्रशासन ने मामले को शांत करने की कोशिश की। जिला प्रशासन के अधिकारियों ने MLA भाटी से बातचीत की और आश्वासन दिया कि किसानों के मुआवजे और बिजली कंपनी की कार्रवाई की जांच की जाएगी। हालांकि, अभी तक इस मामले में कोई ठोस कार्रवाई की खबर नहीं है।
रविंद्र सिंह भाटी (Ravindra Singh Bhati), जो अपनी बेबाकी और जनता के बीच मजबूत पकड़ के लिए जाने जाते हैं, इस घटना के बाद और सुर्खियों में आ गए हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह विवाद भाटी की छवि को और मजबूत कर सकता है, खासकर ग्रामीण मतदाताओं के बीच। वहीं, विपक्षी दलों ने इस मामले को उठाकर सरकार और प्रशासन पर निशाना साधा है।
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