Deoband News: पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब की शान में गुस्ताखी करने वाले को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए।
गुस्ताख-ए-रसूल नरसिंहानंद की हरकत पर दारुल उलूम देवबंद की कड़ी प्रतिक्रिया- ऐसे लोगों को बताया देश की शांति के लिए खतरा...
देवबंद: यति नरसिंहानंद सरस्वती द्वारा पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की शान में की गई गुस्ताखी पर मुस्लिम समाज का रोष बढ़ता जा रहा है,अब विश्व विख्यात इस्लामी शिक्षण संस्थान दारुल उलूम देवबंद की ओर इस संबंध में कड़ी प्रतिक्रिया सामने आई है। संस्था के मोहतमिम मौलाना मुफ्ती अबुल कासिम नोमानी ने नबी की शान में गुस्ताखी करने वाले के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है।
शनिवार को अपने बयान में दारुल उलूम देवबंद के मोहतमिम मौलाना मुफ्ती अबुल कासिम नोमानी ने कहा कि बेहद अफसोस और दुख के साथ यह बयान जारी किया जा रहा है की यति नरसिंहानंद नामक मलऊन ने रसूलुल्लाह (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) की पवित्र शख्सियत के खिलाफ बेहद अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया है। यह हरकत न सिर्फ मुसलमानों के ईमान और भावनाओं पर हमला है;बल्कि यह पूरी दुनिया के अमन और इंसाफ के सिद्धांतों की सरेआम खिलाफ़वर्जी भी है। यह व्यक्ति एक धार्मिक लिबास में छुपा शैतान है, जो हमेशा धार्मिक नफ़रत और सांप्रदायिक हिंसा की बातें करता है।
मुफ्ती अबुल कासिम नोमानी ने कहा कि रसूलुल्लाह (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) की इज़्ज़त और शान हम मुसलमानों के लिए जिंदगी से भी ज़्यादा अहम है,और हम किसी भी तरह की इस तरह की गुस्ताख़ी को हरगिज़ बर्दाश्त नहीं कर सकते। इस निंदनीय हरकत की सख्त से सख्त अल्फाज़ में निंदा की जाती है और क़ानून लागू करने वाले विभागों से मांग की जाती है कि इस शख्स के खिलाफ तुरंत और सख्त कार्रवाई की जाए और उसे क़ानून के मुताबिक कड़ी से कड़ी सज़ा दी जाए, ताकि आगे से किसी को इस्लाम और इसकी अज़ीम व पाक शख्सियतों के खिलाफ जुबान दराज़ करने की जुर्रत ना हो सके।
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हम सरकार से ज़ोरदार अपील करते हैं कि इस मामले को गंभीरता से लिया जाए और ऐसे क़ानून लागू किए जाएं जिनके तहत रसूलुल्लाह (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) या किसी भी धार्मिक नेता की शान में गुस्ताखी करने वालों को कड़ी सज़ा दी जाए।यह न सिर्फ देश में शांति और व्यवस्था बनाए रखने के लिए जरूरी है;बल्कि लोगों की धार्मिक भावनाओं का सम्मान करने का तक़ाज़ा भी है।हम तमाम मुस्लिम भाइयों से अपील करते हैं कि इस मामले में सब्र और अक़्ल से काम लें, और कानूनी तरीके से इस शरारती तत्व के ख़िलाफ अपनी आवाज़ बुलंद करें, ताकि इंसाफ मिल सके और फसाद फैलाने वाले लोगों को सबक सिखाया जा सके।
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