बीजेपी की आंतरिक कलह में घी डाल रहे अखिलेश यादव- बातों ही बातों में अखिलेश ने कसा तंज, कहा- जिसने आपको हराया, उसे नहीं हटा पा रहे..

लखनऊ। यूपी बीजेपी में चल रही आंतरिक कलह में घी डालते हुए सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने भाजपा हाईकमान पर तंज कसा है। उन्होंने कहा कि जिसने आपको हराया है, आप उसे नहीं हटा पा रहे हैं। उनके इन शब्दों के कई मतलब निकाले जा रहे हैं लेकिन यह तो तय है कि अपने इस बयान से अखिलेश यादव भाजपा हाईकमान को बातों ही बातों में बहुत कुछ कह गए। बीजेपी पार्टी में इस समय चल रही आंतरिक कलह से यूपी की राजनीति का बाजार चर्चाओं में हैं। बीते दिन सपा के कई बागी विधायकों ने सीएम योगी के पैर छुए थे। इस बात से कुछ विपक्षी नेताओं को नाराजगी भी हुई थी। वहीं मंगलवार को विपक्ष के बड़े नेता अखिलेश यादव के इस बयान से चर्चाओं का बाजार एक बार फिर गर्म हो गया। अखिलेश ने इशारों में जो 2 तंज किए हैं, उसके बाद लखनऊ से दिल्ली तक एक ही सवाल चर्चा में है आखिर यह दोनों इशारा किसकी तरफ था? अखिलेश ने कहा है कि लोकसभा चुनाव में यूपी की हार ने बीजेपी में बड़े नेताओं के बीच नमस्ते भी बंद करा दिया है. अखिलेश यहीं नहीं रुके, सपा मुखिया ने सत्तापक्ष से यहां तक कह दिया कि जिन लोगों ने यूपी में आपको हराया, आप उसे भी हटा नहीं पा रहे हो।
अखिलेश यादव बजट अभिभाषण पर बोल रहे थे। इसी दौरान उन्होंने अग्निवीर स्कीम पर निशाना साधा। अखिलेश के बयान का बीजेपी के नेताओं ने विरोध कर दिया, जिसके बाद अखिलेश ने सांसद अनुराग ठाकुर से कहा कि खड़े होकर बोल दो कि यह स्कीम सही है? अखिलेश के कहने पर अनुराग उठे और अग्निवीर स्कीम पर बोलने लगे। उन्होंने कहा कि इस स्कीम में सबको नौकरी मिलेगी। अनुराग जब बैठे तो अखिलेश ने कहा कि जो बोलना था, वो बोले नहीं, बाकी सब बोल दिए। मैं खुद मिलिट्री स्कूल से पढ़ा हूं। इस पर अनुराग फिर खड़े होकर कुछ बोलने लगे। अखिलेश ने दूसरे तंज में 'हटाने' शब्द का जिक्र किया। चर्चा है कि अखिलेश का यह तंज योगी आदित्यनाथ पर था। लोकसभा चुनाव के बाद कहा जा रहा है कि बीजेपी के भीतर सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है।
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हाल ही अपने ही सरकार के खिलाफ केशव प्रसाद मौर्य की तल्ख टिप्पणी सामने आई थी। उनकी इस टिप्पणी को सीधे तौर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनकी सरकार के खिलाफ देखा गया। केशव ने टिप्पणी में संगठन को सरकार से बड़ा बताया था. इतना ही नहीं, बीजेपी और उसके कई सहयोगी विधायकों ने भी ब्यूरोक्रेसी को लेकर सरकार पर हमला किया था। सोमवार को भी लखनऊ में बीजेपी ओबीसी सम्मेलन के दौरान गतिरोध की एक झलक तब दिखी थी, जब सम्मेलन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आने से पहले दोनों डिप्टी सीएम चले गए।अखिलेश यादव ने बीजेपी के गतिरोध को पार्टी का रणनीति बताते हुए पूरे मामले में केशव प्रसाद मौर्या को दिल्ली का मोहरा बताया था। अखिलेश के मुताबिक केशव दिल्ली के कहने पर ही बोल रहे हैं।
अखिलेश यादव ने लोकसभा में केंद्रीय बजट पर चर्चा में भाग लेते हुए यह दावा भी किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार चलने वाली नहीं, बल्कि गिरने वाली सरकार है तथा यह ‘साइकिल’ के भरोसे ही चल रही है। जिस दिन साइकिल हट गई, सरकार कैसे चलाएंगे। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार का यह 11वां बजट है लेकिन फिर भी कोई उम्मीद नजर नहीं आती। सपा नेता ने कटाक्ष किया, सरकार बनने के बाद जो खुशी दिखाई देनी चहिए थी वह भी दिखाई नहीं दे रही है।
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