हम मरने के लिए पुलिस में भर्ती नहीं हुए, डिप्टी एसपी अनुज चौधरी का बयान, संभल हिंसा में गोली लगने से हुए थे घायल

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि जिन लोगों को गोली लगी है, वह पुलिस की बंदूक से नहीं चली। वहां हजारों की भीड़ थी, और यह पता करना कठिन है कि गोली किसने चलाई। चौधरी ने पुलिस पर लगे सभी आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि पुलिस ने कानून के दायरे में रहकर काम किया।

Nov 28, 2024 - 00:51
Nov 28, 2024 - 00:52
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हम मरने के लिए पुलिस में भर्ती नहीं हुए, डिप्टी एसपी अनुज चौधरी का बयान, संभल हिंसा में गोली लगने से हुए थे घायल
डिप्टी एसपी अनुज चौधरी

By INA News Sambhal.

पुलिस को आत्मरक्षा का अधिकार है। हम मरने के लिए पुलिस में भर्ती नहीं हुए। इस तरह के उपद्रवियों से जान का खतरा बना रहता है। पुलिसकर्मियों के भी परिवार और बच्चे होते हैं। अगर किसी पुलिसकर्मी की जान जाती है, तो उसका परिवार बर्बाद हो जाता है। संभल में 4 से 6 घंटे जो हालात रहे, पहले उन्हें समझने की जरूरत है।

यह बात मीडिया से रूबरू होते हुए डिप्टी एसपी अनुज चौधरी ने कही। वे संभल हिंसा से जुडी जानकारियां मीडिया से साझा कर रहे थे। उत्तर प्रदेश के संभल में जामा मस्जिद में सर्वे के दौरान हुई हिंसा के बाद डिप्टी एसपी अनुज चौधरी का एक बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि पुलिस की गोली से किसी की मौत नहीं हुई है।

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चौधरी ने इन आरोपों का खंडन किया कि उन्होंने पुलिस को गोली चलाने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि पुलिस ने आत्मरक्षा में गोली चलाई। मीडिया से बातचीत में चौधरी ने बताया, “हम कोर्ट के आदेश पर सर्वे कराने गए थे। अंदर सर्वे चल रहा था, जबकि बाहर भीड़ इकट्ठा होकर उपद्रव कर रही थी।

लोगों को किसी ने भ्रमित किया था, जिसके चलते पहले दिन का सर्वे सही से नहीं हो पाया। रिपोर्ट 29 तारीख को सौंपनी थी, इसलिए हमें दोबारा सर्वे करना पड़ा।” इस घटना में डिप्टी एसपी अनुज चौधरी के पैरों में भी गोली लग गई थी। इससे वे घायल हो गए थे।

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि जिन लोगों को गोली लगी है, वह पुलिस की बंदूक से नहीं चली। वहां हजारों की भीड़ थी, और यह पता करना कठिन है कि गोली किसने चलाई। चौधरी ने पुलिस पर लगे सभी आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि पुलिस ने कानून के दायरे में रहकर काम किया।

संभल हिंसा के बाद से संभल के डिप्टी एसपी अनुज चौधरी चर्चाओं में हैं। दरअसल उनका एक बयान काफी वायरल हो रहा है, जिसमें वह कह रहे हैं कि पुलिस को भी आत्मरक्षा का अधिकार है और पुलिसकर्मी मरने के लिए पुलिसबल में भर्ती नहीं हुए हैं। वायरल वीडियो में अनुज चौधरी ये भी कहते हुए नजर आ रहे हैं कि पुलिसकर्मियों के भी बच्चे और परिवार हैं।

स्पोर्ट्स कोटे से यूपी पुलिस में भर्ती हुए हैं डिप्टी एसपी अनुज चौधरी

आपको बता दें कि अंतरराष्ट्रीय कुश्ती में देश का मान बढ़ा चुके अनुज चौधरी स्पोर्ट्स कोटे से उत्तर प्रदेश पुलिस में भर्ती हुए थे। वैसे तो अनुज पुलिस फोर्स में अपनी शानदार पर्सनालिटी, फिटनेस और अपने बेधड़क अंदाज के कारण हमेशा की लाइलाइट बटोरते हैं, लेकिन संभल हिंसा में बलवाइयों की गोली से घायल डिप्टी एसपी फिर सुर्खियां बटोर रहे हैं। 

कई मेडल व पदक जीत चुके हैं डिप्टी एसपी अनुज 

मुजफ्फरनगर के बहेड़ी गांव से ताल्लुक रखने वाले अनुज चौधरी ने 2002 और 2010 के नेशनल गेम्स में दो सिल्वर मेडल जीते थे और एशियाई चैंपियनशिप में दो कांस्य पदक जीते थे। अनुज चौधरी साल 1997 से 2014 तक कुश्ती में नेशनल चैंपियन रहे। साल 2001 में इन्हें लक्ष्मण अवार्ड मिला तो साल 2005 में अनुज चौधरी को अर्जुन अवार्ड से नवाजा गया। इसके बाद अनुज चौधरी स्पोर्ट्स कोटे से उत्तर प्रदेश पुलिस में भर्ती हुए और साल 2012 में वह डिप्टी एसपी बनाए गए। 

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संभल हिंसा के दौरान डिप्टी एसपी अनुज को पैर में लगी गोली

संभल जामा मस्जिद में सर्वे के लिए पहुंची टीम पर भीड़ ने हमला कर दिया था, जिसके बाद माहौल बिगड़ गया। अनुज उपद्रवियों को काबू करने की कोशिश कर रहे थे कि तभी अराजक तत्वों ने उनके पैर पर गोली मार दी। 

सपा नेता आजम खान से भी रहा है 36 का आंकडा

सपा नेता आजम खान से तीखी बहस के बाद भी काफी चर्चाओं में रहे। जब अनुज रामपुर में सर्विस कर रहे थे, तब आजम खान से भिंड गए थे। आजम खान सपा प्रतिनिधि मंडल के साथ मुरादाबाद कमिश्नर से मिलने निकले थे, तब डिप्टी एसपी सिटी अनुज चौधरी ने साफ कह दिया था कि 27 लोग ही अंदर जाएंगे। इतना सुनते ही आजम ने अनुज से कहा कि समाजवादियों ने ही पहलवानों को पहचाना था। उन्होंने इतना तक कह दिया कि अखिलेश का एहसान याद है? बस फिर क्या था अनुज ने भी आजम के इस सवाल का दो टूक जवाब देते हुए पूछ डाला कि एहसान कैसा? अर्जुन अवॉर्ड मिला है, जो किसी के एहसान से नहीं मिलता। उस समय इन दोनों की तीखी बहस का वीडियो खूब वायरल हुआ था। 

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