हिंसा: मणिपुर के हालातों को देखकर गृहमंत्री अमित शाह ने चुनावी रैलियों को रद किया, बैठक कर मणिपुर के हालातों की समीक्षा की

मणिपुर में हिंसा के मद्देनजर एनपीपी ने भाजपा नेतृत्व वाली सरकार से समर्थन वापस ले लिया है। मणिपुर के बिगड़ते हालात को देखते हुए केंद्र हरकत में आ गई है। यही वजह रही कि रविवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह महाराष्ट्र में अपनी सभी चुनावी रैलियां र....

Nov 17, 2024 - 22:10
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हिंसा: मणिपुर के हालातों को देखकर गृहमंत्री अमित शाह ने चुनावी रैलियों को रद किया, बैठक कर मणिपुर के हालातों की समीक्षा की

By INA News Desk Manipur.

Violence in Manipur

मणिपुर में हिंसा और तनाव को देखते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने महाराष्ट्र में अपनी चुनावी रैलियों को रद कर दिल्ली वापस आ गए। बाद में शाह ने गृह मंत्रालय व सुरक्षा एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर मणिपुर के हालात की समीक्षा की और ताजा हिंसा को रोकने व तनाव को करने के लिए जरूरी कदम उठाने का निर्देश दिया। उधर, मणिपुर में हिंसा के मद्देनजर एनपीपी ने भाजपा नेतृत्व वाली सरकार से समर्थन वापस ले लिया है। मणिपुर के बिगड़ते हालात को देखते हुए केंद्र हरकत में आ गई है। यही वजह रही कि रविवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह महाराष्ट्र में अपनी सभी चुनावी रैलियां रद्द कर दिल्ली लौट आए और तुरंत ही मणिपुर में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की। इसके साथ ही उन्होंने शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों को राज्य में शांति सुनिश्चित करने के लिए हर संभव कदम उठाने का निर्देश भी दिया।

सूत्रों के हवाले से बताया कि शाह आगे के कदमों पर सोमवार को शीर्ष अधिकारियों के साथ एक और अहम बैठक करेंगे। पिछले चार दिनों में केंद्रीय गृह मंत्रालय मणिपुर के विभिन्न क्षेत्रों में अफस्पा (‌आर्म्स फोर्सेस स्पेशल पावर एक्ट) लगाने के साथ ही सुरक्षा बलों के हिंसा रोकने के लिए उचित कदम उठाने का निर्देश जारी किया है। शाह सोमवार को भी मणिपुर को लेकर अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे। ध्यान देने की बात है कि आतंकियों द्वारा निर्दोष लोगों की हत्या के बाद उत्तेजित भीड़ ने शनिवार की रात को मणिपुर के वरिष्ठ मंत्री समेत भाजपा के तीन व कांग्रेस के एक विधायक के घरों में आग लगा दी थी। जिरीबाम जिले में तीन महिलाओं और तीन बच्चों के शव मिलने के बाद प्रदर्शनकारियों ने इंफाल घाटी के विभिन्न हिस्सों में शनिवार को हिंसक प्रदर्शन किया, जिसके बाद से यहां अनिश्चितकाल के लिए कर्फ्यू लगा दिया गया।

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गुस्साई भीड़ ने शनिवार को राज्य के तीन मंत्रियों और छह विधायकों के आवासों पर भी हमला किया था। अधिकारियों के अनुसार, प्रदर्शनकारियों ने निंगथौखोंग में लोक निर्माण मंत्री गोविंददास कोंथौजम, लैंगमीडोंग बाजार में हियांगलाम से भाजपा विधायक वाई राधेश्याम, थौबल जिले में वांगजिंग टेंथा के भाजपा विधायक पाओनम ब्रोजेन और इंफाल पूर्वी जिले में खुंद्राक्पम के कांग्रेस विधायक लोकेश्वर के घरों में आग लगा दी। लोगों ने मणिपुर के मुख्यमंत्री बीरेन सिंह के पैतृक घर पर हमला करने की कोशिश भी की, जिसे सुरक्षा बलों ने विफल कर दिया। इसके पहले दिन में भीड़ ने तीन मंत्रियों समेत छह विधायकों के घरों पर हमला किया था। मणिपुर के विभिन्न क्षेत्रों में लागू कर्फ्यू के बीच हिंसा की बढ़ती घटनाओं ने केंद्र सरकार की चिंता बढ़ा दी है।

स्थिति की गंभीरता को देखते हुए अमित शाह ने चुनावी रैलियां रद कर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक का फैसला किया। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि गुस्साई भीड़ ने विधायकों के आवासीय परिसरों पर धावा बोला, संपत्ति में तोड़फोड़ की और घरों में आग लगा दी। हालांकि, इस दौरान विधायक और उनके परिवार के सदस्य घर पर मौजूद नहीं थे। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि मणिपुर में तैनात सभी सुरक्षा बलों को राज्य में व्यवस्था और शांति बहाल करने के लिए आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं, जहां पिछले कुछ दिनों से स्थिति नाजुक बनी हुई है। नाजुक स्थिति को देखते हुए केंद्र ने बृहस्पतिवार को हिंसा प्रभावित जिरीबाम सहित राज्य के छह पुलिस थाना क्षेत्रों में सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम (अफस्पा) को फिर लागू कर दिया।

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