बलिया खुला जेल का फाटक, गूंजा वंदेमातरम्- बागी धरती पर आन-बान-शान के साथ मनाया गया बलिया बलिदान दिवस।

Aug 19, 2024 - 18:29
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बलिया खुला जेल का फाटक, गूंजा वंदेमातरम्- बागी धरती पर आन-बान-शान के साथ मनाया गया बलिया बलिदान दिवस।

बलिया। आन-बान व शान के साथ सोमवार को बागी धरती पर बलिया बलिदान दिवस मनाया गया। इसके गवाह सैकड़ों लोगों के साथ जनप्रतिनिधि व सेनानी आश्रित बने। सुबह करीब सवा आठ बजे देशभक्ति नारों के बीच जेल का फाटक खुला और सेनानी राम विचार पांडेय के नेतृत्व में सेनानियों का प्रतीकात्मक जत्था बाहर निकला। इस दौरान भारत माता की जय, वन्देमातरम् एवं जेल का फाटक टूटेगा, चित्तू पाण्डेय छूटेगा के गगनभेदी नारे लोग बोल रहे थे।

19 अगस्त 1942 को 14 दिनों के लिए आजाद हुए बलिया के लोगों के लिए यह दिन गौरव का क्षण होता है। इस कार्यक्रम की तैयारी तड़के पूरी कर ली गयी थी। इसके बाद जेल के भीतर सेनानी रामविचार पांडे, मंत्री दयाशंकर सिंह व दानिश आजाद अंसारी, डीएम प्रवीण कुमार लक्षकार, एसपी विक्रांत वीर तथा विभिन्न दलों के नेता-कार्यकर्ता, सेनानी आश्रित अंदर दाखिल हुए।कुछ देर बाद जेल का फाटक खुला और सभी लोग हाथ में तिरंगा लिए देशभक्ति नारा लगाते हुए बाहर निकले। सभी ने कारागार परिसर में स्थित सेनानी राजकुमार बाघ की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। यहां से काफिला कुंवर सिंह चौराहा पर पहुंचा, जहां पर वीर कुंवर सिंह की प्रतिमा पर माला पहनाकर लोगों ने नमन किया। फिर शहीद रामदहिन ओझा, मुरली बाबू, भीमराव अम्बेडकर, शेरे बलिया चित्तू पाण्डेय, पं. तारकेश्वर पाण्डेय, मंगल पाण्डेय, लालबहादुर शास्त्री, चंद्रशेखर आजाद, उमाशंकर सोनार के बाद शहीद पार्क चौक स्थित महात्मा गांधी व शहीद सेनानियों के शिलापट्ट पर माल्यार्पण एवं पुष्पांजलि अर्पित की।

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क्रांति मैदान (बापू भवन) टाउन हाल में 19 अगस्त, 1942 को आजादी की घोषणा की गईं थी, उस चबूतरे पर भी माल्यार्पण व पुष्पांजलि अर्पित किया गया। इस मौके सांसद सनातन पांडे, नपा चेयरमैन संत कुमार उर्फ मिठाई लाल, पूर्व चेयरमैन संजय उपाध्याय, उमाशंकर पाठक, विनय पांडे, लक्ष्मण गुप्ता, डा. अखिलेश राय, अखिलेश सिनहा, आदर्श मिश्र झब्बू, राहुल सिंह, जैनेन्द्र पांडे मिंटू, गंगासागर सिंह, जाकिर हुसैन, सिटी मजिस्ट्रेट इंद्रकांत द्विवेदी, सीओ सिटी गौरव कुमार, जेलर राजेंद्र सिंह आदि थे।

  • मंगल पांडे के बलिदान की कहानी, उनके परिजनों की जुबानी

बलिया : बलिया बलिदान दिवस पर मंगल पांडेय विचार मंच ने 'मंगल पांडे के बलिदान की कहानी उनके परिजनों की जुबानी' कार्यक्रम के तहत अमर शहीद मंगल पांडेय के पैतृक आवास बंधुचक नगवा पहुंचकर उनके परिजनों को सम्मानित किया। इसके पूर्व विचार मंच के लोगों ने शहीद मंगल पांडेय के स्मारक पर  श्रद्धा का पुष्प चढ़ाकर श्रद्धांजलि अर्पित की । कार्यक्रम के दौरान मंगल पांडेय के पैतृक आवास पर मौजूद उनकी चौथी पीढ़ी के रघुनाथ पांडेय, अनिल पांडेय एवं पांचवीं पीढ़ी के सौरभ पांडेय को माल्यार्पण कर अंगवस्त्रम से सम्मानित किया गया। मंगल पांडेय की चौथी पीढ़ी के वंशज केंद्रीय विद्यालय से रिटायर्ड प्रिंसिपल रघुनाथ पांडेय ने मंगल पांडेय के जीवन से सम्बन्धित समस्त पहलुओं को वृतांत पूर्वक सुनाया । इस दौरान उनकी आंखें डबडबा जा रही थी।

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कहा कि 1857 में मंगल पांडेय का बलिदान देश की आजादी का आधार बना। अंग्रेजों के खिलाफ भारतीयों के मन में बगावत की प्रेरणा जगी, जिसका परिणाम रहा कि हमारा देश 90 वर्ष बाद 15 अगस्त 1947 को आजाद हुआ। कहा कि आजादी हम लोगों के लिए धरोहर है। इसे अक्षुण बनाए रखने के लिए एक-एक देशवासियों को संकल्पित होना होगा। उन्होंने देशवासियों से अपील किया कि हमें अपने बच्चों को शिक्षा देने के साथ ही राष्ट्रभक्ति का पाठ भी समय-समय पर पढ़ाते रहना चाहिए, तभी हमारा राष्ट्र उन्नति के शिखर पर पहुंच सकेगा। इस मौके पर मंगल पांडेय विचार मंच के अध्यक्ष कृष्णकांत पाठक, विमल पाठक, नफीस अख्तर, अरुण कुमार साहू, विवेक सिंह, डॉ हरेंद्रनाथ यादव, बब्बन विद्यार्थी, नितेश पाठक, योगेशचंद्र गुप्ता, रणजीत सिंह, रमेशचंद्र गुप्ता, अन्नपूर्णानंद तिवारी, नागेंद्र तिवारी आदि लोग रहे।

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