कई देशों पर मंडरा रहा है एमपॉक्स का खतरा, जानिए कैसे रहें सावधान

Aug 20, 2024 - 00:59
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कई देशों पर मंडरा रहा है एमपॉक्स का खतरा, जानिए कैसे रहें सावधान

नई दिल्ली।
अफ्रीका से चला खतरनाक एमपॉक्स वायरस पड़ोसी देश पाकिस्तान तक पहुंच गया है। ऐसे में विश्व स्तर पर एमपॉक्स की मौजूदा स्थिति को देखते हुए भारत सरकार भी अलर्ट मोड पर है। इसके मद्देनजर केंद्र सरकार ने बांग्लादेश और पाकिस्तान हवाई अड्डों बंदरगाहों और सीमाओं पर अधिकारियों को एहतियात बरतने के निर्देश दे दिए हैं। वहीं अस्पतालों को मरीजों के लिए आइसोलेशन वार्ड तैयार करने को कहा गया है। इस वायरस के पाकिस्तान पहुंचने के बाद अब आशंका है कि यह भारत में भी अपने पैर पसार सकता है। ऐसे में इसे लेकर सावधानी बरतनी जरूरी है और साथ ही सही जानकारी भी होना बेहद जरूरी है। इसके मद्देनजर केंद्र ने बांग्लादेश और पाकिस्तान हवाई अड्डों, बंदरगाहों और सीमाओं पर अधिकारियों को आने वाले अंतरराष्ट्रीय यात्रियों को लेकर सतर्क रहने को कहा है। अफ्रीका और स्वीडन में हुई घटनाओं के बाद, एमपॉक्स अब पाकिस्तान तक फैल गया है, जिससे भारत जैसे आस-पास के देशों के लिए गंभीर चिंताएं बढ़ गई हैं।

पाकिस्तान से निकटता और वहां होने वाले सीमा पार आवा-जाही की वजह से इस वायरस के देश में प्रवेश करने की संभावना काफी ज्यादा है। हालांकि, यह जानना भी जरूरी है कि भारत की स्वास्थ्य सेवा प्रणाली पहले भी इस वायरल प्रकोप से निपट चुकी है। खासकर अगर यह डेंगू या मौसमी फ्लू जैसी अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के साथ ही होती है। इसके अलावा, भारत एक घनी आबादी वाला देश है। ऐसे में अगर यहां एमपॉक्स आता है, तो वायरस को वहां तेजी से फैलने में मदद मिल सकती है। इसलिए भारत को स्थिति पर सावधानीपूर्वक नजर रखनी चाहिए, क्योंकि आम जनता के पास एमपॉक्स से सुरक्षा का अभाव है, और अतिसंवेदनशील आबादी (जैसे कि कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले) के लिए गंभीर कठिनाइया हो सकती हैं।

एमपॉक्स से खुद को बचाने के लिए जो निम्न हैं-

एमपॉक्स से बचने के लिए दूषित सतहों के संपर्क में आने के बाद, अपने हाथों को अक्सर साबुन और पानी से धोएं या अल्कोहल बेस्ड हैंड सैनिटाइजर का उपयोग करें।
अगर आप किसी ऐसी जगह पर जा रहे हैं या वहां से होकर गुजर रहे हैं, जहां एमपॉक्स वायरस की सूचना मिली है, तो भीड़-भाड़ वाले इलाकों से दूर रहकर वायरस को फैलने से रोकने के लिए अतिरिक्त सावधानी बरतें।
वायरस को फैलने से रोकने के लिए हेल्थ एक्सपर्ट और बीमार परिवार के सदस्यों की देखभाल करने वाले किसी भी व्यक्ति को मास्क और दस्ताने जैसे प्रोटेक्टिव गियर पहनना चाहिए।
किसी भी ऐसे व्यक्ति से दूरी बनाए रखें, जो बीमार है या वह घाव या चकत्ते सहित एमपॉक्स के लक्षण प्रदर्शित कर रहा है। साथ ही इनके साथ अपने कपड़े, गद्दे या तौलिए जैसी निजी चीजें शेयर न करें।

एमपॉक्स रोगियों का अलग से इलाज करने के लिए दिल्ली में तीन सरकारी अस्पतालों को प्रमुख सुविधाओं के रूप में चुना गया है। इन तीन अस्पतालों में राम मनोहर लोहिया अस्पताल, सफदरजंग अस्पताल और लेडी हार्डिंग अस्पताल के नाम शामिल हैं।
इस बार का वायरस स्ट्रेन अलग है और अधिक जहरीला और संक्रामक है। समाचार एजेंसी पीटीआई ने एक अधिकारी के हवाले से बताया, लेकिन मौजूदा आकलन के अनुसार, देश में निरंतर प्रसारण के साथ बड़े प्रकोप का जोखिम कम है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने अफ्रीका के कई हिस्सों में इसकी व्यापकता और प्रसार को देखते हुए एमपॉक्स को अंतरराष्ट्रीय चिंता का सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित कर दिया है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का आदेश दिया है कि परीक्षण प्रयोगशालाओं का नेटवर्क बीमारी के शीघ्र इलाज के लिए तैयार है। वर्तमान में, देश में 32 प्रयोगशालाएं एमपॉक्स परीक्षण के लिए रखी गई हैं।

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डब्ल्यूएचओ के एक पूर्व बयान में कहा गया है कि 2022 से 116 देशों में एमपॉक्स के कारण 99,176 मामले और 208 मौतें हुई हैं। डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो में एमपॉक्स के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। पिछले साल, दुनिया भर में रिपोर्ट किए गए मामलों की संख्या में काफी बढ़ोतरी हुई। इस साल, अब तक दर्ज किए गए मामलों की संख्या पिछले साल की कुल संख्या से अधिक हो गई है, जिसमें 15,600 से अधिक मामले और 537 मौतें शामिल हैं।

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