केरल में तबाही- अब तक 123 लोगों की मौत की पुष्टि, बचाव कार्य जारी, 3000 से अधिक लोगों को बचाया गया, कई अभी भी लापता।

- पीएम मोदी ने मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख और घायलों को 50,000 रु. राशि देने की घोषणा की
केरल में देर रात आई लैंडस्लाइड की वजह से 123 लोगों की मौत हो चुकी है। केरल के वायनाड में ऊंचाई पर स्थित गांवों में मंगलवार को बड़े पैमाने पर हुई भूस्खलन की घटनाओं के बाद तबाह हुए मकान, उफनती नदियां और उखड़े हुए पेड़ों के दृश्य दिखाई दिए। भूस्खलन प्रभावित इलाकों तक सेना पहुंच चुकी है। रेस्क्यू कार्य में एनडीआरएफ समेत कई टीमें लगी हुई है। कई टीमों द्वारा बचाव कार्य जारी है। इस त्रासदी का मुद्दा देश को दोनों सदनों में भी उठा। कांग्रेस सासंद राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वायनाड में भूस्खलन प्रभावित इलाकों का दौरा करेंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने केरल के सीएम पी. विजयन से बात की और हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है।
भूस्खलन प्रभावित इलाकों में वायनाड के मुंडक्कई, चूरलमाला, अट्टमाला और नूलपुझा गांव शामिल हैं। सेना व बचाव दल युद्ध स्तर पर राहत एवं बचाव कार्य में जुटे हैं। आपदा की विभीषिका का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बचावकर्मियों को नदियों और कीचड़ से लोगों के क्षत-विक्षत अंग मिल रहे हैं। केरल के वायनाड में भारी बारिश के कारण मंगलवार तड़के बड़े पैमाने पर हुए भूस्खलन में चार गांव पूरी तरह तबाह हो गए। इस प्राकृतिक आपदा में 123 लोगों की मौत हो गई जबकि 128 लोग जख्मी हुए हैं। 3,000 से अधिक लोग बचाए जा चुके हैं। सीएम पिनाराई विजयन ने कहा कि आवश्यक आपूर्ति पहुंचाने के लिए कदम उठाए गए हैं। 20,000 लीटर पीने का पानी ले जाने वाले दो वाहन आपदा क्षेत्र में पहुंचेंगे। छुट्टी पर गए स्वास्थ्य कर्मियों को तुरंत काम पर लौटने का निर्देश दिया गया है।
गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि मंगलवार को केरल के वायनाड के मेप्पाडी इलाके में भूस्खलन के बाद 250 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है और बचाव कार्य के लिए 300 कर्मियों को तैनात किया गया है। केरल में भूस्खलन के बाद भी बारिश का प्रकोप जारी है। पलक्कड में बरसात की वजह से राज्य में कई नदियां उफान पर है। इसी बीच एक वीडियो सामने आई है,जिसमें देखा जा सकता है कि नदी के जोरदार बहाव की वजह से पुल टूट गया। हादसे के बाद कुछ लोग अपने घरों में फंस गए थे। भूस्खलन के कारण कई पुल भी बह चुके थे और सड़कों पर पानी भरा हुआ था जिसके कारण अपने घरों में फंसे लोगों के पास बाहर निकलने का कोई रास्ता नहीं बचा था। ऐसी ही एक बातचीत में चूरलमाला शहर की निवासी एक महिला को जोर-जोर से रोते हुए यह कहते सुना गया कि उसके घर में कोई व्यक्ति मलबे में फंस गया है और उसे बाहर नहीं निकाला जा सका।
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चूरलमाला के एक और निवासी ने फोन पर बातचीत के दौरान कहा कि उनका मकान अब भी हिल रहा है और उन्हें नहीं पता कि क्या किया जाए। उन्होंने कहा, धरती हिल रही है। इस जगह बड़ा शोर है। हमारे पास चूरलमाला से बाहर आने का कोई रास्ता नहीं बचा है। एक अन्य व्यक्ति ने फोन पर सूचना दी कि मुंडक्कई में बड़ी संख्या में लोग मलबे में फंसे हैं और जिंदा रहने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर कोई मेप्पदी इलाके से वाहन से यहां आ सकता है तो हम सैकड़ों लोगों की जान बचा सकते हैं। उन्होंने बताया कि हम घर में सो रहे थे। अचानक एक तेज आवाज सुनाई दी और हमने बड़े-बड़े पत्थर तथा पेड़ों को हमारे मकान की छत पर गिरते हुए देखा।
घर में बाढ़ का पानी घुस गया जिससे घर का दरवाजा टूट गया। उन्होंने यह भी बताया कि किसी ने उन्हें बचाया और अस्पताल पहुंचाया लेकिन उनकी पत्नी का कुछ अता-पता नहीं चला है। केरल राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (केएसडीएमए) ने बताया कि अग्निशमन और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की टीमों को प्रभावित क्षेत्र में तैनात किया गया है। वहीं, एनडीआरएफ की एक अतिरिक्त टीम वायनाड जा रही है। इलाके के सीएमओ के मुताबिक, स्वास्थ्य विभाग - राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने एक नियंत्रण कक्ष खोला है और आपातकालीन सहायता के लिए हेल्पलाइन नंबर 9656938689 और 8086010833 जारी किए हैं।
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लोकसभा में विपक्ष के नेता और वायनाड से पूर्व सांसद राहुल गांधी ने ट्वीट किया, मैं वायनाड में मेप्पाडी के पास हुए बड़े पैमाने पर भूस्खलन से बहुत दुखी हूं। मैंने केरल के मुख्यमंत्री और वायनाड के जिला कलेक्टर से बात की है, जिन्होंने मुझे आश्वासन दिया है कि बचाव अभियान जारी है। मैंने उनसे सभी एजेंसियों के साथ समन्वय सुनिश्चित करने, एक नियंत्रण कक्ष स्थापित करने और राहत प्रयासों के लिए आवश्यक किसी भी सहायता के बारे में हमें सूचित करने का अनुरोध किया है। मैं केंद्रीय मंत्रियों से बात करूंगा और उनसे वायनाड को हर संभव सहायता प्रदान करने का अनुरोध करूंगा। मैं सभी यूडीएफ कार्यकर्ताओं से बचाव और राहत कार्यों में प्रशासन की सहायता करने का आग्रह करता हूं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया और लिखा कि वायनाड के कुछ हिस्सों में भूस्खलन से व्यथित हूं। मेरी संवेदनाएं उन सभी लोगों के साथ हैं जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया है और घायलों के लिए प्रार्थना करता हूं। प्रभावित लोगों की सहायता के लिए बचाव अभियान अभी जारी है। केरल के सीएम पिनाराई विजयन से बात की और वहां की मौजूदा स्थिति के मद्देनजर केंद्र से हर संभव मदद का आश्वासन दिया।
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